हर साल की तरह इस साल भी ग्रामीणों की अगवाई में तरह तरह के करिक्रम से ग्रामसभा खैरी में रामविवाह हुआ सम्पन्न
संवाददाता मोहम्मद सुब्हान की रिपोर्ट
शुजागंज(अयोध्या)रुदौली छेत्र के अंतर्गत ग्रामसभा खैरी में आयोजित रामविवाह सम्पन्न कलयुग में श्री मद्भागवत एवं रामचरित मानस रुपी गंगा ही,प्राणी को इस भवसागर से पार कराकर आत्मा का परमात्मा से मिलन करा सकती है यानि स्वर्ग की प्राप्ति संभव है।इस कलयुग में केवल राम नाम सत्संग ही मोक्षाधार है। महाराज ने गुरु एवं नाम महिमा के साथ भावना एवं भक्ति की सुन्दर व्याख्या की।
ग्रामसभा खैरी में आयोजित श्री राम कथा में कथा वाचक ने कहा की गुरु का अर्थ है कि गुरु अपने शिष्य को सदैव अन्धकार मय जीवन से मुक्त कर प्रकाश की ओर आगे बढ़ाने का मार्ग दर्शन करते हैं।भगवान शिव सम्पूर्ण विश्व के गुरु हैं,माँ पार्वती के आग्रह पर मानस जैसी गंगा की कथा सुनाई। सम्पूर्ण मानव समाज को अपने क्षेत्र से चलकर गंगा में डुबकी लगाने हेतु इस जगत में आना पड़ता है।परन्तु रामचरित मानस रुपी गंगा विश्व के प्रत्येक जनों तक स्वयं पहूँचेगी अर्थात गुरु वही है जो मनुष्य को परमात्मा से जोड़ दे।
कहा की जो व्यक्ति स्वयं में सुधार करे उसे हंस कहते हैं और जो स्वयं के साथ दूसरे के जीवन में सुधार कर सदगुणों के मार्ग पर चलते हैं उसे परमहंस कहते हैं। स्वर्ग एवं नरक की सुंदर व्याख्या करते हुए कहते हैं कि मनुष्य जब अपनी अज्ञानता वश भौतिक सुख हेतु दुराचार,पापाचार,व्यभिचार,भ्रष्टाचार मे लिप्त हो जाता है,तो उसे नरकीय जीवन यापन करना पड़ता है,वह परमात्मा तक नहीं पहुंच पाता है एवं बार-बार जीवन मरण की लीला मे भटकता रहता है।
हनुमानजी की तरह भगवान के नाम का सुमिरन और कीर्तन करते रहे।उन्होंने कहा कि शरीर का सम्बंध स्थाई नहीं होता। स्थाई सम्बन्ध तो आत्मा का परमात्मा से होता है, इसलिए मनुष्य को अपनी सोच का दायरा बढ़ाना चाहिए।मनुष्य को सियाराम मैं सब जग जानी के सिद्धान्त पर जीना चाहिए।सभी मे परमात्मा के दर्शन करना चाहिए।अमरसिंह,छोटेलाल वर्मा,भगीरथ यादव,रमासंकर वर्मा, रमेश कुमार अर्जुन सिंह,दिखिराम वर्मा, एवं अन्य लोग उपस्थित रहे।