उत्तर प्रदेशलखनऊ

अपोलो हॉस्पिटल के सर्जन डॉक्टर वी श्रीपति ने की प्रेस वार्ता- बच्चों के बीमारी के बारे में दी जानकारी

जितेन्द्र कुमार खन्ना-विशेष संवाददाता

लखनऊ 6 अक्‍टूबर। पिछले दो दशकों से बड़ी सर्जरी में भी मिनिमल इनवेसिव सर्जरी (एमआईएस) में तेजी देखी गयी है जो एक कम दर्द और बिना निशान वाली शल्य चिकित्सा है। यह आजकल के युवाओं की पहली पसंद बन गई है जिससे उनको अच्छे परिणाम मिलते हैं हालांकि बच्चों में रिकंस्ट्रक्टिव लेप्रोस्कोपिक सर्जरी की कमी है क्योंकि इस सर्जरी में भी एक छोटे से हिस्‍से पर टांके लगाने पड़ते हैं, जो कम मुश्किल काम नहीं है। यही नहीं इस सर्जरी में छोटी सी गलती से बड़ा नुकसान हो सकता है।
 
यह जानकारी एक पत्रकार वार्ता में अपोलो चिल्‍ड्रेंस हॉस्पिटल्‍स चेन्‍नई के बच्‍चों के मूत्ररोग विशेषज्ञ व रोबोटिक सर्जन डॉ वी श्रीपति ने दी। उन्‍होंने कहा कि लंबे समय तक लैप्रोस्कोपिक सर्जरी भी दो आयामी दृश्य और कठोर उपकरणों की वजह से सर्जन पर अत्यधिक तनाव डालती है। उन्‍होंने बताया कि कैमरे के लेंस अक्सर मिस्ट करते हैं और उनमें लगातार सफाई की आवश्यकता होती है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि सर्जन पूरी तरह से अपने सहायक पर निर्भर है जिसे कैमरे को ठीक तरह से पकड़ने की जरूरत है। आपको बता दें कि एक अक्षम सहायक लैप्रोस्कोपिक सर्जरी के बर्बाद होने की वजह बन सकता है।
 
 
उन्‍होंने बताया कि बच्‍चों के लिए डा विंकी रोबोटिक इंटरफेस लेप्रोस्कोपिक सर्जरी को अत्याधुनिक बनाया गया है, साथ ही साथ इसमें बहुत प्रभावशाली बदलाव भी किए हैं। इनमें किसी भी अंग को थ्री डायमेंशन में उसके असली रंगों के साथ देखने की सुविधा है। इसी के साथ इस नयी तकनीक में सर्जन का अपने कैमरे पर पूरी तरह नियंत्रण रहता है है तथा सर्जन कैमरे को न सिर्फ जूम कर सकता है बल्कि अपनी सहूलियत के अनुसार इधर-उधर घुमा सकता है। डॉ श्रीपति ने बताया कि रोबोटिक सर्जरी में इस्‍तेमाल होने वाले कैमरों से दस गुना बड़ा करके देखने की सुविधा होने से नाजुक सर्जरी भी अगल-बगल के ऊतकों को छेड़े बिना सफलतापूर्वक की जा सकती है। यही नहीं इस सर्जरी की खासियत यह है कि रोबोटिक हैंड को चिकित्‍सक जरूरत के अनुसार चारों तरफ मोड़ कर छोटी से छोटी जगह तक आसानी से पहुंच जाता है। उन्‍होंने बताया कि रोबोटिक सर्जरी की यही खूबियां सर्जरी के टाइम को कम करती हैं। आज अधिकांश युवा भी विशेष कर मूत्र सर्जरी में रोबोटिक सर्जरी को प्राथमिकता दे रहे हैं।
 
