एकमात्र सामान्य सीट से कौन होगा भाजपा उम्मीदवार, बाफना-मद्दी या फिर देव सुधीर जैन
जगदलपुर, 19 सितंबर (आरएनएस)। विधानसभा चुनाव की तारीख अभी तय नहीं हुई है, किंतु बस्तर की इकलौती विधानसभा सामान्य सीट से भाजपा में टिकिट के लिए अंदरूनी तौर पर खींचतान का अंर्तद्वंद शुरू हो गया है। बस्तरवासी टकटकी लगाये इंतजार कर रहे हैं कि भाजपा उम्मीदवारी की माला किस सौभाग्यशाली के गले पर पड़ेगी – वर्तमान विधायक संतोष बाफना, वन विकास निगम के अध्यक्ष श्री निवास राव मद्दी या फिर प्रदेश मंत्री किरण देव।
निर्विवाद और बेदाग रहा है बाफना का राजनैतिक कार्यकाल
भाजपा के वर्तमान विधायक संतोष बाफना लोकप्रिय, कर्मठ, मिलनसार व जुझारू शख्सियत के धनी हंै, जिनका समूचा कार्यकाल निर्विवाद एवं साफ-सुथरा रहा है। चाहे नगर पालिका हो अथवा विधान सभा का चुनाव संतोष बाफना हमेशा ही अजेय योद्धा के रूप में ख्यातिनाम रहे हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के शामूराम कश्यप को पराजित किया था। उसके पूर्व दमदार एवं कद्दावर नेता रेखचंद जैन को 16 हजार मतों से पराजित कर भाजपा का परचम लहराया था। नगर पालिका चुनाव में भी बाफना ने भारी मतों से विजयश्री का वरण कर अपनी लोकप्रियता का डंका बजाया था। चुनाव लडऩे की कला में नि: संदेह बाफना पारंगत हो चुके हैं और उनके इस तजुर्बे के कारण ही उनके पास कार्यकर्ताओं एवं समर्थकों की लंबी चौड़ी फौज है। ऐसा माना जाता है कि बहु आयामी प्रतिभाधारी बाफना एक नहीं अनेक योग्यताओं के चलते कांग्रेस के दांत खट्टे करने में अव्वल साबित होंगे। बाफना ने न केवल सामाजिक संगठनों के मध्य बल्कि, अपने क्षेत्र के समस्त वर्ग, समुदाय व गैर राजनैतिक संगठनों के मध्य अपनी जनप्रियता की पैठ बना ली। विधायक के वर्तमान कार्यकाल में इन्होंने अपनी कुशाग्रता व कार्य कुशलता से सर्वाेच्चता के सोपानों को स्पर्श किया है। उपरोक्त तमाम खूबियों एवं बेहद सक्रियता की वजह से ही बस्तर की जनता उन्हें विजेता प्रत्याशी के रूप में निहार रही है। बाफना का गांव-गांव में तगड़ा नेटवर्क है। यह भी कहा जा सकता है कि वे ग्रामीणों की धड़कन बने हुये हैं।
खूबियों में किसी से कम नहीं हैं मद्दी
इधर भाजपा के एक अन्य सशक्त उम्मीदवार श्रीनिवास राव मद्दी की दावेदारी को कमतर आंकना भारी भूल होगी। पिछले 25 सालों से भाजपा से जुड़े मद्दी वर्तमान मेें वनविकास निगम के अध्यक्ष हैं साथ ही भाजपा के प्रदेश सचिव जैसे गुरूत्तर पद पर भी आसीन रह चुके हैं। इससे पूर्व जब वे साल 2007 से 2010 तक मध्य बस्तर भाजपा के जिलाध्यक्ष थे, तब इनके नेतृत्व में भाजपा ने मध्य बस्तर की छह में से छह अर्थात शत्-प्रतिशत सीटों पर फतह हासिल कर कांग्रेस को चारों खाने चित कर दिया था। इनकी सफलतम नीतियों और कार्यकुशलता की वजह से ही सहकारिता में दिनेश कश्यप, किरण देव महापौर एवं बस्तर के इतिहास में पहली बार बस्तर नगर पंचायत में उदबोराम नाग अध्यक्ष निर्वाचित हुए थे। उसी दौरान मध्य बस्तर की 7 में से 6 सीटों पर भाजपा का जनपद अध्यक्ष और जिला पंचायत अध्यक्ष लच्छूराम कश्यप चुने गए थे। श्री मद्दी की इच्छाशक्ति एवं कठिन परिश्रम से संभागीय मुख्यालय जगदलपुर में निर्मित विशाल भाजपा का अपना कार्यालय आज भी शान से खड़ा हुआ है।
