खुले आसमान तले भूमिहीन परिवार अपने नौनिहालों के साथ रहने को मजबूर
संवाददाता मोहम्मद सुब्हान शेख
आंधी के तेज प्रकोप ने उजाड़ा गरीब का आशियाना खुले आसमान तले भूमिहीन परिवार अपने नौनिहालों के साथ रहने को मजबूर
शुजागंज/अयोध्या:- शासन-प्रशासन का नहीं जा रहा ध्यान, और तो और गरीब दौड़ता रहा जिम्मेदारानों के पास,लेकिन मानवता को ताख पर रखकर गरीब को नहीं दिया गया आज तक प्रधानमंत्री आवास।
आपको एक ताजे मामले से रूबरू कराते हैं ।अयोध्या जिले के रुदौली तहसील अन्तर्गत फत्तापुर खुर्द गाँव है ,जहाँ की निवासीनी रीनादेवी है।
वह अपना जीवन यापन या यूं कह लीजिए इस गरीब परिवार के आजीविका का साधन सिर्फ और सिर्फ रसोईया का कार्य करना व मजदूरी करना है। इस गरीब परिवार के पास रहने के लिए घर तक नहीं है। इस परिवार ने किसी तरह से टीन शेड नुमा मकान बनाया था जिसमें वर्षों से परिवार रह रहा था। जो की आंधी की चपेट में आकर वह भी पूरी तरह से धराशायी हो गया है। बीते तीन दिनों से असहाय परिवार अपने नौनिहालों के साथ खुले आसमान के नीचे रहने को विवश है। पीड़िता रीनादेवी प्राथमिक विद्यालय फत्तापुर खुर्द में रसोइंया का कार्य करती है। व उसका पति रंगीलाल यादव मजदूरी कर तीन बेटी व दो बेटों का जीवन यापन करता हैं। भूमि हीन होने के साथ-साथ रीनादेवी व उसका पति रंगीलाल कई बार क्षेत्र के जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों के पास आवास (कालोनी) के लिए गया। लेकिन उसके हाथ हर बार लगी सिर्फ और सिर्फ मायुसी व निराशा।
अब प्रश्न यहां पर यह उठता है एक ओर जहाँ भारत सरकार व उत्तर प्रदेश सरकार का सपना व दावा है हर एक गरीब परिवारों को प्रधानमंत्री आवास देना, घर घर निशुल्क बिजली पहुंचाना, उज्जवला योजना के तहत गैस चूल्हा पहुंचाना, लोग खुले में शौच न करें इसके लिए घर-घर शौचालय देना, तथा ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को अच्छी शिक्षा के प्रति जागरूक करना व उन्हे अच्छा भोजन देना। वही उनके वादों की पोल खोलती हुई यह तस्वीर सीधे आपके सामने है।