लखनऊ के बहुचर्चित “सरवन जायसवाल” हत्याकांड में जमाल अकबर सहित सभी आरोपी दोषमुक्त
रिपोर्ट- अलीम कशिश
लखनऊ । सन 2004/- में राजधानी में घटित बहुचर्चित सरवन जायसवाल हत्याकांड में समाजवादी पार्टी अल्पसंख्यक सभा के प्रदेश महासचिव एव मीडिया प्रभारी जमाल अकबर सहित सभी सह अभियुक्तों को पर्याप्त साक्ष्यों के आभाव में मान्नीय सत्र न्यायाधीश श्रीमान डी,एन, सिंह नें दोशमुक्त करार देते हुए बाईज़ज़त बरी कर दिया ।
सनद रहे की फरवरी 2004/-में राजधानी लखनऊ में वर्चस्स को लेकर सरवन जायसवाल की हत्या कर दी गयी थी ।
सरवन जायसवाल स्वंय कई मामलों में वाछित था तथा तेज़ी से राजधानी लखनऊ के अंडरवर्ल्ड में चढता हुआ एक नाम था ।
सन 2004/- एव उसके आस पास के समय में राजधानी लखनऊ में अंडरवर्ल्ड काफी सक्रीय था जिसे राजनैतिक सरंक्षण प्राप्त था ।
प्रदेश के अधिकतर सरकारी ठेकों से लेकर सायकिल स्टैंडों पर क़ब्जा, अपहरण, अवैध वसूली, में लिप्त अंडरवर्ल्ड में वर्चस्व स्थापित करनें, एव उसके समकक्ष खडा होने के उद्देश्य से अनेकों गैंगवार एव हत्याऐं हुईं थी ।
इन्हीं में से एक चर्चित कांड सरवन जायसवाल हत्याकांड भी था ।
जिसमे पुलिस नें समाजवादी पार्टी अल्पसंख्यक सभा के वर्तमान में प्रदेश महासचिव एव मीडिया प्रभारी, तथा उस समय के शीया कालेज छात्र संघ के अध्यक्ष जमाल अकबर, सहित राहुल खन्ना,भीम सेन उर्फ भीम शंकर, मान्वेन्द्र उर्फ मानू, तथा अलताफ़ पर हत्या एव हत्या की साज़िश रचने का आरोपी बनाया था ।
जिसका पटाक्षेप करते हुए मान्नीय सत्र न्यायाधीश श्री डी,एन, सिंह ने आज सत्र परिक्षण संख्या /753/2005/ अभियुक्त जमाल अकबर, राहुल खन्ना,
सत्र परिक्षण संख्या 779/2005/- अभियुक्त भीम सेन उर्फ भीम शंकर, मानवेन्द्र उर्फ मानू, उर्फ शशी शंकर,
सत्र परिक्षण संख्या 410/2009/-अभियुक्त अलताफ़ को धारा 302 / 120/B/-के तहत पुलिस द्वारा लगाये गये आरोपों से साक्ष्यों के आभाव में दोषमुक्त करार दिया ।