उत्तर प्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष श्री हृदय नारायण दीक्षित ने श्रीराम जन्मभूमि वाद में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का किया स्वागत
उत्तर प्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष श्री हृदय नारायण दीक्षित ने श्रीराम जन्मभूमि वाद में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत किया है।
उन्हांने कहा है कि भारत में संविधान की सत्ता है। संविधान भारत के लोगों की निष्ठा है। सर्वोच्च न्यायालय के इस निर्णय में किसी पक्ष की हार जीत नही हुई है। संविधान ही सर्वोपरि सिद्ध हुआ है।
श्री दीक्षित ने कहा है कि श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर करोड़ों भारतवासियों की अभिलाषा रहा है। इसके लिए लाखों श्रद्धालु जेल गए हैं। वे स्मरणीय हैं। उन्होंने बड़ा संघर्ष किया है। कोर्ट ने लगातार 40 दिन कार्यवाही चलाई। यह ऐतिहासिक परिश्रम है। हजारों पृष्ठ में फैली न्याययिक कार्यवाही इस श्रम का सबूत है। कोर्ट ने तमाम दस्तावेज खंगाले, तमाम साक्ष्य सुने और पारदर्शी निर्वचन विवेचन के बाद ऐतिहासिक निर्णय दिया है। वर्षों पुराने विवाद का निस्तारण हो गया है।
अध्यक्ष विधान सभा ने विश्वास व्यक्त किया है कि देश के सभी लोग, सभी दल व संगठन इस निर्णय का स्वागत करेंग। शान्ति और सद्भाव का वातावरण बनाए रहेंगे।