उत्तर प्रदेश

रूबरू फाउंडेशन के तहत भोजन वितरण

रूबरू फाउंडेशन के तहत भोजन वितरण

जो उनका काम है वो अहले सियासत जाने

मेरा काम तो पैगाम ए मोहब्बत है जहां तक पहुंचे।

लॉकडॉन के 2 दिन बाद जब मजदूर। के पास खाने के पैसे खत्म हो गए थे। और वह लोग अपने घरों की तरफ जा रहे थे और उनके मन में यह बात आई थी कि करोना से मरे या न मरे लेकिन भूख से जरूर मर जाऊंगा। मजदूर

लोग सर पर सामान लादे। छोटे-छोटे बच्चों को लेकर। 500-1000 किलोमीटर की दूरी पैदल ही तय कर रहे थे। भूखे प्यासे वह लोग। जब यह खबर देखी मेरा मन बहुत विचलित हो गया। मैंने अपने मित्र प्रिंस को फोन लगाया और कहा कि मुझे कल से खाना बांटना है क्या तुम मेरा साथ दोगे तो उसने कहा हां बिल्कुल क्यों नहीं हम लोगों ने घर में पहले दिन 10 किलो की आलू की तेहरी बनाई और 150 से पैकेट पैक किये जिसमें घर की माँ,चाची बहने, और छोटे भाई लोग पैकिंग करवाते है दो दिन तक हम लोगो ने 150 पैकेट बांटे फिर तीसरे दिन से हमलोग ने रसोइया को बुला कर 1200 प्रति दिन तय किया। जिसमे 4 लोग आते है खाना बनाते है और हमलोग पैकिंग करके उसे बाटने निकल जाते है बाइक पर और लखनऊ और के आउटर पर खाना वितरण करते है 26 मार्च से लगातार ये काम चल रहा है कुछ लोगो ने सहयोग किया पर उन्होंने कहा आप अपना काम

इमानदारी से कर रहे है हमारा नाम सहयोग लिस्ट में न डालिए। हमलोग तो निकल नही सकते आप और आपकी टीम अपनी जान पर खेल कर भूखे को खाना खिला रही है ये बहुत बड़ी बात है हमारा भी प्रयास यही है

लॉकडॉन के चलते लखनऊ में कोई भूका न सोने पाए और सबसे अच्छी बात ये है इन बेसहारा लोगो की इनका पेट भरा होता है तो ये लोग खाना नही मांगते बोलते है बाबू जी हमने खा लिया आप दुसरो को दे दिये जो भूका है

सहयोगी टीम जो हमारे साथ लगी है उनका जिनके वजह से मै इस काम को अंजाम दे पा रहा हूँ जिनके नाम इस प्रकार है इरशाद राही, मो0 अज़हर हुसैन, रणबीर सिंह, फारुख हाशमी, साहिल सोंकर, खुर्रम बेग, शिवानी सोंकर,अनम हुसैन, जतिन सोनकर, बौबी चाचा,ऋतिक, तुषार, डब्बू चाचा, फैसल बेग,साहिर खां, अली अहमद, मोहम्मद अहमद, हिमांशु सोंकर आदि के सहयोग से सब कुछ हो पा रहा है अजहर हुसैन ने बताया कि इतना बड़ा काम था जिसे अकेले कर पाना मुश्किल था अगर यह मेरे दोस्त मेरे साथ न देते तो मुश्किल होता कर पाना और इन लोगों ने मेरी हिम्मत न पढ़ाई होती और सहयोग न किया होता तो मेरे लिए मुश्किल होता ये कर पाना और रास्ते में हमलोग गाय और स्ट्रीट डॉग को भी भोजन कराते है उनके लिए बिस्कुट ले जाते है मैं उन सब दोस्तों का बहुत-बहुत आभारी हूं बहुत शुक्रगुजार हूं देश हित में समाज हित में जनहित में…मैं सदैव हो काम करता रहूंगा और अपनी सेवाएं देता रहूंगा यही मेरा संकल्प है और देश के सभी लोगों से अपील करूंगा। कि धर्म के नाम पर ना डालें। क्योंकि। धार्मिक स्थलों ने। अपने दरवाजे बंद कर लिए हैं। लेकिन। आप लोग इंसानियत का दरवाजा ना बंद करें। कोशिश करें कोई भी इंसान भूखा ना सोने पाए।

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