वर्तमान में मद्दी सत्ता व संगठन दोनों के ही चहेते हैं और दोनों के मध्य एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में बेहतर तालमेेल स्थापित कर भाजपा की संगठनात्मक छवि में चार चांद लगाये हुए हंै। गृह निर्माण मण्डल के अध्यक्ष सुभाष राव जिन्होंने जनसंघी काल में अर्थात भाजपा के कठिन दौर में उसे कंधा दिया और घर परिवार त्याग कर रायपुर पार्टी कार्यालय में निष्ठावान सिफाई की तरह डटे रहे। इनके मद्दी काफी नजदीक और अति विश्वसनीय माने जाते हैं और सुभाष राव प्रदेश के मुखिया डॉ.रमन सिंह के भरोसेमंद लोगों में गिने जाते हैं। इस लिहाज से मद्दी की दावेदारी काफी प्रबल मानी जा रही है। व्यापार जगत से प्रत्यक्ष जुड़ाव एवं भाजपा व्यापारी प्रकोष्ठ के प्रदेश मंत्री होने के कारण मद्दी की जडं़े भी व्यवसायियों में गहरे तक फैली हुई हैं। इस नाते व्यापारी वोट अपनी झोली में डालने में उन्हें ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ेगी। चुनाव लडऩे का अनुभव उनमें कूट-कूट कर भरा हुआ है। इस बीच राजनीतिक हल्कों से छनकर आ रही खबरों के मुताबिक भाजपा संगठन भी मद्दी के समर्थन में जोड़-तोड़ का ताना-बाना बुनने में प्रयत्नशील हैं। मद्दी के कृषक व ग्रामीण अंचल में भी संपर्क जीवंत बने हुए हैं।
उपलब्धियों भरा रहा है देव का महापौर कार्यकाल
भाजपा से उम्मीदवारी के लिए कमर तोड़ मेहनत कर पसीना बहा रहे प्रदेश मंत्री किरण देव भाजपा के ऊर्जावान, सदव्यवहारिक एवं विनम्रता के गुणों से परिपूर्ण समर्पित कार्यकर्ता हैं। किरण देव का महापौर कार्यकाल उपलब्धियों भरा रहा है। किरण देव तजुर्बेकार एवं कुशाग्र राजनीतिज्ञ तो हैं ही, साथ ही मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह एवं भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह से उनकी करीबियां भी जग जाहिर हैं, जो उनके लिए सोने में सुहागा साबित होंगी और इसी नाते उनकी दावेदारी मजबूत मानी जा रही है। किरण देव युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष सहित दो दफे भाजपा जिलाध्यक्ष पद को सुशोभित कर चुके हैं। विगत कई वर्षों से किरण देव अपना ज्यादातर समय व ऊर्जा निरंतर जनसंपर्क से जनाधार बढ़ाने में खर्च करते रहे हैं, ताकि यदि उन्हें विधानसभा चुनाव लडऩे का मौका मिला तो उन्हें राजनैतिक मुश्किलों के दौर से गुजरना नहीं पड़े।
चंूकि तीनों ही उम्मीदवार एक से बढ़कर एक हैं, बावजूद संतोष बाफना के पक्ष में एक बात जरूर है जो उनके दावेदारी को पुख्ता बनाती है कि वे हमेशा ही विजयी विधायक रहे हैं साथ ही उनका कार्यकाल भी निष्कलंक रहा है। ऐसे हालात में पार्टी किसे टिकिट से नवाजती है, इस बात पर पार्टी कार्यकर्ताओं के अलावा आमजनों की निगाहें टिकी हुयी हैं।