जलसा सीरतुन्नबी का आयोजन हुआ सकुशल सम्पन्न
हमारे नबी आज भी क़ब्र में जिंदा हैं—मौलाना फयाज कासमी
तहसील रुदौली अंतर्गत महमूदमऊ में आयोजित हुआ कार्यक्रम
संवाददाता मोहम्मद सुब्हान की खास रिपोर्ट
शुजागंज(अयोध्या)
जनपद अयोध्या के तहसील रुदौली अंतर्गत ग्राम सभा महमूदमऊ में आयोजित जलसा सीरतुन्नबी व इस्लाह मुआशरा का आयोजन सकुशल सम्पन्न हुआ।जिसमें करीब हज़ारो की संख्या में लोग उपस्थित रहे।बयान करने के लिए प्रसिद्ध मौलाना फय्याज अहमद कासमी शाहब ने तक़रीर करते हुए अवाम को नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की सीरत/सुन्नत/मेहनत/शफ़क़्क़त/खिदमत/इज़्ज़त/शोहरत, पर ज़ोर डालते हुए कहा कि आप जैसा कोई दूसरा नही है।
गुलामो को सबसे ज्यादा इज़्ज़त मेरे आक़ा ने दी हे
क़ासमी साहब किबला ने गुलामो के हुक़ूक़ पर बताया कि मेरे आक़ा ने हमेशा गुलामो के साथ हमदर्दी/नर्मी के साथ पेश आने का तरीका बताया है।जिसमे आपने बताया कि हज़रत बिलाल रजि अल्लाहू अन्हु की मिसाल जमाने के लिए एक जीती जागती मिसाल है।
औरतों के हक़ में इस्लाम हमेशा से आगे रहा है
आपने बताया कि आज लोग बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ की बात कर रहे है।लेकिन मेरे नबी ने आज से 1400 साल पहले से ही बेटियों को वो इज़्ज़त और मक़ाम दिया जिसे आजतक कोई समझ नही पाया।माँ के क़दमो के नीचे ज़न्नत मेरे नबी के करम की एक मिसाल है।जलसों से खत्म हो रही है रूहानियत,गाने की तर्ज़ पर पढ़ी जा रही है नाते
आपने बताया कि टेक्नोलॉजी के बढ़ते हुए माहौल में आज जलसे से रूहानियत खत्म होती दिख रही है।वही आपने स्टेज पर गाने की तर्ज़ में नात पढ़ने वालों को भी निशाना बताते हुए कहा कि ऐसे लोग सुन्नत से खिलवाड़ कर रहे है,और सुन्नत को मिटाने का काम कर रहे है।लोग जलसे में तक़रीर कम नात सुनने की चेष्ठा में रहते है।इस अवसर पर मुफ़्ती राशिद हुसैन साहब खेतासराय, मौलाना अरशद रूदौलवी, हाफिज नोमान,मोहम्मद सालिम मोहम्मद सुब्हान ,कांग्रेस नेता अतीकुर्रहमान सफ्फू भय्या,खालिद खान, सुफियान खान,मोहम्मद सलमान, सहित हज़ारो की संख्या में लोग उपस्थित रहे।