लखनऊ की सायबर क्राइम सेल ने इंटरनेशनल कॉल को बेहद कम दामों पर लोगो को मुहैय्या करने के मामले में गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया
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जितेन्द्र कुमार खन्ना- विशेष संवाददाता
लखनऊ की सायबर क्राइम सेल ने इंटरनेशनल कॉल को बेहद कम दामों पर लोगो को मुहैय्या करने के मामले में गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया ,सायबर क्राइम सेल ने चीन में बने सिम बॉक्स के जरिये देश की संचार सेवाओ को आर्थिक नुक्सान पहुंचाने के मामले में गिरफ्तारी की , 5 सिम बॉक्स ,१ स्विच ,3 वाईफाई मॉडम ,अलग अलग कंपनियों के 84 सिम कार्ड बरामद किये।
इंटरनेशन कॉल को बेहद कम दामों पर लोगो को मुहैय्या कराने वाले एक ऐसे गिरोह का लखनऊ की सायबर क्राइम सेल ने भंडाफोड़ किया है आरोप है गिरोह चायनीज सिम बॉक्स के जरिये देश की संचार कंपनियों को आर्थिक नुक्सान पहुंचाते लोगो को इंटरनेशनल कॉल बेहद कम दरों पर मुहैय्या करता था। पुलिस की माने तो सुचना पर संधिग्द हालत में घूम रहे इन लोगो को पूछताछ के बाद पकड़ा और फिर इस मामले का खुलासा हुआ। पुलिस ने इस मामले में सचिनराज ,चंचल मिश्रा ,सुजीत गिरफ्तार किया है | पुलिस ने गिरोह से 5 सिम बॉक्स {कॉल आउटर ],१ स्विच ,3 वाईफाई मॉडम ,अलग अलग कंपनियों के 84 सिम कार्ड बरामद किये है जिनके जरिये गिरोह मिनी टेलीफोन एक्सचेंज चलाने की तैयारी में थे जिसके लिए हजरतगंज इलाके में जगह तलाशने आय थे |
अभय कुमार मिश्रा ,सीओ हजरतगंज
पुलिस की माने गिरोह का सरगना सचिनराज है को महारष्ट्र का रहने वाला है एमबीए का छात्र रह चुका सचिनराज पहले भी चीन ,नेपाल ,फिलीपींस ,सिंगापूर में इसी तरह से काम कर चूका है जांच पड़ताल में पता चला की गिरोह करीब एक साल पहले वाराणसी में इसी तरह से टेलीफोन एक्सचेंज के जरिये ठगी कर चूका है और अब लखनऊ में इसी तरह से फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज चलाकर ठगी करने वाला था।पुलिस की माने तो प्रति सिमबाक्स के जरिये गिरोह 15 से 20 हजार रूपए महीने की कमाई करता था |
अभय कुमार मिश्रा ,सीओ हजरतगंज
आरोपी की माने तो विदेशी कम्पनी से जुड़ने के दौरान इन्हे इस गोरखधन्दे की जानकारी मिली | बड़ी मोबाइल कामनियो के ग्रहको को सस्ती कॉल देने के लिए उन्हें अपना ग्राहक बनाते थे और मोटी कमाई करते थे।
सचिन राज ,आरोपी
फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज के जरिये लोगो को सस्ती इंटरनेशनल कॉल कराकर मोटी कमाई के लालच में अब गिरोह के तीनो सदस्य सलाखों के पीछे है जबकि सायबर सेल की टीम को अभी इनके ने साथियो की तलाश में है और जांच के बाद ही साफ़ होगा की अभी इस गिरोह के कितने और सदस्य है जो फिलहाल पुलिस की गिरफ्त से बाहर है।