उत्तर प्रदेशलखनऊ

पहली बार लखनऊ में 4 बच्चों ने बनाई अदभुत कार, डिप्टी सीएम ने पहुंचकर की उनकी सराहना

पहली बार लखनऊ में 4 बच्चों ने बनाई अदभुत कार, डिप्टी सीएम ने पहुंचकर की उनकी सराहना

उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा जब ये कारें मार्केट में आएंगी तो लखनऊ का नाम देश दुनिया में रौशन होगा–

लखनऊ। पहली बार लखनऊ के 4 बच्चों ने 3 अद्भुत गाड़ियां बनाई है जो 5-जी-रेडी है और पर्यावरण को प्रदूषित भी नहीं करता है। पृथ्वी को जलवायु परिवर्तन से बचाने व विज्ञान और स्वदेशी तकनीक के माध्यम से जागरूकता फैलाने के चार बच्चों ने 3 अद्वितीय वाहन बनाए। बच्चों के उत्साह वर्धन एवं सम्मान में आयोजित “मीट द हिस्ट्री क्रियेटर” के कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के उपमुखमंत्री ब्रजेश पाठक शामिल हुए उन्होंने बच्चों को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दी, उन्होंने कहा मुझे लगता है तीनों कारे जब मार्केट में आएंगी तो बहुत तेजी के साथ इनकी बिक्री होगी और लखनऊ का नाम देश दुनिया में रोशन होगा, जिस ढंग से कार को देखकर हम कह सकते हैं कि तीनों अपनी-अपनी श्रेणी की अद्भुत डिजाइन और अद्भुत कार है।

बताते चले कि यह अद्भुत चमत्कार करने वाले चार बच्चे जिसमे 11 वर्षीय विराज अमित मेहरोत्रा, 9 वर्षीय आर्यव अमित मेहरोत्रा, 12 वर्षीय गर्वित सिंह और 14 वर्षीय श्रेयांश मेहरोत्रा हैं। इन्होंने मिलकर ‘फोरएवर’ नामक एक टीम बनाने का फैसला किया तथा 250 से अधिक दिनों की कड़ी मेहनत, लगन, और अद्वितीय समर्पण और प्रयासों के साथ, देश के रोबोटिक वैज्ञानिक श्री मिलिंद राज द्वारा सलाह और देखरेख में, दुनिया को जीवन में ज्ञान और दृढ़ संकल्प के चमत्कार प्रस्तुत किए हैं। इन बच्चों द्वारा दुनिया की पहली स्मार्ट कार बनाने का विचार भी, भारत को दुनिया की सबसे सस्ती कारों का निर्यातक बनाने की दृष्टि से समर्थित है।

इन विशेष कारों को बनाने के लिए जिन सामग्रियों का उपयोग किया जाता है, उनमें से ज्यादातर का पुनर्नवीनी करण की हैं। साथ ही, इन मेधावी और चमत्कारिक बच्चों ने 3 विशेष प्रकार के वाहन बनाए हैं जो बेहद अनोखे कॉन्सेप्ट से युक्त हैं, जो हवा में तैरते धूल और प्रदुषण के कणों को भी साफ कर देंगे। उन्होंने इस कॉन्सेप्ट को DFS यानी डस्ट फिल्ट्रेशन सिस्टम नाम दिया है। डीएफएस एक ऐसी तकनीक है जो फेफड़ों से संबंधित बीमारियों को कम करने और हमें सांस लेने के लिए स्वस्थ हवा देने में मददगार साबित हो सकती है।

 

इन बाल अभियंताओं व वैज्ञानिकों द्वारा निर्मित ये कारें विभिन्न आकार और डिजाइन की होती हैं। वे 1-, 2- और 3-सीटर में हैं, और यह अनुमान लगाया गया है कि एक पूर्ण चार्ज वाहन लगभग 110 किलोमीटर तक की दूरी तय कर सकता है। क्लासिक एवं आधुनिक डिजाइन के साथ इन गाड़ियों में 1000-वाट इलेक्ट्रिक ड्राइव सिस्टम के बी.एल.डी.सी.एम. लगाया गया हैl ये प्रदूषण मुक्त गाड़ियां पर्यावरण की मदद करने में सक्षम हैंl कई दिनों परिश्रम और गहन अनुसंधान के बाद, इन वाहनों की अंतिम उत्पादन लागत लगभग 95 हजार होने को अनुमानित है। भविष्य का मिशन है-सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने वाले तथा गतिशीलता और आई.ओ.टी. को बढ़ावा देने के लिए एक बेहद किफायती वाहन बनाना।

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