उत्तर प्रदेशलखनऊ

सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री ने सी.आर.सी लखनऊ के 140 कमरे के छात्रावास भवन का किया उद्घाटन

 

सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री ने सी.आर.सी लखनऊ के 140 कमरे के छात्रावास भवन का किया उद्घाटन

 

लखनऊ 31 अक्टूबर 2021: समेकित क्षेत्रीय कौशल विकास, पुनर्वास एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण केन्द्र (सी.आर.सी.) लखनऊ के प्रांगण में शुक्रवार को पुनर्वास एवं छात्रावास भवन का उद्घाटन मुख्य अतिथि माननीय केंद्रीय मंत्री डॉ० वीरेंद्र कुमार, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार के कर कमलों द्वारा शनिवार को किया गया। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में सुश्री अंजली भावड़ा, सचिव दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार एवं डॉ० प्रबोध सेठ संयुक्त सचिव दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार उपस्थित रहे। सभी अतिथियों का स्वागत एन.आई.पी.वी.डी., देहरादून एवं पी.डी.यू.एन.आई.पी.पी.डी, नई दिल्ली निदेशक डॉ० हिमांशु दास ने किया गया।

कार्यक्रम के दौरान माननीय केंद्रीय मंत्री डॉ० वीरेंद्र कुमार ने कहा कि आजादी के ७५वें वर्ष पर हम सभी मिलकर अमृत महोत्सव का जश्न मना रहे हैं ऐसे में सी.आर.सी. लखनऊ के इस पुनर्वास एवं छात्रावास भवन का उद्घाटन करते हुए मुझे अत्यंत हर्ष का अनुभव हो रहा है। आज के इस दिवस पर मैं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग, पंडित दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय शारीरिक संस्थान, नई दिल्ली तथा सी.आर.सी लखनऊ की पूरी टीम को बधाई व शुभकामनाएं देता हूं। केन्द्रीय मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार जी ने पुनर्वास सह छात्रावास भवन के उद्घाटन समारोह में जानकारी दी कि यह भवन कुल 6921 स्क्वायर मीटर क्षेत्र में बना है, जिसमें कुल 140 कमरे हैं। इस भवन में छात्र एवं छात्राओं हेतु हॉस्टल, अतिथियों हेतु गेस्ट हाउस, दिव्यांगजनों को विभिन्न प्रकार की सेवाओं हेतु पुनर्वास खंड, विद्यार्थियों के लिए कक्षाएं, भोजन तथा मल्टीपर्पस हॉल, चिकित्सा कक्ष, दिव्यांगजनों के परिवार हेतु अल्पकालिक आवासीय व्यवस्था के लिए रहने की व्यवस्था आदि है। इस नव-निर्मित पुनर्वास एवं छात्रावास भवन के प्रवेश हेतु रैम्प तथा भवन के दोनों ओर सीढ़ियां व अत्याधुनिक लिफ्ट की व्यवस्था की गयी है।
सी.आर.सी.-लखनऊ विगत दो दशकों से दिव्यांगता पुनर्वास एवं विशेष शिक्षा में उत्कृष्ट कार्य कर रहा है। सी.आर.सी. लखनऊ द्वारा कोविड काल में विभागवार हेल्पलाइन नम्बर शुरू करना, बड़े पैमाने पर दिव्यांगजनों की मांग के अुनरूप वीडियो तथा ई-रिसोर्सेज़ का निमार्ण तथा क्षेत्रीय, राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय एजेन्सियों से व्यापक समन्वय स्थापित करके हजारों दिव्यांगजनों तक गुणवत्तापूर्वक सेवाएं पहुंचाना इत्यादि प्रशंसनीय कार्य किया जा रहा है। सी.आर.सी.-लखनऊ मानसिक स्वास्थ्य पुनर्वास हेल्पलाइन किरण” की व्यापकता बढ़ाने के लिये उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलाधिकारियों सहित 100 से अधिक संस्थाओं, विभागों, विद्यालयों तथा अस्पतालों आदि से समन्वय स्थापित कर चुका है। केन्द्र द्वारा यू.