मेदांता हॉस्पिटल लखनऊ ने किया इंटरेक्टिव सेशन का आयोजन
मेदांता हॉस्पिटल लखनऊ ने किया इंटरेक्टिव सेशन का आयोजन
• मिनिमली इंवेसिव सर्जरी से न्यूरो सर्जरी हुई आसान और सुरक्षित
• आईएमए की ओर से मेदांता हॉस्पिटल के विशेषज्ञ चिकित्सकों के साथ हुआ इंटरेक्टिव सेशन
रायबरेली 21 दिसंबर 2021: रायबरेली में आईएमए की ओर से मेदांता सुपरस्पेशियालिटी हॉस्पिटल लखनऊ के विशेषज्ञ चिकित्सकों की ओर से इंटरेक्टिव सेशन का आयोजन किया गया। इसमें कंसल्टेंट इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी के डॉ गणेश सेठ ने मैनेजमेंट ऑफ एक्यूट कोरोनरी सिंड्रोम और एसोसिएट डायरेक्टर इंटरवेंशनल न्यूरोलॉजी के डॉ प्रमोद चौरसिया ने इंडिकेशन ऑफ मिनिमली इंवेसिव सर्जरी पर चर्चा की।
डॉ गणेश सेठ ने बताया कि ज्यादातर लोग केवल दिल से जुड़ी बीमारियों में केवल हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट के बारे में ही जागरुक होते हैं जबकि एक्यूट कोरोनरी सिंड्रोम हार्ट की इतनी भयंकर बीमारी है कि उसके बारे में लोगों को पहले पता होना चाहिए। जब इसका अटैक पड़ता है तक अगर मरीज केा तुरंत डॉक्टर को नहीं दिखाया गया तो मरीज की मौके पर ही मौत हो सकती है। एक्यूट कोरोनरी सिंड्रोम दिल से जुड़ा एक ऐसा रोग है जिसमें कोरोनरी आर्टरी में खून का बहाव रूक जाता है, जिससे स्ट्रोक, एंजाइना या फिर हार्ट अटैक आ सकता है। डॉक्टर्स कहते हैं कि इस रोग में खून की रुकावट अचानक होती है। जिससे दिल तक खून सही तरह से नहीं पहुंच पाता है। साथ ही एक्यूट कोरोनरी सिंड्रोम में आर्टरी में खून का बहाव कभी भी रुक जाता है और कभी भी सामान्य हो जाता है। यह अक्सर तब होता है जब कोरोनरी आर्टरी की दीवारों पर फैट जमा हो जाता है। फैट जमा हो जाने से वे ब्लॉक हो जाती हैं। जिसके चलते दिल तक ऑक्सीजन और पोषक तत्व पहुंच नहीं पाते हैं। असल में कोरोनरी ब्लड के माध्यम से हमारे दिल को आक्सीजन और जरूरी पोषक तत्व पहुंचती है। अगर हार्ट तक पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन पहुंचे तो हार्ट मसल्स के सेल्स की मृत्यु हो सकती है। जिससे हार्ट अटैक की संभावना बढ़ जाती है।
डॉ प्रमोद चौरसिया ने बताया कि आज स्पाइनल सर्जरी मिनिमली इनवेसिव (Spinal Surgery Minimally Invasive) होने के साथ 100 प्रतिशत सुरक्षित हो गई है। इस प्रक्रिया में खून का बहाव न के बराबर होता है और रिकवरी भी तेज गति से होती है। कीहोल सर्जरी में माइक्रो-एंडोस्कोपिक डिकम्प्रेशन सर्जरी शामिल है, जहां मात्र 1.5 से 2 सेंटीमीटर के चीरे से ही काम बन जाता है, जिसके कारण शरीर पर किसी प्रकार के कोई घाव नहीं पड़ते हैं। इसमें हड्डियों या मांसपेशियों को किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं पहुंचता है और मरीज सर्जरी के बाद जल्दी रिकवर करता है। इसके अलावा कई अन्य नई तकनीक भी आ चुकी है जिससे मरीज कम से कम समय में रिकवर हो जाता है। मेदांता हॉस्पिटल में न्यूरों सर्जरी के विशेषज्ञ सर्जन की पूरी टीम है जो कि मिनिमल इंवेसिव तकनीक से सर्जरी में माहिर है।
कार्यक्रम के दौरान विशेषज्ञों ने जानकारी दी कि मस्तिष्क एवं हृदय रोग सम्बंधित समस्या से जूझ रहे रोगियों और उनके तीमारदारों को इलाज के लिए उत्तर प्रदेश के बाहर दिल्ली, मुंबई जैसे बड़े शहरों में नहीं जाना नहीं जाना पडे़गा। इनका अब रायबरेली में जेल रोड शांति नगर स्थित उर्जित हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर में भी अब इलाज संभव होगा। जहां मेदांता लखनऊ के दो श्रेष्ठ विशेषज्ञों द्वारा हृदय एवं मस्तिष्क रोगों के लिए विशेष ओपीडी प्रत्येक माह होगी। इसमें हर महीने के पहले और तीसरे गुरुवार को मस्तिष्क व पहले और तीसरे शनिवार को हृदय रोग की ओपीडी होगी। ओपीडी में मेदांता हास्पिटल लखनऊ के कंसल्टेंट इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी एवं हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ गणेश सेठ और एसोसिएट डायरेक्टर इंटरवेंशनल न्यूरोलॉजी एवं मस्तिष्क व रीढ़ रोग विशेषज्ञ डॉ प्रमोद चौरसिया मरीजों को चिकित्सकीय परामर्श देंगे।
आईएमए रायबरेली के अध्यक्ष डॉ राजेश गुप्ता और सेक्रेटरी डॉ विपिन गुप्ता ने मेदांता सुपरस्पेशियालिटी हॉस्पिटल के विशेषज्ञ चिकित्सकों का कार्यक्रम में महत्वपूर्ण जानकारी देने के लिए अभार जताया और कहा कि आगे भी मेदांता हॉस्पिटल विशेषज्ञ चिकित्सकों के साथ इस तरह के इंटरेक्टिव सेशन का आयोजन किया गया।