क्या अयोध्या लोकसभा से सपा मुस्लिम प्रत्याशी पर खेलेगी दांव ?
रिपोर्ट इमरान खान
सपा बसपा गठबंधन की सीट बंटवारे के बाद से ही प्रदेश भर में सभी लोक सभा सीटों पर अपनी अपनी दावेदारी को लेकर माहौल गर्म हो चुका है और प्रत्याशी अपनी पकड़ और पहुंच के बदौलत टिकट कन्फर्म करने की जुगत में लग चुके है ऐसे में प्रदेश की सबसे चर्चित लोक सभा सीट अयोध्या पर चर्चा ना हो तो बैईमानी होगी।
वैसे तो अयोध्या हमेशा से सवर्गीय मित्रसेन यादव की ही सीट रही है और कई बार सपा और बसपा ने उन्हें प्रत्याशी भी बनाया और उन्होंने जीत भी दर्ज की परन्तु २०१४ के चुनाव में भाजपा लहर में ये सीट भी सपा बचाने में नाकामयाब रही और बाबू मित्रसेन यादव को भी हार का स्वाद चखना पड़ा था।
इस बार अयोध्या लोक सभा पर दावेदारों की लड़ाई काफी दिलचस्प होने वाली है क्यूंकि कोई अपने पिता के दम पर तो कोई अखिलेश के करीबी होने का दम्भ भर रहा है वैसे फेसबुक पर तो लोग अब्बास अली जैदी रुश्दी को भी प्रत्यशी मान रहे है जबकि सच्चाई इसके उलट है सपा के एक कद्दावर नेता का कहना है की रुश्दी इस रेस से बहार है।
सुगबुगाहट ये है की अयोध्या लोकसभा से पहली और सशस्क्त दावेदारी मित्रसेन यादव के पुत्र पूर्व विधायक व मंत्री आनंद सेन यादव की होगी जिसका अंदाज़ा इस बात से भी लगाया जा सकता है की वे क्षेत्र में काफी सक्रिय है और अभी से वे जनता के बीच में है मित्रसेन यादव का पुत्र होना ही आनंदसेन के लिए सबसे मज़बूत कड़ी है।
दूसरी सशक्त दावेदारी कई बार के विधायक व पूर्व मंत्री अवधेश प्रशाद की है अवधेश को मुलायम सिंह का काफी करीबी भी माना जाता है और लोगों का कहना है की अगर सीट बंटवारे में मुलायम की चली तो अवधेश ही होंगे प्रत्याशी।
तीसरे न० पर अयोधय के पूर्व विधायक व मंत्री तेज नारायण पांडेय का नाम चल रहा है जो की अखिलेश और डिम्पल के करीबी माने जाते है सूत्र बतातें है की जिस तरह से तेज नारायण पांडेय त्योहारों में फैज़ाबाद से ले कर दरियाबाद तक दौरा कर रहें है उन्हें भी इस कड़ी में कमजोर ना समझा जाये।
सूत्रों का कहना है की अपने पिता के दम पर कद्दावर नेता बेनी प्रसाद वर्मा के पुत्र राकेश वर्मा भी ये सीट हथियाने में कामयाब हो सकते है क्यूंकि काफी पुराने नेता है बेनी प्रसाद वर्मा और उनकी पकड़ सबसे मज़बूत है और वह सपा के संस्थापक सदस्यों में से एक है मुलायम के अत्यंत करीबी है जिसके कारन लोक सभा का घमासान काफी दिल चस्प होगा और सभी नेता अपने अपने जुगाड़ और पहुंच का इस्तेमाल करने में जुटे हुए है ।
वही आपको बताते चलें की सपा के सभी दावेदार लोकसभा के लिए अपनी दावेदारी पहली बार पेश कर रहे हैं जिनका सामना भाजपा के वर्तमान सांसद लल्लू सिंह व कांग्रेस के दो बार सांसद रहे डा० निर्मल खत्री से होगा ये देखना दिलचस्प होगा।
16 लाख मतदाताओं की संख्या वाली फैजाबाद सीट पर हर पार्टी की जीत का गणित तय करते हैं 4 लाख मुस्लिम मतदाता
लोकसभा क्षेत्र की पांच विधानसभा में प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला संसदीय क्षेत्र के 1695159 लाख मतदाता करेंगे। भाजपा, कांग्रेस, सपा बसपा गठबंधन के बीच चतुष्कोणीय मुकाबला दिख रहा है।
मुस्लिम मतदाता ही सुनिश्चित करेंगे जीत
कुल वोटर- 1695159 पुरुष-913423,महिला-781691
मुस्लिम वोटर- 4 लाख