उत्तर प्रदेशलखनऊ

जलवायु परिवर्तन पर जताई चिंता एआई की भूमिका-सतत भविष्य को आकार देने में बहुविषयक अनुसंधान“ विषय पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित

जलवायु परिवर्तन पर जताई चिंता
एआई की भूमिका-सतत भविष्य को आकार देने में बहुविषयक अनुसंधान“ विषय पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित
लखनऊ, इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्पेशल एजुकेशन (आईआईएसई), लखनऊ, काफ़ यूनिवर्सिटी कॉलेज घाना और साइंस-टेक इंस्टीट्यूट लखनऊ के सहयोग से, गर्व से “एआई की भूमिका-सतत भविष्य को आकार देने में बहुविषयक अनुसंधान“ विषय पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। 11 से 13 जनवरी तक हुए इस कार्यक्रम में दुनियाभर के कई विशेषज्ञों, शोधकर्ताओं और चिकित्सकों की उपस्थिति रही।
इस सम्मेलन का विषय जलवायु परिवर्तन और पर्यावरणीय गुणवत्ता में गिरावट से लेकर संसाधनों की कमी पर चिंता जताई गई। सम्मेलन में डॉ इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्पेशल एजुकेशन (आईआईएसई), लखनऊ के निदेशक प्रोफेसर अरुण कुमार शुक्ला अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि स्थायी भविष्य को आकार देने में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और बहु-विषयक अनुसंधान की भूमिका महत्वपूर्ण है। धर्मेंद्र कुमार यादव, सहायक प्रोफेसर, सांख्यिकी और जनसांख्यिकी विभाग, एनआईएचएफडब्ल्यू, नई दिल्ली ने भी पर्यावरण संतुलन बनाए रखने की अपील की। काफ़ यूनिवर्सिटी कॉलेज के कानून विभाग के प्रोफेसर प्रदीप शर्मा ने कहा कि एआई सभी विषयों में सहयोगात्मक अनुसंधान के साथ मिलकर सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए कार्य करता है। सम्मेलन की संरक्षिका और आईआईएसई ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस की सीएमडी फ़िरदौस सिद्दीक़ी ने कहा कि बहु-विषयक अनुसंधान के साथ एआई का एकीकरण स्थिरता के लिए हमारे दृष्टिकोण में एक शक्तिशाली प्रतिमान बदलाव प्रदान करता है। मुख्य अतिथि डॉ. पृथ्वी यादव, कुलपति, सिम्बायोसिस यूनिवर्सिटी ऑफ एप्लाइड साइंसेज, इंदौर ने सम्मेलन को संबोधित किया। दूसरे दिन कुछ विशेष शोध पत्र प्रस्तुत किए गए। इनमें डॉ. ओंकार कन्नेबॉयना ने गैर-लकड़ी वन उत्पादों की भूमिका, जनजातीय महिला आजीविका, तेलंगाना, भारत के आदिलाबाद जिले में एक केस स्टडी, डॉ. प्रियंका सिंह की ओरल कैंसर के निदान में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग और डॉ. निशांत कुमार का मैग्नीशियम डोप्ड जिंक ओक्साइड थिक फिल्म्स का व्यवस्थित अध्ययन आदि शोध को शामिल किया गया। डॉ. धर्मेंद्र कुमार यादव और डॉ. मोहम्मद अराफात आदि के अलावा इस सम्मेलन में विभिन्न कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के लगभग 250 शिक्षाविदों, शोध विद्वानों और छात्रों की भागीदारी देखी गई। आईआईएसई के संकाय यानी, प्रो. अरुण कुमार शुक्ला, डॉ. सीमा त्रिपाठी, नवीन चंद्र उप्रेती, दीप्ति गुप्ता, संजीव तिवारी, अजय कुमार द्विवेदी, डॉ. विशाल श्रीवास्तव, चन्द्र भूषण, सौरभ श्रीवास्तव, संजोली केडिया और तरूण बोस ने भी अपने शोध पत्र प्रस्तुत किये। आईआईएसई के विद्यार्थियों में प्रतिष्ठा वर्मा, गौरव त्रिपाठी, डॉ. विशाल श्रीवास्तव, सुभांगी, कौशल शुक्ला, दीप्ति गुप्ता, सौरभ पांडे, आरफ़ा रिज़वान, आदित्य कुशवाह, चंद्र भूषण, रुचि तिवारी, गीतिका नेगी, नवीन उप्रेती, मोहित मिश्रा, प्रज्ञान राज, सौरभ श्रीवास्तव, अंकुश कुमार वर्मा, अभिषेक श्रीवास्तव, अजय द्विवेदी, अनुराग कुमार वर्मा, संजीव तिवारी, सम्मेलन की संयोजिका डॉ. सीमा त्रिपाठी, सह-संयोजक नवीन चन्द्र उप्रेती आदि की उपस्थिति रही।

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