भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी वृध की ज़मीन राजस्व अधिकारियों की मिली भगत से वृध की जमीन करायी अपने नाम
सायद साजिस कर्ताओं को नही था पता कि एक दिन सच होगा उजागर
तत्कालीन सिक्रेटरी व सुनबा बिहारा के लेखपाल तथा तत्कालीन राज्स्व निरीक्षक सक के घेरे मे
रुदौली तहसील के सुनबा गांव के मृतक राम चरन सिंह के जमीन का मामला
(डा अंशुमान सिंह गुडडू). श्री कामाख्या धाम-फैजाबाद।आज के जमाने मे धोखेबाजों व जालसाजों की कमी नही है।स्थानीय तहसील रुदौली के सुनबा गांव मे झकझोर देने वाला एक बहुत बडा घोटाला व गडबड झाला सामने आया है।बताते हैं कि यहां के निवासी रामचरन सिंह पुत्र संतबक्श सिंह करीब पचास वर्ष पूर्व गायब हो गये थे ।
उनका दिमागी संतुलन ठीक नही था और जब वे गायब हुये थे तब उनकी आयु बुजुर्गों की माने तो पचास वर्ष के आसपास ही थी उनके चचेरे भाई राम बचन व रामबरन अशिक्षित होने के कारण भाई की संपत्ति अपने नाम वरासत नही करा सके।करीब ढाई वर्ष पूर्व एक दंद फंदी युवक ने धर्मेन्द्र सिंह ने लापता रामचरन सिंह के परिवार रजिस्टर अपनी मां का नाम लापता की बेटी बनाकर तत्कालीन सिक्रेटरी प्रमोद श्रीवास्तव से मिल कर करा दिया।
बाद मे उसने अपनी मां के नाम लापता की जमीन लाने के लिये तहसील से खेल आरम्भ किया क्यों कि मामला आठ बीघे जमीन का है और इतनी जमीन आजके जमाने मे करीब तीस लाख की है।फिलहाल मिलीभगत व भ्रष्टाचारी के बले पर बेटे धर्मेन्द्र की मेहरबानी से परवेश कुमारी पत्नी हरिबहादुर सिंह के नाम पाका11मे दर्ज हो गयी।
करीब छेः माह बाद जब राम चरन के चचेरे भाई राम बरन को हकीकत पता चला तो उसने ग्रामीणों के सहयोग से तहसील न्यायालय मे मुकदमा किया जहां वादी की ओर से पेश किये गये कागजात बताते हैं कि रामचरन सिंह के पिता का नाम संतबक्श सिंह व बाबा का नाम सरजू सिंह ठाकुर था।
लेकिन जालसाज के कागजात संतबक्श सिंह के पिता का नाम गुरुदीन सिंह बता रहा है।यही नही वर्ष 2006मे रामबरन द्वली गयी परिवार रजिस्टर नकल मे रामचरन के अलावा कोई नही है।तत्कालीन सिक्रेटरी प्रमोद श्रीवास्तव जी ने बडी चालाकी से मनगढंत नाम गुरुदीन सिंह आदि अंकित किया है मनगढंत नामों के अंकन का दिनांक भी अंकित नही है।
बडी मजे की बात तो यह कि जमीन परवेश कुमारी के नाम अंकन का मामला राज्स्व निरीक्षक मवई ने नही बल्कि सुजागंज ने दिया था जिससे जालसाजी व भ्रष्टाचारी होने का और भी प्रमाण मिलता है।मामला तहसील न्यायालय मे विचाराधीन है गेंद न्यायाधीश के पाले मे फाइल आर्डर पर है देखना है ऊंट किस करवट बैठता है।यद्यपि वृद्धि रारन की ओर से गांव के पांच लोगों के शपथ पत्र दाखिल हैं की रामचरन सिंह अविवाहित हैं इसके अलावा ग्राम प्रधान ने भी लिखित दिया है कि रामचरन सिंह अविवाहित थे।तमाम सबूत रामचरन सिंह के चचेरे भाई राम बरन के पक्ष मे हैं।
कहीं से कोई आधार नही है कि जमीन परवेश कुमारी को मिले लेकिन हाथ चलै मुह बाजै वहिका कलयुग छाजै।क्यों कि परवेश कुमारी का पुत्र धर्मेन्द्र सिंह गांव मे बताता है कि सरकार बीजेपी की है और बिधायक जी का हाथ मेरे सर पर है।
फिलहाल फैसला न्यायालय को करना है रामबरन वृद्धि को पूर्ण उम्मीद माननीय न्यायालय पर है।परवेश कुमारी कौन हैं जानिये हकीकत परवेश कुमारी पूरे भग्गूसिंह ड्योढी फैजाबाद के सम्मानित मास्टर शिव सहाय सिंह की पोती हैं इनके पिता का प्रतिनिध को पता नही चल सका किन्तु इनके एक भाई का नाम रविन्द्र सिंह है जो यहां आता जाता है और रोडवेज बस भी संविदा पर चलाता था वर्तमान मे क्या करता है मालूम नही।
इस मामले का वाद जिला एवं सत्र न्यायालय फैजाबाद मे भी परवेश कुमारी धर्मेन्द्र सिंह तत्कालीन सिक्रेटरी सुनबा व राज्स्व निरीक्षक सुजागंज तथा तत्कालीन लेखपाल सुनबा व बिहारा के विरुद्ध विचाराधीन है क्यों कि रामचरन सिंह की कुछ जमीन पडोसी गांव बिहारा मे भी है।लेकिन न्यायालय का मामला बहुत बिल्मब लग रहा कहीं वादी रामबचन जो 80वर्षीय वृद्धि हैं साकेत धाम की ओर रवाना न हो जायें।
इसलिये मामले का निस्तारण अबिलम्ब आवश्यक हो गया है दोनों जगह तहसील व सत्र न्यायालय मे करीब दो वर्षों से मामला है।फैसला कब होगा माननीय न्यायाधीश के अधीन है।सत्य मेव जयते,जय हिन्द जय भारत