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जन्मदिन विशेष- अपनी आवाज के जादू से लोगों के दिलों पर राज करती हैं सुर कोकिला लता मंगेशकर

सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर ने पिछले छह दशकों से भी ज्‍यादा समय से अपनी मधुर आवाज से लोगों के दिलों पर राज किया है। अपनी दैवीय आवाज की बदौलत लता भारत की सबसे लोकप्रिय और आदरणीय गायिका बनीं, उनका जीवन उपलब्धियों से भरा पड़ा है। उन्‍होंने बीस से ज्यादा भाषाओं में गाने गाये हैं। बेहद मीठी आवाज में गाने वाली लता ने कई बार अपने और अन्‍य गायकों के अधिकारों के लिए विरोध के कड़े सुर भी लगाए। आज लता मंगेशकर के जन्‍मदिन पर हम लाए हैं उनसे जुड़ी कई महत्‍वपूर्ण जानकारियां…

लता मंगेशकर का जन्‍म 28 सितंबर 1929 को इंदौर के मराठी परिवार में पंडित दीनदयाल मंगेशकर के घर हुआ। इनके पिता रंगमंच के कलाकार और गायक थे। इसलिए संगीत इन्‍हें विरासत में मिला। लता का पहला नाम ‘हेमा हरिदकर’ था।

लता ने पांच साल की उम्र से ही अपने पिता से संगीत सीखना शुरू कर दिया था और उसी उम्र में पहली बार नाटक में भी अभिनय किया। पिता की असमय मौत के बाद 14 वर्ष की उम्र में लता फिल्मों में हीरो या हीरोइन की बहन का रोल अदा किया करती थीं पर साथ ही उन्होंने संगीत की शिक्षा भी जारी रखी।

लता सिर्फ एक दिन के लिए स्कूल जा पाईं थी। हालांकि बाद में उन्हें न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी सहित छह विश्वविद्यालयों में मानक उपाधि से नवाजा गया। शुरुआती सफर में उन्‍हें पतली आवाज होने की वजह से आलोचना मिली पर वो रुकी नहीं।

संगीत के प्रति लता में ऐसी श्रद्धा है कि वो हमेशा से गाने की रिकॉर्डिंग के लिये जाने से पहले कमरे के बाहर अपनी चप्पलें उतारती हैं। वो हमेशा नंगे पांव गाना गाती हैं।

लता को अपने सिने करियर में कई सम्मान मिले हैं। वे फिल्म इंडस्ट्री की पहली महिला हैं जिन्हें भारत रत्न और दादा साहब फाल्के पुरस्कार प्राप्त हुआ। एक बार लता जी ने कहा था कि भारतीय सिनेमा के सौ सालों में सत्‍तर साल लता के हैं। उन्‍हें संगीत के अलावा खाना पकाने और फ़ोटो खींचने का बहुत शौक़ है।

वर्ष 1974 में लंदन के सुप्रसिद्ध रॉयल अल्बर्ट हॉल में उन्हें पहली भारतीय गायिका के रूप में गाने का अवसर प्राप्त है। सन 1974 में दुनिया में सबसे अधिक गीत गाने का ‘गिनीज़ बुक रिकॉर्ड’ उनके नाम पर दर्ज है।

वर्ष 1962 में लता की जान लेने की कोशिश की गईं। तब उन्हें स्लो पॉइजन दिया गया था। लता की बेहद करीबी पदमा सचदेव ने इसका जिक्र अपनी किताब ‘ऐसा कहां से लाऊं’ में किया है। हालांकि उन्हें मारने की कोशिश किसने की, इसका खुलासा आज तक नहीं हो पाया।

कहा जाता है कि डूंगरपुर राजघराने के महाराजा राज सिंह और लता एक दूसरे से प्यार करते थे और लता की तरह राज भी जीवन भर अविवाहित रहे। सिंगर भूपेन हजारिका के साथ लता का अफेयर होने की चर्चा भी रही है। हजारिका की मौत के बाद उनकी पत्नी प्रियंवदा ने कहा था कि उनके पति और लता के बीच प्रेम संबंध थे।

बचपन के दिनों से उन्हें रेडियो सुनने का बड़ा ही शौक था। 18 साल की उम्र में उन्होंने अपना पहला रेडियो खरीदा और रेडियो ऑन करते ही उन्हें के.एल.सहगल की मृत्यु की खबर मिली थी। जिसके बाद उन्होंने वह रेडियो दुकानदार को वापस लौटा दिया। उन्‍हें बचपन के दिनों में साईकिल चलाने का काफी शौक था जो पूरा नहीं हो सका।

लता स्पाइसी खाने की शौकीन रही हैं वो एक दिन में तकरीबन 12 मिर्चे तक खा लिया करती थीं। उनका मानना है कि मिर्च खाने से गले की मिठास बढ़ती है। लता को किक्रेट देखने का भी काफी शौक रहा है। लॉर्डस में उनकी एक सीट हमेशा रिजर्व रहती हैं।

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