उत्तर प्रदेशलखनऊ

अपोलोमेडिक्स हॉस्पिटल ने चाइल्डहुड कैंसर अवेयरनेस मंथ के उपलक्ष्य में शुरू की बोन मैरो ट्रांसप्लांट, हेमेटोलॉजी व पीडियाट्रिक ऑन्कोलॉजी की सुविधा

अपोलोमेडिक्स हॉस्पिटल ने चाइल्डहुड कैंसर अवेयरनेस मंथ के उपलक्ष्य में शुरू की बोन मैरो ट्रांसप्लांट, हेमेटोलॉजी व पीडियाट्रिक ऑन्कोलॉजी की सुविधा

 

– क्षेत्र का पहला प्राइवेट अस्पताल, जहां पीडियाट्रिक ऑन्कोलॉजी के इलाज व बोन मैरो ट्रांसप्लांट के लिए डेडिकेटेड यूनिट

– हर साल दुनिया भर में 2 लाख बच्चों की मौत कैंसर से हो जाती है, इनमें भी ल्यूकेमिया के मरीजों की संख्या अधिक

 

लखनऊ 2, सितंबर, 2022: अपोलोमेडिक्स सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल ने चाइल्डहुड कैंसर अवेयरनेस मंथ के उपलक्ष्य में पीडियाट्रिक ऑन्कोलॉजी के इलाज, हेमेटोलॉजी बोन मैरो ट्रांसप्लांट के लिए डेडिकेटेड यूनिट की शुरुआत की घोषणा की है। अभी तक इन गम्भीर बीमारियों का इलाज कराने के लिए मरीजों को दिल्ली-मुम्बई जैसे शहरों का रुख करना पड़ता था। इसके चलते इलाज के खर्च के साथ-साथ मरीजों और उनके परिजनों को वहां की यात्रा, रहने, खाने-पीने का अतिरिक्त खर्च भी उठाना पड़ता था। अपोलोमेडिक्स हॉस्पिटल पीडियाट्रिक ऑन्कोलॉजी के इलाज, हेमेटोलॉजी बोन मैरो ट्रांसप्लांट की डेडिकेटेड यूनिट के शुभारम्भ होने से अब लखनऊ में ही उन्नत इलाज की सुविधा प्राप्त हो सकेगी।

इस विषय मे जानकारी देते हुए अपोलोमेडिक्स सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल के सीईओ एवं एमडी डॉ मयंक सोमानी ने बताया, “अपोलोमेडिक्स हॉस्पिटल में पीडियाट्रिक ऑन्कोलॉजी व हेमेटोलॉजी डिपार्टमेंट की शुरुआत हो चुकी है, इसकी एचओडी प्रो (डॉ) अर्चना कुमार होंगी, जो टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल-मुम्बई, यूनिवर्सटी ऑफ विस्कॉन्सिन व यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफ़ोर्निया- लॉस एंजेल्स की एलुमनाई हैं। उनके पास क्लीनिकल विशेषज्ञता में पीडियाट्रिक ऑन्कोलॉजी, पीडियाट्रिक हेमेटोलॉजी, हेमटोलॉजिकल डिसऑर्डर्स, क्लीनिकल हेमेटोलॉजी, ल्यूकेमिया / लिम्फोमा (पीडियाट्रिक और यंग एडल्ट्स), ब्रेन ट्यूमर, सॉलिड ट्यूमर, न्यूरोब्लास्टोमा, हेपाटोब्लास्टोमा, बॉन एंड सॉफ्ट टिशूज सार्कोमा, विल्म्स ट्यूमर के इलाज का 38 से अधिक वर्षों का व्यपाक अनुभव है और वे इससे पहले पीडियाट्रिक हेमटोलॉजी ऑन्कोलॉजी, केजीएमयू – लखनऊ में प्रोफेसर व पीडियाट्रिक, इंचार्ज का दायित्व सम्हाल चुकी हैं।”

