उत्तर प्रदेशलखनऊ

 रीजेंसी सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल, लखनऊ 22 अगस्त को रक्षा बंधन के अवसर पर छाती और डायबिटीज़ की समस्या से पीड़ित कोविड मरीजों के लिए एक मुफ्त हेल्थ चेकअप कैंप का आयोजन करेगा

21 अगस्त 2021
लखनऊ: – रीजेंसी सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल, लखनऊ 22 अगस्त को रक्षा बंधन के अवसर पर छाती और डायबिटीज़ की समस्या से पीड़ित कोविड मरीजों के लिए एक मुफ्त हेल्थ चेकअप कैंप का आयोजन कर रहा है। भाई बहन को इस कैंप में मुफ़्त कंसल्टेशन दिया जाएगा। कैंप का आयोजन रीजेंसी सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल, लखनऊ पर किया जाएगा और लोग वेबसाइट https://regencyhealthcare.in/ पर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। डॉ उबैदुर रहमान, क्रिटिकल केयर और इंटरनल मेडिसिन- सीनियर कंसल्टेंट और एमडी (जनरल मेडिसिन) द्वारा छाती और डायबिटीज़ के लिए नि:शुल्क कंसल्टेशन प्रदान किया जाएगा। इसके लिए रजिस्ट्रेशन फीस केवल 100 है और मेडिकल टेस्ट पर 25% छूट है। डॉ रहमान यह भी बताएंगे कि इन बीमारियों से कैसे बचा जाए। इसके अलावा वह कोविड-19 से उबरने के बाद स्वास्थ्य बेहतर बनाए रखने के टिप्स साझा करेंगे।
कैंप को ‘ रक्षा बंधन, बॉन्ड ओवर हेल्थ’; का नाम दिया गया है। इसका उद्देश्य संभावित तीसरी लहर के मद्देनजर लोगों को बीमारियों से सुरक्षित रखना है। कोविड-19 से अक्सर निमोनिया और एक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम (ARDS) होता है,ARDS फेफड़ों की एक गंभीर चोट है। कोविड से ठीक हो चुके मरीजों में अन्य लक्षणों में खांसी, टीबी, सांस लेने में कठिनाई और अस्थमा या सीओपीडी (पुरानी सूजन फेफड़ों की बीमारी) और छाती की अन्य समस्याएं शामिल हैं। इस मानसून के दौरान छाती और डायबिटीज़ के मरीजों में भी वृद्धि हुई है। कोविड-19 ने बारिश के मौसम ने सह-संक्रमण की संभावना को बढ़ा दिया है। सर्दी , छाती में जमाव और SARS-CoV-2 जैसी दो बीमारियां एक साथ होने से घातक हो सकती है। महामारी के दौरान यह भी पता चला है कि डायबिटीज वाले लोगों को गंभीर कोविड संक्रमण होने का खतरा ज्यादा होता है।
रीजेंसी सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल, लखनऊ के क्रिटिकल केयर और इंटरनल मेडिसिन- सीनियर कंसल्टेंट और एमडी (जनरल मेडिसिन) डॉ उबैदुर रहमान ने कहा, ‘;कोविड-19 के गंभीर केसेस में संक्रमण आपके फेफड़ों में हवा की थैली की दीवारों और अंदरूनी परत को नुकसान पहुंचा सकता है। जैसे-जैसे आपका शरीर इस संक्रमण से लड़ने की कोशिश करता है, आपके फेफड़े ज्यादा सूज जाते हैं और तरल पदार्थ से भर जाते हैं। इससे उनके लिए ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड का आदान प्रदान करना मुश्किल हो सकता है, ऐसे में ऐसे मरीजों को तत्काल चिकित्सा मदद की जरूरत होती है। अगर वे संक्रमण से ठीक भी हो जाते हैं, तो उनमें सांस लेने में कठिनाई और छाती की अन्य समस्याओं जैसे कई लक्षण विकसित होते हैं। ऐसे में हम सांस लेने के की एक्सरसाइज और योग करने की सलाह देते हैं ताकि यह फेफड़ों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करे। रीजेंसी सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल में हमारे पास ऐसे मरीजों के इलाज के लिए सर्वोत्तम उपकरणों के साथ सभी बेहतरीन सुविधाएं और तकनीक है।“
कोविड से ठीक हो चुके मरीजों में छाती की समस्या होने के अलावा वे बलगम या कफ, एलर्जी, अनिद्रा, खर्राटे और खांसी से भी पीड़ित होते हैं।

डॉ रहमान रविवार को डायबिटीज़ से पीड़ित पोस्ट कोविड मरीजों को मुफ्त कंसल्टेशन भी प्रदान करेंगे। उन्होंने इस सम्बन्ध में कहा, “ डायबिटीज़ से पीड़ित मरीजों को कोविड से उबरने के बाद ज्यादा प्यास या भूख, कमजोरी, बार-बार पेशाब आना, वजन कम होना, घाव भरने में देरी, प्रजनन अंगों में संक्रमण जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ा है। दरअसल किसी भी वायरस से ठीक होने पर डायबिटीज़ वाले लोगों में गंभीर कॉम्प्लिकेशन होने की संभावना ज्यादा होती है। इसलिए अगर आपका डायबिटीज़ अच्छी तरह से मैनेज किया जा रहा है, तो आपके कोविड-19 से बहुत बीमार होने का ख़तरा कम होने की संभावना है। रीजेंसी सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल एडवांस तकनीकों और डॉक्टरों की एक समर्पित टीम के लिए जाना जाता है जो वायरस से ठीक हो चुके डायबिटीज़ के मरीजों का इलाज करता है”

रीजेंसी सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल, लखनऊ में छाती में समस्या वाले और डायबिटीज़ से पीड़ित मरीजों के लिए रक्षाबंधन के मौके पर मुफ़्त कैंप का आयोजन किया।
– रक्षा बंधन पर्व के तहत मेडिकल हेल्थ कैंप का आयोजन किया जा रहा है।
– भाई-बहन के जोड़े को छाती और डायबिटीज़ की समस्याओं पर मुफ़्त कंसल्टेशन दिया जाएगा।
– इसके लिए रजिस्ट्रेशन फीस मात्र 100 रुपये है और मेडिकल टेस्ट पर 25% की छूट है।
– इस कैंप में ऐसे पोस्ट कोविड मरीजों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा जो छाती और डायबिटीज़ की समस्याओं से पीड़ित हैं या जिन्हें इंसेंटिव केयर की आवश्यकता है।
– महामारी के दौरान बरसात के मौसम में सह-संक्रमण की संभावना बढ़ गई है। सर्दी / छाती में जमाव और कोविड जैसी बीमारियां साथ में होने से घातक प्रभाव डाल सकती हैं।

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