रोमांचक फैंटेसी ड्रामा है ‘मनमोहिनी’ -वंदना पाठक


मशहूर फिल्म, स्टेज और टेलीविजन एक्टर ने राजधानी में किया अपने शो को प्रमोट
लखनऊ, 10 दिसंबर। ज़ी टीवी के नवीनतम शो ‘मनमोहिनी’ में दाई मां का किरदार निभा रहीं मशहूर फिल्म, स्टेज और टेलीविजन एक्टर वंदना पाठक अपने शो को प्रमोट करने लखनऊ पहुंची। राजधानी में मीडिया से रुबरु हुईं वंदना ने बताया कि ‘मनमोहिनी‘ नाम की एक डायन की कहानी है। वो एक अतृप्त आत्मा है, जो अपने प्रेमी राम (अंकित सिवक) से मिलने के लिए 500 वर्षों से भटक रही है। अब वो अतीत के पन्नों से निकलकर राम और उसकी पत्नी सिया (गरिमा सिंह राठौर) की जिंदगी में लौट आई है।
यह शो राम के प्रति सिया के अटूट प्यार को दर्शाता है, जिसमें वो मोहिनी नाम की खतरनाक अमर आत्मा से अपने पति को बचाने के लिए संघर्ष करती है। उन्हांेने कहा कि राजस्थान की पृष्ठभूमि में रची-बसी इस कहानी को रेगिस्तान की मिट्टी का एक-एक कण बयां करता है। ज़ी टीवी का ताजा प्राइमटाइम शो ‘मनमोहिनी‘ दर्शकों को रोमांच और कल्पनाओं की दुनिया में ले जाता है।
इसमें एक चुड़ैल की अनंत प्रेम कहानी, उसकी इच्छाओं, उसके जुनून, बदले की भावना और ऐसी ही तमाम बातों की कहानी है। मनमोहिनी का प्रसारण सोमवार से शुक्रवार शाम 7ः30 बजे ज़ी टीवी पर शुरु हो चुका है।
लखनऊ यात्रा के बारे में वंदना पाठक ने कहा कि ‘‘फैंटेसी या सुपरनैचुरल थ्रिलर दर्शकों से फौरन जुड़ जाते हैं, जिसमें दर्शकों को एक अलग ही संतुष्टि मिलती है। मेरा किरदार एक पारंपरिक राजस्थानी औरत का है, जो वहां की संस्कृति और परिवेश में पूरी तरह ढली है और उसी तरह की पोशाक पहनती है। फैंटेसी ड्रामा के जाॅनर में करने के लिए बहुत कुछ है और इसी खासियत ने मुझे इस किरदार के प्रति आकर्षित किया।‘‘
मोहिनी के पास ‘भूरा जादू‘ करने की शक्ति है। 500 वर्ष पहले वो राजस्थान के घुमक्कड़ आदिवासियों के घागरा पलटन समूह का हिस्सा थी, जिनका प्रमुख पेशा अमीर और ताकतवर लोगों के लिए नाच-गाना करना था। राम के प्रति उसके जुनून के चलते राम की पत्नी सिया के साथ उसका टकराव होता है। यह दो औरतों के बीच अनूठे युद्ध की कहानी है, जिनमें से एक आधुनिक युग की निस्वार्थ इंसान हैं और दूसरी एक जिद्दी रूह जो अपने प्यार को पाने के लिए भूरा जादू करती है। ऐसी स्थिति में दर्शक कभी सिया तो कभी मोहिनी के साथ खड़े नजर आएंगे।