उत्तर प्रदेश

वूपलर से पाएं स्वरोजगार सोशल सेलरों को यूपी में अगले 3 साल में 200,000 उद्यमी तैयार करने का संकल्प

लखनऊ। सोशल सेलरों के लिए भारत के पहले प्लेटफाॅर्म वूपलर ने उत्तर प्रदेश मे सोशल काॅमर्स का बड़ा ढांचा खड़ा करने के प्रति अपनी वचनबद्धता दोहरायी। सोशल सेलर्स/स्टोर मालिकों ने भी इस प्लेटफाॅर्म का उपयोगकरने से हुए बदलाव के बारे में अपने अनुभव बताए। वूपलर के जोरदार सोशल सेलिंग माॅडल से उत्तर प्रदेश में 45 से अधिक शहरों में 5000 से ज्यादा सेलरों को लाभ मिला है। इस उत्साहजनक लोकप्रियता के बल पर वूपलर की योजना राज्य में तेजी से विस्तार करने की है और उम्मीद है कि 2022 उसके 200,000 नए सेलर हो जाएंगे और 2025 तक उनकी संख्या दस लाख तक पहुंच सकती है।

वूपलर के जरिए सोशल सेलर एक मिनट से भी कम समय में अपना फ्री आॅन लाइन स्टोर खोल सकते हैं, वूपलर के कैटलाॅग से प्रोडक्ट अपलोड कर सकते हैं और व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम, फेसबुक और यूट्यूब जैसे सोषल प्लेटफाॅर्म पर अपनी बिक्री शुरू कर सकते हैं। ये सेलर अपने स्टोर से हुई हर बिक्री पर मुनाफा कमाते हैं जबकि वूपलरपर्दे के पीछे से षिपिंग, पेमेंट, रिटर्न और कस्टमर सर्विस का ख्याल रखती है।वूपलर के सेलर 300 से अधिक ब्रांड्स के एक लाख से अधिक प्रोडक्ट चुन सकते हैं।

इस अवसर पर सोशल सेलर और पेशे से टीचर नेहा श्रीवास्तव ने कहा-‘‘वूवलर ने मेरी ज़िंदगी बदल दी है और सोशल मीडिया के जरिए मेरे मन मुताबिक किसी भी समय अतिरिक्त कमाई करने का अवसर दिया है। मैंने एक मिनटमें अपना आॅनलाइन वूपलर स्टोर खोल लिया और जितना ज्यादा समय मैंने दिया उसके मुताबिक मेरी आमदनी बढ़ती गई। अब मैं अपने परिवार के लिए पैसा बचा पा रही हूं। मुझे वूपलर से बहुत लाभ हुआ और मैं इतनी आमदनी कर पा रही हूं कि मेरे माता पिता को भी सहारा मिल गया है। इसकी मैंने कभी कल्पना नहीं की थी।‘‘

अत्याधुनिक टैक्नोलाॅजी के बल पर विष्व का सबसे बड़ा वितरण नेटवर्क बनने की तैयारी कर रहा यह प्लेटफाॅर्म सोशल सेलर्स, ब्रांड्स और ग्राहकों का मेल कराता है और यह काॅमर्स और रिटेल का भविष्य तैयार कर रहा है। वित्तीय आत्म निर्भरता, उद्यमषीलता और स्वरोजगार की ताकत के साथ वूपलर की योजना उत्तर प्रदेश में 2022 तक 10 लाख सेलरों और उद्यमियों का नेटवर्क तैयार करने की है।

सोशल सेलरों की विविधता के कारण वूपलर ने महीने दर महीने जबर्दस्त प्रगति दर्ज की है और लोग इससे आसानी से पैसा कमा रहे हैं। ऐसे में जबकि दूसरी ई-काॅमर्स कम्पनियां टियर 2, 3 के शहरों में पहुंच बनाने के लिए मषक्कत कर रही हैं, वूपलर के सोशल सेलर एक बटन क्लिककर अपनी पहुंचबना ले रहे हैं। वूपलर को उम्मीद है कि मौजूदा वित्त वर्ष के आखिर तक उसके नेटवर्क की बिक्री 50 मिलियन डाॅलर तक पहुंच जाएगी।

वूपलर के सह-संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी अर्जुन ज़चारिया ने कहा-‘‘यह देखकर बहुत संतोष होता है कि उत्तर प्रदेष में सिर्फ सोशल सेलरों को ही फायदा नहीं मिला है बल्कि ग्राहकों को भी लाभ हो रहा है क्योंकि अब वे किसी ऐसे व्यक्ति से खरीदारी कर सकते हैं जिसे वे जानते हैं। सोशल और परम्परागत काॅमर्स में शाॅपिंग का व्यवहार बदल रहा है और वूपलर ऐसा पहला प्लेटफाॅर्म है जो इस तरह की ताकत दे रहा है। बढ़ते हुए उपभोक्तावाद, स्मार्टफोन और टियर 2, 3 के षहरों में भाषायी कन्टेंट के उपयोग से वूपलर को परम्परागत मीडिया के अलावा दूसरे डिजिटल मार्केट चैनलों तक पहुंचने में मदद मिली है। दूसरी ई काॅमर्स कम्पनियां तो अंग्रेजी जानने वाले ग्राहकों तक पहुंच रही हैं जबकि वूपलर के सेलर अलग भाषा बोलते हैं और इससे देश में ई काॅमर्स को जोरदार बढ़ावा मिल रहा है। हमें मजबूती इस बात से मिल रही है कि हम हर रोज लोगों की की जिंदगी में सकारात्मक बदलाव ला रहे हैं और उन्हें सीखने, कमाने और आगे बढ़ने का मौका दे रहे हैं।‘‘ वूपलर ने भारत भर में अब तक 30,000 सोषल सेलरों का नेटवर्क खड़ाकर लिया है जो 20 भाषाओं में बोलते हैं और टियर 2,3 के 250 से अधिक शहरों में एक करोड़ ग्राहकों तक पहुंच बना रहे हैं।

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