20 अप्रैल से खुलने वाली ऑनलाइन ट्रेडिंग के साथ-साथ खुदरा व्यापार को भी शर्तों के साथ शुरू किया जाए-संदीप बंसल
प्रकाशनाथ
20 अप्रैल से खुलने वाली ऑनलाइन ट्रेडिंग के साथ-साथ खुदरा व्यापार को भी शर्तों के साथ शुरू किया जाए — संदीप बंसल
अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष संदीप बंसल , राष्ट्रीय मंत्री रिपन कंसल, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य एवं लखनऊ के अध्यक्ष प्रदीप अग्रवाल, रितेश गुप्ता, मीडिया प्रवक्ता एवं नगर महामंत्री सुरेश छबलानी ने टेलिफोनिक कॉन्फ्रेंस के द्वारा वार्ता के बाद यह कहा की
केंद्र सरकार 20 तारीख से कुछ आवश्यक सेवाओं को ऑनलाइन ट्रेडिंग के माध्यम से प्रारंभ कर रही हैं वह सारी सेवाएं खुदरा व्यापार के माध्यम से भी प्रारंभ की जानी चाहिए क्योंकि खुदरा व्यापारी वही व्यापारी है कि जो लॉक डाउन की अवधि में अपने व्यापार को बंद करके आवश्यक सेवाओं के साथ-साथ दवाइयां , पूरी के पैकेट , राशन के पैकेट , नकद धन दे रहा है, फल फ्रूट दे रहा है और जिसके एवज में वह कुछ नहीं प्राप्त कर रहा है , वह हर प्रकार की सुविधाएं आसपास के क्षेत्रों में मुहैया कर रहा है।
यह जो ऑनलाइन कंपनियां हैं इस महामारी के समय बिल्कुल विलुप्त हो गई हैं । यह किसी प्रकार से देश में कोई सहयोग नहीं कर रही हैं।
अगर केंद्र सरकार ऑनलाइन ट्रेडिंग वालों को व्यापार करने की छूट देती है और खुदरा व्यापारियों को व्यापार करने की छूट नहीं देती है तो यह खुदरा व्यापार करने वालों के साथ बहुत बड़ा अन्याय होगा क्योंकि लॉकडाउन पीरियड में जो खुदरा व्यापारियों के प्रतिष्ठानों में सामान रखा हुआ है वह एक्सपायरी हो जाएगा, ऑनलाइन ट्रेडिंग वाले तो व्यापार करके लाखों करोड़ों रुपए का व्यापार कर लेंगे लेकिन सरकार को प्रकार का भी राजस्व प्राप्त नहीं होगा और फुटकर व्यापारी जो की जीएसटी भी देता है , इनकम टैक्स भी देता है विभिन्न प्रकार के टैक्स देता है वह व्यापार ना करने के कारण आर्थिक स्थिति में कमजोर हो जाएगा जिससे राजस्व का भी नुकसान होगा ।
अतः भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री जी से अनुरोध होगा की ऑनलाइन ट्रेडिंग के साथ साथ खुदरा व्यापारियों को भी सूचीबद्ध करके उनकी एक सूची हर क्षेत्र में जारी करें ताकि क्षेत्र के नागरिक अपना राशन , अपनी आवश्यक वस्तुएं खुदरा दुकानदारों से भी प्राप्त कर सकते हैं । जिस प्रकार ऑनलाइन वाले होम डिलीवरी देते हैं हमारे खुदरा व्यापारी भी अपना समान घरो तक पहुंचाने में सक्षम है । इससे केंद्र और प्रदेश के राजस्व का भी नुकसान नहीं होगा और व्यापारियों में शासन-प्रशासन के ऊपर विश्वास भी अर्जित होगा।