आर्थोस्कोपी तकनीक से हुआ मल्टिपल लिगामेंट नी ज्वाइंट का इलाज
इलाज के एक दिन बाद ही मरीज का बिना किसी सहारे चलना फिरना हुआ संभव
लखनऊ । आर्थोस्कोपी तकनीक के ज़रिये रेडियस ज्वाइंट सर्जरी हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने मल्टिपल लिगामेंट नी इंजरी से ग्रस्त मरीज का बिना चीरा लगाए सफलतापूर्वक इलाज कर इस गंभीर समस्या से निजात दिलाई। यह प्रक्रिया जोड़ो के क्षतिग्रस्त भीतरी हिस्से का इलाज करने के लिए की जाती है जिसमे गंभीर रूप से ग्रस्त लिगामेंट का इलाज एक आर्थोस्कोप की सहायता से किया जाता है। मरीज लखनऊ के जानकीपुरम एक्सटेंशन का निवासी है। तीन घंटे तक चलने वाली यह सर्जरी रेडियस ज्वाइंट सर्जरी हॉस्पिटल के सीनियर कंसल्टेंट, डॉक्टर संजय श्रीवास्तव के साथ डॉ0 मनीष पांडे, डॉ0 शिशिर, एनेस्थेटिस्ट द्वारा छोटा सा छेद कर दूरबीन की मदद से की गई।
रेडियस ज्वाइंट सर्जरी हॉस्पिटल के सीनियर कंसल्टेंट डॉ संजय कुमार श्रीवास्तव ने कहा, “ जोड़ो के जटिल बनाव के कारण मल्टिपल लिगामेंट नी इंजरी की यह सर्जरी एक चुनौतीपूर्ण सर्जरी रही। अमूमन इस तरह की इंजरी खेल, उचाई से गिरने से या फिर किसी एक्सिडेंट के चपेट में आ जाने से होती है।
एक दुर्घटना के बाद घुटने में अंदरूनी चोट लगने तथा बैलेंस ना बन पाने के कारण मरीज चलने में असमर्थ था और पिछले कुछ हफ्तों से बिस्तर पर था। मरीज इसके इलाज के लिये काफी दिन से प्रयासरत था। किन्तु उसे कहीं से त्वरित इलाज नहीं मिला। मरीज को तब रेडियस ज्वाइंट सर्जरी हॉस्पिटल में रेफर किया गया, जहाँ पर आर्थोस्कोपी तकनीक के ज़रिये उसकी सर्जरी की गई। इस जटिल सर्जरी के पश्चात इलाज के दूसरे दिन से ही मरीज स्वयं बिना किसी सहारे के चलने फिरने में सक्षम रहा।