ख़ानक़ाह मख्दूम साहब में उर्स के दूसरे दिन सज्जादा नशीन मुतवल्ली शाह अम्मार अहमद अहमदी नैय्यर मियाँ की अध्यक्षता में महफ़िल ए समा हुई जो देर रात तक चली
कल ख़ानक़ाह मख्दूम साहब में उर्स के दूसरे दिन सज्जादा नशीन मुतवल्ली शाह अम्मार अहमद अहमदी नैय्यर मियाँ की अध्यक्षता में महफ़िल ए समा हुई जो देर रात तक चली
रुदौली। महफ़िल ए समा में देश से आए मशहूर कव्वालों ने बेहतरीन सूफी कलाम पेश किए। सूफी कलाम मैकदा तेरा है काबा बुत खाना तेरा तू किसी शक्ल में हो मैं तेरा शैदाई हूँ जैसे सूफी कलाम पेश कर समा बांधा।
महफ़िल ए समा में दरगाह अजमेर शरीफ के मुतवल्ली सैय्यद मारूफ मियाँ चिश्ती, सैय्यद रउफ मियाँ चिश्ती, अजमेर शरीफ के गद्दी नशीन सैय्यद हमज़ा मियाँ चिश्ती, कलियर शरीफ से शाह अलीशा मियाँ साबरी, शाह यावर मियाँ साबरी, हैदराबाद की दरगाह हज़रत शाह खामोश के सज्जादा नशीन अकबर मियाँ, बदायूं खानकाह के अतीफ मियाँ क़ादरी, अज़्ज़ाम मियाँ क़ादरी , इलाहाबाद से सुहैब फारूकी,दरगाह हज़रत शेख सलीम चिश्ती फतेह पूर सीकरी के शाह सैफ मियाँ, विशेष रूप से मौजूद थे। देश के कोने कोने से जायरीनों की भीड़ आना शुरू हो गई है। इस मौके पर पूर्व विधायक सैय्यद अब्बास अली ज़ैदी रुश्दी मियाँ, चैयरमैन जब्बार अली, पूर्व प्रमुख मुनव्वर अली, हाफिज सबाह उद्दीन,इक़बाल उस्मानी, सैय्यद अली मियाँ, पूर्व जिला पंचायत सदस्य मो जमील, सभासद मो इरफान खान,पूर्व सभासद ताज उद्दीन पप्पू, सभासद मो मुकीम चुनने,अबसार अहमद, ज़ैनुल,शाहिद हुसैन रूमी, मो असलम, मो जावेद, मो शहीम, चौधरी मतीन,राम लौटन निषाद, मौजूद थे।