डॉ सोमानी ने बताया, ” पीडियाट्रिक ऑन्कोलॉजी व हेमेटोलॉजी डिपार्टमेंट में प्रो (डॉ) अर्चना कुमार के अलावा डॉ सुनील दबड़घाव, जो पूर्व में एसजीपीजीआई में कार्यरत थे व वर्तमान में अपोलोमेडिक्स सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल में बतौर सीनियर कंसलटेंट – हेमटोलॉजी और बोन मैरो ट्रांसप्लांट कार्यरत हैं, डॉ प्रियंका चौहान (पूर्व एसजीपीजीआई), डॉ अनिल शर्मा (पूर्व एसजीपीजीआई) जैसे विशेषज्ञों टीम बेहतरीन इलाज देने के लिए उपलब्ध है।”

प्रो (डॉ) अर्चना कुमार ने बताया, “दुनियाभर में बच्चों को होने वाले कुल कैंसर के मामलों में 20 प्रतिशत से अधिक भारत में पाए जाते हैं। हर साल दुनिया भर में 2 लाख बच्चों की मौत कैंसर से हो जाती है और यह संख्या धीरे-धीरे बढ़ रही है। बच्चों के इलाज के लिए ज़रूरतें अलग होती हैं। बच्चों में कैंसर के इलाज के लिए ऐसे सुपरस्पेशलिस्ट डॉक्टर की जरूरत होती है, जो उनकी देखभाल करने के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित हो। पीडियाट्रिक ऑन्कोलॉजिस्ट बच्चों में ल्यूकेमिया, हड्डी के कैंसर, विल्म्स ट्यूमर, मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी के ट्यूमर जैसी सभी घातक स्थितियों के इलाज के लिए प्रशिक्षित होते हैं। समय पर, उचित और पूर्ण इलाज मिल जाने से कैंसर से पीड़ित अधिकांश बच्चे ठीक हो जाते हैं और सामान्य रूप से अपना जीवन व्यतीत कर सकते हैं।”

डॉ अनिल शर्मा ने कहा, “अब अपोलोमेडिक्स सुपरस्पेशलिटी अस्पताल लखनऊ में बच्चों कैंसर के उपचार के लिए व्यापक सुविधाएं उपलब्ध हैं। अस्पताल में पीडियाट्रिक ऑन्कोलॉजी डिपार्टमेंट बच्चों में जटिल कैंसर के साथ-साथ रक्त विकारों के से संबंधित इलाज करता है। आम धारणा के विपरीत, केवल 5 प्रतिशत बाल चिकित्सा कैंसर अनुवांशिक होते हैं। रोग की जल्दी पहचान करना और पीडियाट्रिक ऑन्कोलॉजिस्ट से प्रोटोकॉल आधारित इलाज प्राप्त करना और इलाज के दौरान होने वाले ड्रॉपआउट को कम कर इलाज और ठीक होने की दर में सुधार लाना ही शीर्ष प्राथमिकता है।”

डॉ मयंक सोमानी ने बताया, “अपोलोमेडिक्स हॉस्पिटल लखनऊ में हम एक ही छत के नीचे सभी सुपरस्पेशलिटी मेडिकल सेवाएं प्रदेश व आस पास के लोगों को मुहैया करवा रहे हैं। किडनी ट्रांसप्लांट, लिवर ट्रांसप्लांट, ब्रेन स्ट्रोक मैनेजमेंट, सभी प्रकार के कैंसर के सम्पूर्ण इलाज के साथ साथ विश्वस्तरीय आईसीयू एवं 24×7 इमरजेंसी व ट्रामा की सुविधा अब लखनऊ में ही उपलब्ध है जिसके लिए पहले लोगों को दिल्ली, मुंबई जैसे बड़े शहरों की और रुख करना पड़ता था। हाल ही में हमारी टीम ने लिविंग डोनर व कैडवर डोनर से मिले किडनी व लिवर का सफलतापूर्वक ट्रांसप्लांट किया है।”

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