उत्तर प्रदेशलखनऊ

देश विरोधी ताकतों के खिलाफ विवेकानंद फाउंडेशन की हुंकार

देश विरोधी ताकतों के खिलाफ विवेकानंद फाउंडेशन की हुंकार

लखनऊ, 12 जनवरी 2022 : कुछ राजनीतिक दलों ने उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए सत्ता हासिल करने के लिए जाति और धर्म के नाम पर राजनीतिक खेल खेलना शुरू कर दिया है। राजनीतिक लाभ के लिए वेबेईमानी से आम जनता को गुमराह कर रहे हैं और साम्प्रदायिकता का इस्तेमाल भी उन्हें गुमराह करने के लिए कर रहे हैं।किसी भी तरह सत्ता हासिल करने के लिए बीजेपी और सपा जैसे राजनीतिक दल उत्तरप्रदेश के गौरव से समझौता करने को तैयार हैं।ऐसे में विवेकानंदफाउंडेशन ने लोगों को जगाकर, उनका नेतृत्व करने का फैसला किया है।
हम हर आम आदमी को उत्तर प्रदेश के वास्तविक मूल्यों और सम्मान की रक्षा करने और उनकी पहचान और स्वाभिमान को बचाने के लिए शिक्षित करना चाहते हैं।
विवेकानंद फाउंडेशन के अध्यक्ष श्री अमलान विश्वास ने कहा कि राज्य के मतदाताओं को ऐसे राजनीतिक दलों से सावधान रहना होगा, जो मतदाताओं को लुभाने के लिए जाति और धर्म के गलत हथकंडे अपना रहे हैं. जो पार्टी हमारे किसानों को ‘आतंकवादी’ कह सकती है, उस पर भरोसा नहीं किया जा सकता।जिस देश में हम “जय जवान जय किसान” के नारे में विश्वास करते हैं, उस देश में भाजपा के शासन में कई किसानों की बेरहमी से हत्या कर दी गई है।
सीमा पर घुस पैठ के पीछे कौन है, यह तो भाजपा ही स्पष्ट कर सकती है, जबकि सेना देश की रक्षा के लिए कटिबद्ध है।
विवेकानंद फाउंडेशन ऐसी ताकतों पर लगाम लगाने के लिए प्रतिबद्ध है, जो किमती जानों को मौत के घाट उतार कर सत्ता हासिल करने पर आमादा हैं। फाउंडेशन आम जनता से अपील करता है कि उत्तरप्रदेश के गौरव की रक्षा करने वाले लोगों को सत्ता सौंपे।
श्री विश्वास ने अपने धार्मिक दृष्टिकोण को भी सामने रखा; उन्होंने कहा कि हम वर्तमान सरकार की उस गतिविधि की कड़ी निंदा करते हैं जहां मुख्यमंत्री की उपस्थिति में अन्नपूर्णा की मूर्ति को तोड़ा गया था। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार के दौरान राज्य में कोई सामाजिक सुरक्षा नहीं है। लोग माफियाओं से ज्यादा सरकारी एजेंसियों से ज्यादा डरते हैं। प्रशासन सरकार की कठपुतली बन गया है। समाज को उचित नेतृत्व में होना चाहिए। विभिन्न सरकारों के अधीन उत्तर प्रदेश के पिछले 30 वर्षों का विश्लेषण करने के बाद, यह स्पष्ट है कि कानून और व्यवस्था, विकास, शिक्षा, व्यवसाय, सामाजिक सुरक्षा, बाल कल्याण, उद्योग, संचार आदि के संदर्भ में हमने पाया कि बहन कुमारी मायावती द्वारा शासित सरकार सबसे प्रभावी थी।
विवेकानंद फाउंडेशन के श्री विकास अग्रवाल ने कहा कि अमीर लोग कोरोना से डरते हैं। लॉकडाउन से आम लोग डरे हुए हैं। पिछले लॉकडाउन के दौरान सरकार का कदम बेहद घिनौना था। राज्य के व्यवसायी लाचार हैं। सरकार ने व्यापारियों को कभी मुआवजा नहीं दिया बल्कि विभिन्न करों का भुगतान करने के लिए दबाव डाला। इसके अलावा, मूल्य वृद्धि जारी रखना बहुत सामान्य घटना है। व्यापारियों की सुरक्षा की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि जहां सुरक्षा ही नहीं है, वहां हम ऐसी सरकार पर कैसे भरोसा कर सकते हैं।
विवेकानंद फाउंडेशन के श्री तिवारी ने स्पष्ट रूप से बेरोजगारी, असुरक्षा और सामाजिक सुरक्षा की ओर इशारा किया। उन्होंने मतदाताओं से वोट बैंक के रूप में उपयोग न होने के लिए भी कहा। उन्होंने आगे भाजपा नेताओं की ब्राह्मण समुदाय पर टिप्पणियों पर अपनी असहिष्णुता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि भाजपा का यह गलत बयान है कि ब्राह्मण के पास कोई विकल्प नहीं है।
चुनाव के दौरान उत्तर प्रदेश प्रभारी का कार्यभार संभालने के बाद श्री चौहान कहते हैं कि यह वास्तव में उनके लिए गर्व का क्षण है कि उन्हें तानाशाही सरकार के खिलाफ लड़ने के लिए फाउंडेशन टीम के आयोजन की जिम्मेदारी मिली। उन्होंने युवाओं को कुछ उपहारों/नकद के लिए अपनी गरिमा से समझौता न करने के लिए एक साथ लड़ने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने युवाओं से सभी असामाजिक/धार्मिक/राष्ट्रविरोधी ताकतों के खिलाफ खड़े होने की अपील की। युवा समाज की रीढ़ हैं उनका उपयोग केवल सभाओं में भीड़ बनाने के लिए नहीं किया जाना चाहिए।
फाउंडेशन पूरे देश में राजनीतिक चेतना का प्रसार करने के लिए काम कर रहा है। अंत में फाउंडेशन ने इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से उत्तर प्रदेश के सभी लोगों से इस चुनाव में भाग लेने की अपील की क्योंकि यह मिशन लाल किले का एक हिस्सा है।

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