बाबरी मस्जिद : सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड द्वारा बनाए गए ट्रस्ट को मुस्लिम लीग ने की निरस्त करने की मांग
इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के उपाध्यक्ष ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को भेजा 5 सूत्रीय मांग पत्र
रिपोर्ट साजिद हुसैन जिला संवाददाता
अयोध्या। इंडियन मुस्लिम लीग के स्टेट उपाध्यक्ष ने राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद के मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए निर्णय के अनुसार बाबरी मस्जिद के स्थान पर राम जन्म भूमि ट्रस्ट देकर वहां पर बनी मस्जिद के कंपनसेशन के रूप में 5 एकड़ जमीन सुन्नी सेंट्रल बोर्ड उत्तर प्रदेश को अयोध्या क्षेत्र में दी गई है|
जैसा कि सभी अवगत हैं कि 29 जुलाई 2020 को सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने उस जमीन पर एक ट्रस्ट बनाए जाने की घोषणा की है इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के उपाध्यक्ष एनएच गनी ने अपना विरोध जताया है इस संबंध में मुख्यमंत्री को चार सूत्रीय मांगों को रखा है बाबरी मस्जिद के कंपनसेशन के रूप में सुन्नी सेंट्रल बोर्ड को दी गई 5 एकड़ जमीन बस संपत्ति मानी जाएगी |
किसी भी संपत्ति का फाउंडर बोर्ड कैसे हो सकता है नंबर दो सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने किसी भी संपत्ति को ट्रस्ट बनाए जाने की घोषणा अधिनियम के किस धारा के अंतर्गत की है नंबर 3 अधिनियम की किस धारा के अंतर्गत सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड स्वयं उक्त संपत्ति का फाउंडर ट्रस्टी बना है नंबर 4 यह की अवैध बनाए गए ट्रस्ट में घोषित किए गए सदस्यों में जुनैद सिद्दीकी पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान के निकटतम मित्र हैं इस कारण आजम खान ने उसको बोर्ड का सदस्य बनाया था|
और ट्रस्ट में मेरठ और बांदा के जो सदस्य रखे गए हैं वह भी पूर्व मंत्री आजम खान के मित्र ही हैं अयोध्या से अच्छी छवि के व सम्मानित व्यक्तियों को स्थान नहीं दिया गया और ना ही किसी स्थानीय पैरोकार को टेस्ट में शामिल किया गया जबकि इस मामले में अवैध रूप से ट्रस्ट बनाए जाने की कोई आवश्यकता नहीं थी बल्कि अयोध्या के सम्मानित और वरिष्ठ व्यक्तियों की उक्त बोर्ड में नियमानुसार एक प्रबंध कार्य कमेटी बनाई जानी थी |
सुन्नी सेंट्रल बोर्ड द्वारा बाबरी मस्जिद के कंपनसेशन में मिली 5 एकड़ जमीन पर वोट का अधिकार हमेशा बनाए रखने के लिए जो टेस्ट बनाए जाने की घोषणा की है उसको तत्काल प्रभाव से खत्म करते हुए उक्त अधिनियम के अनुसार स्थानीय पैरोकार तथा प्रशासनिक अधिकारियो को नियुक्त किया जाना चाहिए।