डी.आई.डी. कार्ड निर्माण हेतु अब तक 1000 से अधिक दिव्यांगजनों का पंजीकरण किया जा चुका है। केन्द्र द्वारा क्रॉस-डिसेबिलिटी शीघ्र हस्तक्षेप केन्द्र की भी शुरूआत की गयी है जिसका उद्घाटन तत्कालीन केन्द्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री जी द्वारा दिनांक 17 जून 2021 को किया गया। केन्द्र द्वारा लगातार बड़े पैमाने पर क्षमता वर्धन कार्यक्रम, जागरूकता कार्यक्रम, अल्पकालिक प्रशिक्षण कार्यक्रम, आकलन शिविर तथा उपकरण वितरण शिविर आदि आयोजित किये जा रहे हैं साथ ही साथ केन्द्र द्वारा दिव्यांगजनों हेतु वाराणसी व अलीगढ़ जनपदों में कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम भी संचालित किये जा रहे हैं।
इस अवसर पर उन्होंने ये भी कहा कि दिव्यांगजनों को उच्चस्तरीय गुणवत्तापूर्ण पुनर्वास सेवाएं प्रदान करने, उनका सशक्तिकरण तथा दिव्यांगता के क्षेत्र में उत्कृष्ट मानव संसाधन का विकास करने के उद्देश्य से मंत्रालय ने अब तक देश के विभिन्न राज्यों में 09 राष्ट्रीय संस्थानों तथा 21 समेकित क्षेत्रीय केन्द्रों को अनुमोदित किया है। मध्यप्रदेश के सिहोर जिले में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य पुनर्वास संस्थान (एन.आई.एम.एच.आर.) स्थापित किया गया है जिसकी कुल लागत 179 करोड़ है। उम्मीद है कि यह संस्थान 2022 से पूर्ण रूप से कार्य करना प्रारंभ कर देगा। यह संस्थान डिप्लोमा से लेकर एम.फिल. तक के कोर्स संचालित करेगा तथा साल में करीब 1.50 लाख लोगों को मानसिक पुनर्वास से सम्बंधित सेवाएं प्रदान करेगा।
डॉ. वीरेंद्र कुमार जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि एडिप योजनाः 2014-15 से अबतक 10,933 कैम्प, 20,74,505 लाभार्थी , 1168.44 करोड़ मूल्य के सहायक उपकरण तथा 27,695 मोटराइज़्ड ट्राई साईकिलें वितरित की जा चुकी हैं। दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016, दिनांक 19.04.2017 से प्रभावी दिव्यांगता की श्रेणी को 7 से बढाकर 21 कर दिया गया है, सरकारी नौकरियों में आरक्षण 3 प्रतिशत से बढाकर 4 प्रतिशत तथा उच्च शिक्षण संस्थाओं में 4 प्रतिशत से बढाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है। दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग ने दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 के अन्तर्गत 4 जनवरी, 2021 को केंद्र सरकार के प्रतिष्ठानों में बेंचमार्क दिव्यांगजनों (40 प्रतिशत और उससे अधिक की दिव्यांगता) के लिए यथा उपयुक्त कुल 3,566 पदों को अधिसूचित किया है। इनमें 1,046 समूह‘क’, 515 समूह ‘ख’, 1,724 समूह ‘ग’ और 281 समूह ‘घ’ पद शामिल हैं। दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए छात्रवृति योजनाः पिछले 06 वर्षों में 1,42,059 दिव्यांग छात्रों को 428.75 करोड़ रुपये की छात्रवृतियां। दिव्यांगता खेल केन्द्रः देश के पांच क्षेत्रों में दिव्यांगता खेल केन्द्र का प्रस्ताव। वर्तमान वित्त आयोग के दौरान ग्वालियर एवं शिलांग में केन्द्र स्थापना की सहमति। ग्वालियर खेल केंद्र का शिलान्यास 25 सितम्बर, 2020 को सम्पन हुआ। शेष तीन केन्द्र 15 वें वित्त आयोग के दौरान प्रस्तावित। ग्वालियर में 170.99 करोड़ रुपये की लागत से केन्द्र की स्वीकृति। निर्माण कार्य आदेश सी.पी.डब्ल्यू.