Latest Newsउत्तर प्रदेश

भारतीय स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी का उत्तर प्रदेश के युवाओं के कौशल विकास पर फोकस

भारतीय स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी का उत्तर प्रदेश
के युवाओं के कौशल विकास पर फोकस

‘स्विस ड्यूअल सिस्टम‘ के प्रशिक्षण मॉडल पर सहयोग के लिए किया यूपी सरकार से आग्रह

जितेंद्र कुमार खन्ना विशेष संवाददाता

लखनऊ। देश में कौशल विकास और इसकी आवश्यकता के बारे में प्रचार करने और लोगों को इसके बारे में जानकारी देने के लिए भारतीय स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी (बीएसडीयू) ने आज उत्तर प्रदेश में लखनऊ में एक सम्मेलन आयोजित किया। सम्मेलन में बीएसडीयू के कुलपति, डॉ (ब्रिगेडियर) सुरजीत सिंह पाब्ला ने इस बारे में चर्चा की कि कैसे कौशल आधारित पाठ्यक्रम युवाओं को नौकरी और पेशेवर क्षेत्रों की तलाश में लाभान्वित करते हैं। उत्तर प्रदेश, जहां बड़ी संख्या में युवा नौकरी की तलाश में हैं, वहां इस सम्मेलन का आयोजन राज्य में कौशल विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया गया था। बीएसडीयू कौशल विश्वविद्यालयों की स्थापना में अन्य राज्य सरकारों की मदद कर रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार आने वाले वर्षों में अपने प्रदेश में एक कौशल विश्वविद्यालय स्थापित करने की संभावनाएं तलाश रही है, जो युवाओं को कौशल शिक्षा हासिल करने, प्रशिक्षण प्राप्त करने और विभिन्न विनिर्माण क्षेत्रों में रोजगार प्राप्त करने में मदद करेगी।

बीएसडीयू के कुलपति डॉ (ब्रिगेडियर) सुरजीत सिंह पाब्ला ने इस सम्मेलन के दौरान कहा, “आज प्रत्येक संगठन प्रशिक्षित कर्मचारी को नियुक्त करना चाहता है। आज की दुनिया कुछ पेशेवर कैरियर विकल्पों के इर्द-गिर्द घूम रही है, जो प्रासंगिक होने के साथ-साथ व्यावहारिक भी हैं, जैसे प्रबंधन, प्रशासनिक, लेखा, तकनीकी आदि। ऐसे कार्यात्मक क्षेत्रों में व्यावहारिक प्रशिक्षण कभी भी पूर्वनिर्धारित नहीं होता है। हमने बीएसडीयू में प्रशिक्षण मॉड्यूल बनाए हैं जो छात्रों को मशीन लर्निंग और फंक्शन लर्निंग की सभी प्रक्रियाओं से गुजरने में सक्षम बनाते हैं। बी. वोक. और एम. वोक. जैसे पाठ्यक्रमों को ही भविष्य की डिग्री माना जाना चाहिए, क्योंकि इनके माध्यम से ही हम ऐसे ग्रेजुएट छात्र तैयार कर पाएंगे, जिन्हें सामान्य शिक्षा सामग्री के अलावा उनके द्वारा चुने गए कौशल क्षेत्रों में मजबूत कौशल ज्ञान और अनुभव हासिल होगा। जाहिर है कि उनकी रोजगार हासिल करने की क्षमता भी बहुत व्यापक होगी और इस तरह देश में बेरोजगारी दर को बहुत कम करने में सहायता मिलेगी।”
डॉ पाब्ला आगे कहते हैं, ‘‘हम आज के युवाओं में कौशल संबंधी कमी को दूर करने के लिए अपने ‘स्विस ड्यूअल एजुकेशन सिस्टम‘ के साथ सर्वोत्तम सलाह और समर्थन प्रदान करके राज्य सरकार की मदद करना चाहते हैं। हमने हाल ही में झारखंड सरकार और राजस्थान सरकार को भी इस क्षेत्र में अपना समर्थन दिया है।‘‘

इंडिया स्किल्स रिपोर्ट 2019 के अनुसार, रोजगार क्षमता के मामले में उत्तर प्रदेश का देश में पांचवां स्थान है। 2018 में यहां कुल मिलाकर 47.68 प्रतिशत लोगों को रोजगार हासिल था। राज्य में कौशल को स्वीकार करने, सीखने की दक्षता, पारस्परिक कौशल और इमोशनल इंटेलिजेंस का स्तर बहुत ऊंचा है। देशभर में पुरुष रोजगार के मामले में उत्तर प्रदेश 10वें नंबर पर और महिला रोजगार के लिहाज से 9वें नंबर पर है। 2018 में देश में पुरुष रोजगार 48 प्रतिशत था, जबकि महिला रोजगार 46 प्रतिशत था। इंटर्नशिप और काम के लिहाज से भी उत्तर प्रदेश 9 वां सबसे पसंदीदा राज्य है। भारत की बात करें तो आईटीआई सेक्टर में रोजगार की दर 12 फीसदी थी, जबकि इंजीनियरों के लिए यह 25 प्रतिशत, स्नातक के लिए 22 प्रतिशत, पॉलिटेक्निक डिप्लोमा धारकों के लिए 7, पोस्ट ग्रेजुएट के लिए 11 और प्रबंधन और समकक्ष डिग्री के लिए 13 प्रतिशत थी।

भारत सरकार पिछले कई वर्षों से रोजगार से संबंधित अनेक मुद्दों पर काम कर रही है। इनमें से सबसे बड़ा मुद्दा नौकरी के अवसरों की कमी है। भारत सरकार ने कई योजनाएं शुरू की हैं और रोजगार बढ़ाने के लिए युवाओं के बीच कौशल विकास को बढ़ावा देने का प्रयास भी किया जा रहा है। ऐसी ही एक योजना है स्किल इंडिया, जिसके तहत युवाओं को कौशल आधारित नौकरियां हासिल करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। जनसंख्या के हिसाब से भारत का सबसे बड़ा राज्य होने के नाते, यूपी के पास युवाओं के कौशल विकास के क्षेत्र में बहुत बड़ा अवसर है। ऐसे कई क्षेत्र हैं जैसे निर्माण कौशल, कृषि कौशल, मोटर वाहन कौशल, बढ़ई कौशल और ऐसे ही अन्य स्किल्स, जो छात्रों को नौकरी पाने में मदद कर सकते हैं। इन कौशल के लिए सबसे महत्वपूर्ण रूप से प्रशिक्षण के एक संगठित तरीके और अच्छी साख वाले संस्थानों की आवश्यकता होती है।

अपने ‘स्विस ड्यूअल एजुकेशन सिस्टम‘ के साथ देश का पहला असली कौशल विश्वविद्यालय- भारतीय स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी (बीएसडीयू) देश में अपनी स्थापना के बाद से ही सरकार की योजना की वकालत करते हुए युवाओं को हाई एंड स्किल्स में प्रशिक्षित करने में जुटा हुआ है। 2016 में स्थापित इस विश्वविद्यालय का विजन कौशल विकास के क्षेत्र में वैश्विक उत्कृष्टता पैदा करना है ताकि भारतीय युवाओं की प्रतिभाओं के विकास के लिए अवसर, स्थान और गुंजाइश बनाई जा सके और उन्हें वैश्विक रूप से फिट बनाया जा सके। बीएसडीयू न केवल शैक्षणिक, बल्कि सरकार की योजनाओं को औद्योगिक समर्थन भी प्रदान कर रहा है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Back to top button