 
 डॉ श्रीपति ने बताया कि वर्ष 2012 में यूएस में ट्रेनिंग करने के बाद उन्‍होंने अपनी पहली रोबोटिक सर्जरी एक अफ्रीकन बच्चे पर की थी, यह बच्‍चा सड़क दुर्घटना में घायल हो गया था। यह समाचार मीडिया जगत में तेजी से फैला था और इसी के साथ पीडियाट्रिक रोबोटिक सर्जरी भारत में लॉन्च हुई। उन्‍होंने बताया कि अब तक उन्‍होंने 200 से ज्यादा सफल सर्जरी की हैं। उन्‍होंने बताया कि कई तरह की सर्जरी उनके द्वारा की गयी हैं इनमें थेजीनीटो यूरीनरी ट्रैक्‍ट, लिवर और पित्‍त मार्ग, गैस्‍टो इन्‍टस्‍टाइनल ट्रैक्‍ट तथा थोरैक्‍स शामिल हैं। उन्‍होंने बताया कि उन्‍होंने एक 50 दिन के बच्चे की रोबोटिक सर्जरी की है जिसका वजन 4 किलो था। सभी बच्‍चे जल्‍दी ठीक हो गये, उनके अभिभावक भी जल्‍दी डिस्‍चार्ज और कम दर्द के कारण बहुत खुश हैं। डॉ श्रीपति ने बताया कि वह अब अगली पीढ़ी को ट्रेनिंग दे रहे हैं जिसका शीर्षक ‘सेफ एंड इफेक्टिव रोबोटिक सर्जरी इन चिल्ड्रन’ है। उन्‍होंने बताया कि अपोलो हॉस्पिटल के चेयरमैन की मदद से इस सर्जरी की लागत में सब्सिडी भी दी जा रही है जिससे कि ज्‍यादा से ज्‍यादा लोग रोबोटिक सर्जरी का लाभ उठा सकें। उन्‍होंने बताया कि उन्‍हें पूरा विश्‍वास है कि बच्‍चों में मिनिमल इनवेसिव सर्जरी का भविष्‍य रोबोटिक सर्जरी है।
 
 
अपोलो चिल्‍ड़ेनंस हॉस्पिटल, चेन्‍नई के बारे में
अपोलो चिल्ड्रेन हॉस्पिटल 80-बिस्तर वाली सुविधाओं से युक्‍त एक सुपरस्‍पेशियलिटी हॉस्पिटल है। यह बच्‍चों के स्‍वास्‍थ्‍य का विशेष रूप से देखभाल करने वाला प्रमुख केंद्र है। यहां पर पीडियाट्रि‍क्‍स और बाल चिकित्‍सा सर्जरी में सभी प्रमुख विशेषताएं मौजूद हैं। बच्चों के लिए विशेष रूप से स्वास्थ्य देखभाल वाला यह अपोलो अस्पताल का प्रमुख बाल देखभाल केंद्र है जिसमें पेडियाट्रिक्स और बाल चिकित्सा सर्जरी में सभी प्रमुख विशेषताओं हैं। हम बच्चे के अनुकूल वातावरण में देश में बेहतरीन quaternary- स्तर की बाल चिकित्सा देखभाल प्रदान करते हैं। हमारे अस्पताल में एक व्यापक देखभाल टीम है जिसमें भारत के कुछ बेहतरीन चिकित्सक, शल्य चिकित्सक और सहायक स्टाफ शामिल हैं। हमारी अत्याधुनिक सुविधाओं में 9-बिस्तर वाली बाल चिकित्सा गहन देखभाल सुविधा, 14-बिस्तर वाले स्तर IV नियोनैटोलॉजी गहन देखभाल इकाई, बाल चिकित्सा कैथ लैब और जटिल कार्डियक प्रक्रियाओं के लिए एक समर्पित सुविधा शामिल है। हमारी गहन देखभाल सुविधाओं में तीव्र श्वसन और हृदय संबंधी स्थितियों के इलाज के लिए उन्नत अतिरिक्त-कॉर्पोरियल झिल्ली ऑक्सीजनेशन (ईसीएमओ) दिल-फेफड़ों का समर्थन प्रणाली शामिल है। हम एक 24 घंटे के बाल चिकित्सा आपातकालीन विभाग से लैस हैं, जिसमें विशेष चिकित्सा चिकित्सा एम्बुलेंस सेवा है, जो ‘गोल्‍डेन आवर’ के भीतर गंभीर स्थितियों का प्रबंधन करने के लिए तैयार है। अन्य सुविधाओं में एक समर्पित लिवर और किडनी प्रत्यारोपण इकाई और एक डायलिसिस इकाई शामिल है। हमारे पास चाइल्ड ग्रोथ क्लिनिक, दुर्लभ रोग क्लिनिक, मोटापा क्लिनिक, क्लबफुट क्लिनिक और रिहैबिलिटेशन सेंटर समेत कई क्लीनिक हैं।
 
