वक़्फ़ की संपत्ति में हो रही है भारी हेराफेरी सही जांच होने पर होगा अरबों के घोटाले का पर्दाफाश
फ़ैज़ाबाद।हम आपको बता दें कि जहां एक और पूरी दुनिया में बाबरी मस्जिद को लेकर हाय तौबा मची है सरकारबन रही है और गिर रही है सब अपनी अपनी रोटी सेकने में लगे हुए हैं तो वहीं दूसरी ओर अयोध्या में ही 400 साल पुरानी एक मस्जिद है जो शाहजहांनी की मस्जिद के नाम से जानी जाती है और राम की पैड़ी के पास बनी है आप खुद देख सकते हैं कि यह मस्जिद की क्या हालत है और यह मीनारें बता रही है कि कितनी आलीशान मस्जिद रही होगी पर आज इस मस्जिद में गिरी हुई मस्जिद में लोग पेशाब और पैखाने कर रहे हैं और गंदगी फैला रहे हैं बल्कि यूं कह लीजिए कि वह एक शौचालय के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है यह उन मुसलमानों के लिए कितनी शर्म की बात है जो पूरी दुनिया में बाबरी मस्जिद के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं।
और जान दे रहे हैं लेकिन उनको यह मस्जिद क्यों नहीं दिखाई दे रही है ऐसी ही कुछ मस्जिदें और है जो अयोध्या में ही है पर यह मस्जिद इन मुसलमानों को क्यों नहीं दिख रही है आज यह मस्जिद मुसलमानों को आवाज दे रही है कि हमारी हिफाजत कौन करेगा यह मस्जिद बहुत जर्जर हालत में है और आंसू बहा रही है और शायद अपनी बेजुबानीमें में ही कह रही हो कि कहां है वह मुसलमान कहां है कौम के रहबर कहां है मजहब के ठेकेदार जो बाबरी मस्जिद के लिए तो पूरी दुनिया में हाय तौबा मचआने पर आमादा है क्या यह मस्जिद नहीं है क्यों नहीं हमको वह लोग देख रहे हैं कि हमारे सीने पर ही लोग इस तरह से गंदगी कर रहे हैं यह वाकई बहुत शर्मनाक बात है की इस मस्जिद में किस तरह से लोग और किस रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं आज दुनिया के उन मुसलमानों के सामने भी एक सवाल खड़ा हो गया है कि इस्लाम मजहब की बात करने वाले मजहब की लड़ाई लड़ने वाली और मस्जिद मकबरे और कब्रिस्तान की हिफाज़त की कमेटी बनाकर राजनीति करने वाले क्या सिर्फ सियासत ही करते रहेंगे और अपनी जाती फायदे के लिए मस्जिद के नाम पर मजहब के नाम पर अपनी रोटियां सेकते रहेंगे या जमीनी सतह पर कुछ काम भी करेंगे या सिर्फ दिखावा ही करते रहेंगे इस खबर को चलने के बाद अब देखना यह होगा कि दुनिया के किस कोने से इस मस्जिद के लिए हाथ आगे बढ़ाए जाते हैं कौन मुसलमान है जो जिम्मेदारी से इस मस्जिद की देखरेख और हिफाजत के लिए आगे आएगा हमारा तो काम था कि इस जर्जर और इस खस्ताहाल मस्जिद की बात आप तक पहुंचा दी जाए ताकि आप भी जाने के मजहब के नाम पर राजनीति हो रही है या कुछ काम भी हो रहा है।
क्या कहना राष्ट्रीय मुस्लिम मंच का
राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के अयोध्या महानगर के संयोजक काशिफ शेख चौधरी ने सुन्नी वक्फ बोर्ड पर बड़ा हमला बोला है उन्होंने कहा कि अयोध्या में उर्दू बाजार में एक मस्जिद है जिसका नाम शाहजहां आलमगीर है जो बहुत जर्जर हालत में है में कुछ दर और कुछ मीनारें बाकी है रह गई है बाकी कुछ नहीं बचा इस तरह की कुछ और मस्जिदें हैं जो बहुत ही खस्ता हाल है पर इस ओर कोई मुसलमान क्यों नहीं बोल रहे हैं क्या एक बाबरी मस्जिद ही रह गई है यह सिर्फ राजनीति का मुद्दा बना लिया गया है यह जो मुसलमानों के ठेकेदार बनते हैं उनको आगे आना चाहिए यह लोग क्यों अपनी रोटी सेक रहे हैं आसिफ शेख चौधरी ने तो यहां तक कह डाला कि जो बाबरी मस्जिद है वह बाबरी मस्जिद है ही नहीं दरअसल वह बाबरी मकबरा है क्योंकि बाबर आया ही नहीं तो बाबरी मस्जिद कैसे हो गई का बल्कि चौधरी ने यहां तक कहा कि 124000 पैगंबरों में एक राम भी है वह टेंट में क्यों है हम चाहते हैं कि राम मंदिर बने और लोग आएं और दर्शन करें काशिफ शेख चौधरी ने जफरयाब जिलानी को कहा कि वह आए और मस्जिदों को देखें उन्होंने कहा बाबरी एक्शन कमेटी के लोग आते हैं वह भी सिर्फ 6 दिसंबर को भाषण बाजी करके चले जाते हैं काशिफ शेख चौधरी का कहना था कि अयोध्या में मुसलमान 25% है पर किसी से यह नहीं होता कि और मस्जिदों के बारे में जानकारी ले सिर्फ बाबरी मस्जिद के नाम पर अपनी रोटी सेक रहे हैं और रोजी-रोटी चला रहे हैं क्योंकि वह मुद्दा है और इतना बड़ा मुद्दा बना दिया गया है कि लोग उसी से जुड़ कर अपना नाम कमाना चाहते हैं अयोध्या में आज मुंसिफ टीवी से बात करते हुए राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के अयोध्या महानगर के संयोजक ने कहा कि मुसलमान चाहता है कि मंदिर बने सिर्फ कट्टरपंथी मुसलमान ही नहीं चाहते कि मंदिर बने बल्कि उन्होंन एक नारा भी दिया कि राम नाम का नाम चलेगा हिंदू मुस्लिम साथ चलेगा काशिफ शेख चौधरी ने कहा कि अब हम लोग इस मस्जिद को साफ करेंगे हम ही नहीं हमारे हिंदू भाई भी एकता का परिचय देते हुए उस मस्जिद की साफ-सफाई और उसको बनवाने का काम करेंगे काशिफ एक चौधरी ने बाबरी मस्जिद के मुद्दई इकबाल अंसारी पर भी बोलते हुए कहा कि इकबाल अंसारी पहले अपने मोहल्ले की मस्जिद को देखें और नमाज जाकर पड़े क्योंकि वह जुम्मे की नमाज के अलावा किसी टाइम की नमाज नहीं पढ़ते और उनको कोई हक नहीं है बाबरी मस्जिद का मुकदमा लड़ने का अगर वह सच्चा मुसलमान है और मस्जिद का जरा सा भी लगाओ है तो अयोध्या में और भी मस्जिदों को जाकर देखें और उसको बनवाने का देखरेख करने का काम करें वह ऐसा नहीं करेंगे बस उनको बाबरी मस्जिद का मुद्दा मिल गया है जिससे वह अपना हाईलाइट होना चाहते हैं और अपनी रोटी सेकना चाहते हैं।
सिक्षाविद राजेश कुमार मिश्रा का क्या कहना है
