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कुछ महीनों बाद होंगे लोकसभा चुनाव गुप चुप चर्चा जारी ,संकट मे पड सकती है बीजेपी लग सकता है बडा झटका 

 

डा0अंशुमान सिंह गुडडू

चर्चा के हिसाब से बीजेपी पर आगामी लोकसभा चुनावों मे संकट मडरा सकते हैं और उत्तर प्रदेश मे तो बीजेपी की कुछ ज्यादा ही संकट पड सकते हैं अनुमान के अनुसार पिछले लोकसभा चुनाव मे तो प्रदेश मे 70सीटों पर जीत हासिल करने वाली बीजेपी इस बार कहीं आधे पर सिमट न जाये।यह डर सता रहा है।कारण एक तो छुट्टा पशु किसानों की नाक मे दम किये हैं।

दूसरे केन्द्र सरकार ने एस सी एस टी कानून मे जो किया है वह छिपा नही है।सवर्ण तबका बीजेपी से काफी रुष्ट नजर आ रहा है बोलता कोई कुछ नही लेकिन सबक सिखाने की लोग मन मे ठान ठाने हैं।कुछ लोगों का मानना है कि नोट बंदी से भी कुछ तंगी आई है तो कुछ अयोध्या मे श्री राम मंदिर निर्माण को लेकर भीतर ही भीतर बीजेपी से चिढे हैं।

ग्रामीणांचल मे लोग काफी नारजगी दिखाते हैं कहीं किसी को बिधायक जी से हैंडपम्प नही मिला तो कहीं किसी की किसी कारण बस पेंसन कट गयी है।तो कोई पात्र होते हुये लाभ से वंचित है यद्यपि यह कार्य ग्राम प्रधान के होते हैं लेकिन बीजेपी सरकार को भी कोसने मे लोग कसर नही छोड रहे हैं।

उत्तर प्रदेश मे पिछली बार 70सीटें लोकसभा मे बीजेपी के इस बार आधे पर पहुंच जाने के आसार हैं।कुछ हद तक पार्टी के छुटभइये नेता भी इसके जिम्मेदार हैं वे सरकार की योजनाओं को जनमानस के सामने सही ढंग से पेश नही करते।बल्कि अपने आपको बडा नेता बनाने मे प्रयास रत हैं।

कमी किसकी है सब लोकसभा चुनावों मे स्पष्ट हो जायेगा।फिलहाल भ्रष्टाचार मिटाने के मामले मे प्रदेश की योगी सरकार खूब ढिंढोरा बजाई है।लेकिन क्या भ्रष्टाचार मिटा नही बल्कि हकीकत तो यह है कि भ्रष्टाचार और बढा है।स्वच्छ भारत मिशन के शौचालय हों प्रधान मंत्री योजना के आवास सबमे भ्रष्टाचार की विधवत चर्चा आई है।

कोटेदार की भी अक्सर सिकायत मिलती है कि वे रासन खा जाते हैं तो केरोसिन पी जाते हैं।यदि उपरोक्त मामलों मे भ्रष्टाचारी न हो तो चर्चा ही क्यों हो गडबड झाला तो होता ही रहता है।क्या ये गडबड झाले मिटाये जा सकेंगे असम्भव प्रतीत होता है।क्यों कि कुछ संबंधित अधिकारी कर्मचारी ही होते हैं जो सरकार के साथ साथ अपने विभाग के जिम्मेदार और ईमानदार अधिकारी कर्मचारी को भी बदनाम कर रहे हैं।

पहले ऐसे लोगों की तलाश हो और नकेल कसी जाय तो शासन प्रशासन सरकार सबकी जय जय हो।फिलहाल वर्तमान मे प्रदेश मे जो माहौल उससे यही प्रतीत होता है कि इस बार के लोकसभा चुनावों मे विपक्ष को उत्तर प्रदेश मे ज्यादा मेहनत नही करना पडेगा।वैसे बीजेपी के पास समय बहुत है बहुत कुछ सुधर सकता है।एक ही सिगूफा काफी है।और कहीं एक से दो हो गये तो बीजेपी की बल्ले होगी और विपक्षी फिर रजाई ओढने को मजबूर होंगे।पहला सवर्णों के हित मे कुछ कानून दूसरा अयोध्या मे श्री राम मंदिर बस विपक्षी जहां के तहां रह जायेंगे।लेकिन यदि समय रहते सरकार ने कुछ नही किया तो संकट बढ सकते हैं और कहीं ऐसा न हो कि की जोड तोड कर जो आज विपक्ष मे हैं कल सत्ता धारी न हो जायें क्यों कि समझौते भी अजीबो गरीब होते हैं पता चलेगा की गठबंधन हुआ और पार्टियों ने तय कर लिया की कुछ समय तक प्रधान मंत्री आपका तो कुछ समय तक हमारा रहेगा।सत्ता की लोभी दुनिया कौन चाहता है कि मेरा ऊंचा आसन छूटे सिंहासन छूटे।वैसे एस सी एस टी कानून मे जो कुछ भी हुआ है उससे केवल सवर्ण ही नही पिछडे वर्ग मे भी खलबली है क्यों कि समस्या का सिकार वह भी है|

मतलब यह तबका भी बीजेपी के विरुद्ध ही जायेगा इसमे कोई दो राय नही है।यदि सवर्ण और पिछडे दोनो ने ने बीजेपी से किनारा किया तो अंजाम खुदा जाने ब्याज के बदले मूल धन भी जायेगा।एस सी वर्ग भी पूर्ण रुप से बीजेपी मे नही जायेगा यह जग विदित कटु सत्य है।वैसे अनुच्छेद370और राम मंदिर मुददे के कारण लोगों ने देश की बागडोर बीजेपी को सौपा था।लेकिन होने कुछ और लगा तो राम भरोसे बीजेपी की नैया है|

उक्त लेख पर बीजेपी आलाकमान को बिचार करने की प्रबल आवश्यकता है किन्तु आज कल कौन विचार करता है सही रास्ता बताओ तो लोग बताने वाले को ही गलत समझते हैं।एस सी एस टी कानून के मामले मे वे सभी नेता मौन रहे जो सवर्ण व पिछडे वर्ग के हितैसी हैं तो जनता जवाब तो देगी ही कास ये नेता कुछ बोले होते तो कुछ दिलों मे उनके लिये भी जगह बनती। लोकसभा चुनावों मे समय है लेकिन गुप चुप चर्चायें जारी हैं।

मुझे न बीजेपी से कोई बार न खिलाफत हकीकत तो यह है कि मै भी बीजेपी से जुडा हूं राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुडा हूं बीजेपी मेरी पसंदीदा पार्टी है इसीलिये मै अपने इस लेख के माध्यम से हारे माननीय आलाकमान के पास संदेश भेजना चाहता हूं ताकि सरकार सवर्ण व पिछडे वर्ग के लिये भी कुछ नियम कानून बनाये।क्यों कि सरकार जिस नजर से सवर्णों को देख रही है वे अब उस नजर से देखने के काबिल नही हैं आजादी के बाद से अब तक जितने परिवर्तन हुये हैं सिकार सवर्ण अक्सर बने हैं।इसलिये सरकार को सवर्णों के प्रति नजरिया बदलने की जरुरत है किसी को इतना नही सताया जाता कि ऊपर वाले को भी गलत लगे।जय हिंद जय भारत माता की–

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