नयी दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दो अलग अलग आपराधिक मानहानि मामलों में आज केन्द्रीय मंत्री एवं भाजपा नेता नितिन गडकरी तथा कांग्रेसी नेता कपिल सिब्बल के बेटे अधिवक्ता अमित सिब्बल से बिना शर्त लिखित माफी मांग ली जिसके बाद अदालत ने उन्हें बरी कर दिया।
इन दोनों से माफी मांगने से कुछ दिन पहले केजरीवाल ने अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया से मादक पदार्थ कारोबार में कथित संलिप्तता को लेकर टिप्पणियों के संबंध में माफी मांगी थी। पंजाब के पूर्व राजस्व मंत्री मजीठिया से माफी की पंजाब में उनकी पार्टी के ही नेताओं ने आलोचना की थी।
केजरीवाल ने माफी वाले दो अलग अलग पत्रों में कहा कि उन्हें सत्यापन के बिना टिप्पणियां करने का खेद है और वह स्वीकार करते हैं कि ये निराधार आरोप थे। कपिल सिब्बल ने संवाददाताओं से कहा कि केजरीवाल की माफी स्वीकार कर ली गई है और हम किसी से झगड़ना नहीं चाहते।
गडकरी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता पिंकी आनंद ने भी इसी तरह की टिप्प्णी की और कहा कि केजरीवाल द्वारा मामले को बंद करना राष्ट्र के व्यापक हित में’’ है। हालांकि पिंकी ने कहा कि उन्हें समझना चाहिए कि मानहानि एक बड़ा अपराध है और उन्हें भविष्य में सतर्क रहना चाहिए।
अमित सिब्बल द्वारा दर्ज मामले में केजरीवाल के साथ सह आरोपी उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया ने भी अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल के सामने संयुक्त आवेदन में लिखित माफी मांगी। न्यायाधीश ने माफी तथा सिसौदिया और अमित के संयुक्त आवेदन पर विचार किया और इस मामले को बंद करने का आदेश दिया जिसमें केजरीवाल भी पक्षकार थे।
हालांकि अमित के मानहानि मामले में अधिवक्ता प्रशांत भूषण और भाजपा नेता शाजिया इल्मी के खिलाफ कार्यवाही जारी रहेगी। अमित द्वारा2013 में दर्ज कराए गए मामले में यह आरोप लगाया गया कि केजरीवाल, सिसौदिया, भूषण और उस समय आप की सदस्य रहीं शाजिया ने वोडाफोन करचोरी मामले में उन्हें तथा उनके पिता एवं तत्कालीन दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल को निशाना बनाया था।
गडकरी द्वारा दर्ज मानहानि मामले में आरोप लगाया गया था कि केजरीवाल ने उन्हें भारत के सबसे भ्रष्ट लोगों में शामिल बताया था। गडकरी को लिखे गये पत्र में केजरीवाल ने कहा, ‘मैंने सत्यापन के बिना कुछ बयान दिये, ऐसा लगता है कि इन बयानों ने आपको ठेस पहुंचाई और इसलिए आपने मेरे खिलाफ मानहानि मामला दायर किया। मुझे आपसे निजी परेशानी नहीं है। मैं इस पर खेद प्रकट करता हूं।’
विरोधी दलों के नेताओं से माफी मांगने पर आलोचनाओं के शिकार सिसोदिया ने कहा, ‘अगर कोई हमारी टिप्पणी से आहत होता है तो हम माफी मांग लेंगे। हम इसे अहं का टकराव नहीं बनाएंगे। हम यहां लोगों के लिए काम करने आए हैं। हमारे पास अदालत जाने का समय नहीं है, हमने खुद के लिए समय निकाला है ताकि हम लोगों के लिए लड़ सकें।’
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