मशहूर शिक्षाविद राजेश कुमार मिश्रा ने कहा कि यहां बहुत सी मस्जिदें हैं जिनको कोई मुसलमान देखने नहीं जाता जबकि सबको जाना चाहिए उन्होंने कहा कि यहां पर हिंदू मुस्लिम बहुत ही मेलजोल और मेल मिलाप से रहते हैं और कभी कोई दंगा नहीं हुआ और इस पर सिर्फ राजनीति हो रही है और कुछ लोगों द्वारा हमेशा माहौल को बिगाड़ने की कोशिश की गई लेकिन यहां के हिंदू मुस्लिम दोनों ने मिलकर उनकी कोशिशों को नाकाम कर दिया शिक्षाविद राजेश कुमार मिश्रा ने कहा कि जब तक जिलानी साहब आजम खान जैसे लोग या वक्फ के लोग हैं जब तलक उनके हाथ में मामला है जब तक हल नहीं निकलेगा राजेश मिश्रा ने यह भी दावा किया किया कि यह मस्जिद मंदिर का मुद्दा सिर्फ अयोध्या फैजाबाद के लोगों को सौंप दिया जाए तो 1 महीने में इसका हल निकल आएगा क्योंकि जो लोग इसमें राजनीति कर रहे हैं वह अयोध्या और अयोध्या के लोगों को अभी तक समझ ही नहीं पाए और सियासत कर रहे हैं और वक्फ बोर्ड के लोग इसके फैसलों में बहुत बड़ा रोड़ा बने हुए हैं राजेश मिश्रा ने कहा कि हम लोग शाहजहानी मस्जिद को साफ कराएंगे और उसको फिर से बनवाया जाएगा जो अयोध्या में हिंदू मुस्लिम एकता की एक मिसाल बनेगी क्योंकि अयोध्या का हिंदू हो या मुसलमान हमेशा एक साथ आपस में भाईचारा बना कर रहना चाहते हैं लेकिन कुछ लोग इन को बरगलाकर इनसे उल्टे सीधे काम करा लेते हैं अब हम लोग यह दुनिया को दिखाएंगे अयोध्या की धरती पर हिंदू मुसलमान किस तरह से आपस में मिलजुल कर रहता है।
इस मुद्दे पर अधिवक्ता सहीब रिज़वी ने रखा बेबाक़ी से अपना नज़रिया
वही इस मामले पर मशहूर एडवोकेट मोहम्मद शबीह रिजवी से हमारी बातचीत हुई तो उनका कहना था कि इसकी जिम्मेदारी सरकार की भी बनती है और पुरातत्व विभाग की और जो सबसे बड़ी जिम्मेदारी है वह है मुसलमानों की जो एक तरफ बाबरी मस्जिद को लेकर पूरी दुनिया में हाय तोबा तो मचाए हैं पर उनको यह इतनी अलीशान बड़ी मस्जिदें क्यों नहीं दिखाई दे रही हैं यह भी एक सोचने वाली बात है क्या सिर्फ मजहब के मस्जिद के नाम पर राजनीति हो रही है या फिर जमीनी स्तर पर कोई काम भी हो रहा है शबी मोहम्मद रिजवी जो कानून के मामले में बड़े जानकार माने जाते हैं उनका साफ तौर पर कहना था की इसके लिए बाकायदा कानून है कि पुरातत्व विभाग और केंद्र सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि वह ऐसी इमारतों की हिफाजत करें पर वह अपनी जिम्मेदारियों से बच रहे हैं जब मुसलमानों को ही अपनी कमियां और अपनी चीजें नहीं दिखाई दे रही है तो दूसरों से तवक्को रखना भी बेईमानी ही लगता है आइए सुनते हैं की शबी मोहम्मद रिजवी एडवोकेट क्या कह रहे हैं और कानून के बारे में क्या जानकारी दे रहे हैं
तो वहीं अयोध्या के ही निवासी साबिर अली का कहना था के सिर्फ बाबरी मस्जिद के नाम पर लोग अपनी सियासत चमकाने में लगे हुए हैं उनको मस्जिद से कोई लेना देना नहीं है उनको तो सिर्फ अपनी रोटी सेकने से मतलब है उनका साफ तौर पर कहना था कि मस्जिद तो
मस्जिद है चाहे वह बाबरी हो या चाहे शाहजहानी हो या फिर दुनिया की और कोई मस्जिद हो मस्जिद अल्लाह का घर है और इसकी हिफाजत करना हर मुसलमान का फर्ज है आइए सुनते हैं अयोध्या के निवासी साबिर अली उस मस्जिद को लेकर क्या जानकारी दे रहे हैं उनका क्या इज़हारे ख्याल है