डी. को जारी। जून, 2022 तक केंद्र चालू करने का लक्ष्य। मानसिक स्वास्थ्य पुनर्वास हेल्पलाईन ‘किरण’का उद्घाटन 7 सितम्बर 2020 को सम्पन हुआ। यह हेल्पलाईन 24 घंटे और सातों दिन 13 भाषाओं में मानसिक स्वास्थ्य सम्बन्धित परामर्श प्रदान कर रही है। दिव्यांग बच्चों तथा दिव्यांगता के रिस्क वाले बच्चों की समस्याओं के शीघ्र पहचान, उपचार व पुनर्वास हेतु 14 क्रॉस-डिसेबिलिटी शीघ्र हस्तक्षेप केन्द्रों का उद्घाटन 17.06.2021 को सम्पन्न हुआ। ये केन्द्र वर्तमान में देश के 07 राष्ट्रीय संस्थानों तथा 07 समेकित क्षेत्रीय केन्द्रों में संचालित हैं।
कार्यक्रम में मौजूद डॉ० प्रबोध सेठ जी ने कहा कि यह पुनर्वास एवं छात्रावास भवन लगभग १६ करोड़ की लागत से ७००० वर्ग मीटर क्षेत्र में निर्मित है। भवन में कुल १४० कमरे हैं। भवन पुनर्वास सेवाओं के साथ-साथ सुगम वातावरण में दिव्यांगजन हेतु शैक्षणिक सुविधाओं को प्रदान करेगा। भवन उत्तर प्रदेश के भिन्न भिन्न जनपदों से आये हुए विशेष आवश्यकता वाले बालक एवं बालिकाओं तथा उनके अभिभावकों एवं अल्पकालिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों में आने वाले प्रशिक्षणार्थियों को प्रवासी सुविधा उपलब्ध कराएगा। वहीं, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की सचिव सुश्री अंजलि भावा जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि अब दिव्यांगजनों को पुनर्वास सेवाओं के साथ-साथ उचित ठहराव की सुविधा मिलेगी जिससे सेवाओं के विस्तारी क्रम में और अधिक सुविधा मिल सकेगी।
१४ केंद्रों के छात्रों के साथ किया वर्चुअल संवाद
इस अवसर पर भारतीय पुनर्वास परिषद, नई दिल्ली एवं मेलबोर्न विश्वविद्यालय, ऑस्ट्रेलिया के संयुक्त प्रयास से संचालित सीबीआईडी प्रशिक्षणात्मक कार्यक्रम के प्रथम सत्र के १४ केंद्रों के छात्रों के साथ आभासी संवाद माननीय केंद्रीय मंत्री डॉ० वीरेंद्र कुमार के द्वारा सौ आरसी लखनऊ के प्रांगण से किया गया। इस प्रशिक्षणात्मक कार्यक्रम से तैयार विशेषज्ञों द्वारा सम्पूर्ण देश में रह रहे दिव्यांगजनों हेतु आवश्यक दिव्यांग मित्रों की कमी को पूरा किया जाएगा।
सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग द्वारा चयनित लाभार्थियों को बांटीं गई सिलाई मशीन
कार्यक्रम के अन्य क्रम में सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग, सामजिक न्याय अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार के अंतर्गत एन.एस.एफ.डी.सी./एन.बी.सी.एफ.डी.सी दवारा आकांक्षी जिला फतेहपुर लघु पशुधन समूह के चयनित लाभार्थियों का गोट ट्रस्ट द्वारा विडिओ कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रसारण किया गया। जिसमें प्रधान सचिव (समाज कल्याण) उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लाभार्थियों को सम्बोधित किया गया तथा एक लघु फिल्म दिखाई गयी। मुख्य अतिथि माननीय केंद्रीय मंत्री डॉ वीरेंद्र कुमार द्वारा यू.पी.एस.सी. एफ.डी.सी. द्वारा एस.सी.एस.पी योजना लाभार्थियों को मंजूरी पत्र तथा पांच महिला लाभार्थियों को सिलाई मशीनों का वितरण किया गया। कार्यक्रम में सम्मिलित मुख्य अतिथि विशिष्ट अतिथियों एवं अन्य गणमान्य व्यक्तिया का धन्यवाद ज्ञापन श्री रमेश पांडेय, निदेशक, सी.आर.सी लखनऊ के द्वारा किया गया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Back to top button