सुप्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता बेगम नसीम इख्तिदार अली आज होंगी सुपुर्द-ए-खाक
प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की पहली महिला सदस्य भी थी डॉ. बेगम नसीम इख्तिदार अली
लखनऊ। प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की पहली महिला सदस्य डॉ. बेगम नसीम इख्तिदार अली का शनिवार शाम निधन हो गया। वे 82 वर्ष की थीं और कैंसर से पीड़ित थीं। पिछले काफी वर्षों से उनका इलाज चल रहा था।
उन्होंने अंतिम सांस न्यू बेरी रोड स्थित अपने निवास स्थान पर ली। वे पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त एमवाई कुरैशी की सास थीं। बेगम की मौत की खबर फैलते ही उनके चाहने वालों के बीच शोक की लहर फैल गई।
डॉ. बेगम नसीम के परिवार में उनके बेटे मोहम्मद अब्दुल्लाह और तीन बेटियां हुमरा कुरैशी, हबीबा हसन और आसमा खान हैं। उनके पैतृक निवास स्थान शाहजहांपुर स्थित उस्मान बाग में रविवार को दोपहर एक बजे सुपुर्द- ए-खाक किया जाएगा।
शनिवार देर रात उनके पार्थिव शरीर को उनके पैत्रिक गांव के लिए ले जाया गया। उनके दिवंगत होने की सूचना मिलने पर रिश्तेदार और पहचान वालों का देर रात तक निवास स्थान पर उनके अंतिम दर्शन के लिए तांता लगा रहा।
*सामाजिक कार्यों के साथ ही लेखन में भी थी रुचि*
बेटे मोहम्मद अब्दुल्लाह ने बताया कि वे कई मुस्लिम समाजिक संगठनों से जुड़ी रहीं। वे अपने सामाजिक कार्यों के लिए खासकर महिलाओं के बीच प्रसिद्ध थीं। सामाजिक कार्यकर्ता के अलावा वे लेखक भी थीं।
सामजिक मुद्दों पर उन्होंने कई लेख लिखे हैं। इसके अलावा उर्दू कवयित्री के रूप में भी अपनी अलग पहचान बना चुकीं थीं। उन्होंने गोरखपुर विश्वविद्यालय से पीएचडी की उपाधि ली थी।
*ऐसा संघर्ष : बच्चे स्कूल जाने लगे तो दोबारा शुरू की पढ़ाई*
शादी के बाद जब उनके बच्चे स्कूल जाने लगे तब उन्होंने अपनी पढ़ाई दोबारा शुरू की और स्नातक की पढ़ाई पूरी की। यूजीसी से छात्रवृत्ति मिलने के बाद उन्होंने पीएचडी पूरी की। उनकी खुद की कहानी बाकी महिलाओं के लिए मिसाल और प्रेरणादायक है। वे काफी वर्षों से कैंसर से पीड़ित थीं। इस दौरान वे कई सर्जरी झेल चुकीं थीं