छठवें वार्षिक वाजिदअली शाह फेस्टिवल “गंगानामा” का आयोजन 22 दिसंबर को दिलकुशा पैलेश मे
जितेन्द्र कुमार खन्ना- विशेष संवाददाता
लखनऊ : उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग और रूमी फाउंडेशन, लखनऊ चैप्टर द्वारा प्रस्तुत 6वां वार्षिक वाजिद अली शाह फेस्टिवल, “गंगानामा” : मुजफ्फर अली द्वारा कल्पित एवं निर्देशित एक मल्टीमीडिया नृत्य नाटक 22 दिसंबर को दिलकुशा पैलेश मे धूमधाम से मनाया जाएगा इसकी घोषणा आज आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान मुजफ्फर अली द्वारा की गयी ।
उन्होने बताया कि इस छठें संस्करण को सभी लोगों द्वारा अपनाए गए हमारे भारतीय दर्शनशास्त्र के सबसे ज्यादा पवित्र गंगानामा को उजागर करते हुए एक शानदार मल्टीमीडिया नृत्य नाटक के रूप में पवित्र गंगा नदी की कहानी, मिथक और इतिहास को प्रस्तुत करने के लिए डिजाइन किया गया है।
पिछले साल से हमने अपनी वायु और जल को स्वच्छ रखने और पेड़ों की सुरक्षा करने के लिए पर्यावरण और पारिस्थितिकी तंत्र के शक्तिशाली संदेश को समन्वित करने का निर्णय लिया है।
मुझे आपको यह सूचित करते हुए बहुत खुशी हो रही है कि उ. प्र. पर्यटन एवं कारपोरेट प्रायोजकों की मदद से रूमी फाउंडेशन, लखनऊ चैप्टर द्वारा वाजिद अली शाह समारोह को एक पर्यटन कार्यक्रम के रूप में स्थापित किया गया था। जिस प्रकार से इसे पैकेज किया गया और रचनात्मक ढंग से पर्यटन ट्रेवल ट्रेड को प्रस्तुत किया।
अभी तक के पाँच संस्करणों के प्रस्तुतिकरण को बढ़ावा देते हुए उ. प्र. पर्यटन इसे उ. प्र. पर्यटन का कैलेंडर कार्यक्रम बनाते हुए इस कार्यक्रम का स्वामित्व लेता है।
गोमती 2013, छतरमंजिल
इंद्र सभा 2015, रेजीडेंसी
राधा कन्हैया का किस्सा 2016, छत्तर मंजिल
रंग 2017, दिलकुशा पैलेस
यमुना दरिया प्रेम का 2018, दिलकुशा पैलेस
जैसा आप देखेंगे, इस समारोह को उन सभी संस्कृतियों को शामिल करते हुए मनाया जाता है जिसके वाजिद अली शाह महान प्रशंसक और प्रतिपादक थे। उनके दरबार में भगवान कृष्ण का समारोह कविता पाठ, ठुमरी और कत्थक के माध्यम से मनाया जाता था।
इस सरकार ने यह स्वीकार किया है कि माननीय मुख्यमंत्री का प्रबुद्ध दृष्टिकोण ब्रांड उ.प्र. की समग्र संस्कृति की समृद्धि का प्रचार पूरे राज्य में विशेषकर लखनऊ और ठुमरी के कारण वाराणसी में भी पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सकारात्मक संदेश देते हुए करना है।