 
अपोलो अस्पताल के बारे में
 
1983 में, डॉ प्रताप रेड्डी ने भारत का पहला कॉर्पोरेट अस्पताल-चेन्नई में अपोलो अस्पताल लॉन्च करके अग्रणी प्रयास किया। पिछले कुछ वर्षों में अपोलो अस्पताल ने 160,000 से अधिक कार्डियक सर्जरी करके भारत में सबसे अनुभवी कार्डियक सर्जरी करने वाले संस्‍थान के रूप में अपने को स्थापित किया है। अपोलो अस्पताल दुनिया का सबसे बड़ा निजी कैंसर देखभाल प्रदाता भी है और दुनिया के अग्रणी अंग प्रत्यारोपण कार्यक्रम चलाता है।
 
एशिया के सबसे बड़े और सबसे भरोसेमंद हेल्थकेयर समूह के रूप में 64 अस्पतालों में 2,215 बिस्तर, 2,500 फार्मेसियां, 90 से अधिक प्राथमिक देखभाल और डायग्नोस्टिक क्लीनिक, 110 प्लस टेलीमेडिसिन सेंटर और 80 प्लस अपोलो म्यूनिख बीमा शाखाएं देश भर में फैली हुई हैं। इसके अतिरिक्‍त स्वास्थ्य बीमा सेवाओं के साथ एक एकीकृत हेल्थकेयर सेवा प्रदाता के रूप में, ग्लोबल प्रोजेक्ट कंसल्टेंसी क्षमता, 15 से अधिक चिकित्सा शिक्षा केंद्रों और वैश्विक क्लीनिकल परीक्षणों पर महाद्वीपीय अध्ययन, महामारी विज्ञान और आनुवांशिक शोध पर ध्यान केंद्रित करने के साथ एक शोध फाउंडेशन अपोलो अस्पताल के अग्रभाग में रहा है। एशिया, अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया भर में पहला प्रोटॉन थेरेपी सेंटर चेन्‍नई, भारत में है। प्रत्येक चार दिनों में, अपोलो अस्पताल समूह लाखों जिन्‍दगियों को बचाता है। अपोलो अस्‍पताल अंतरराष्‍ट्रीय मानकों के स्‍तर वाली देखभाल हर व्‍यक्ति को मिले इसके लिए प्रयासरत है।
 
 
अपोलो हॉस्पिटल को मिले दुर्लभ सम्मान के रूप में, भारत सरकार ने अपोलो के योगदान की मान्यता में एक स्मारक डाक टिकट जारी किया, जो स्वास्थ्य देखभाल संगठन के लिए पहला था। अपोलो अस्पताल के चेयरमैन, डॉ प्रताप सी रेड्डी को 2010 में प्रतिष्ठित पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। 30 से अधिक वर्षों के लिए, अपोलो अस्पताल समूह ने निरंतर उत्कृष्टता और चिकित्सा नवाचार, विश्व स्तरीय नैदानिक सेवाओं और अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी में नेतृत्व बनाए रखा है। हमारे अस्पतालों को उन्नत चिकित्सा सेवाओं और शोध के लिए विश्व स्तर पर सर्वोत्तम अस्पतालों में लगातार स्थान दिया गया है।

 

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