भारत के भावी निर्यात चैंपियनों को सहायता देने के लिए माननीय वित्त मंत्री ने किया उभरते सितारे फंड का शुभारंभ
भारत के भावी निर्यात चैंपियनों को सहायता देने के लिए माननीय वित्त मंत्री ने किया उभरते सितारे फंड का शुभारंभ
लखनऊ,भारत की माननीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने शनिवार, 21 अगस्त, 2021 को लखनऊ में ‘उभरते सितारे फंड’ (यूएसएफ) का शुभारंभ किया। इस दौरान उत्तर प्रदेश सरकार के माननीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात संवर्धन मंत्री श्री सिद्धार्थ नाथ सिंह और वित्तीय सेवाएं विभाग, वित्त मंत्रालय, भारत सरकार के अपर सचिव श्री पंकज जैन विशेष रूप से उपस्थित रहे।
माननीय वित्त मंत्री ने उभरते सितारे कार्यक्रम (यूएसपी) की घोषणा पिछले साल के अपने बजट भाषण में की थी। उन्होंने बताया था कि इसका संचालन इंडिया एक्ज़िम बैंक द्वारा सिडबी के साथ मिलकर किया जाएगा। इस कार्यक्रम का मकसद है, छोटी और मध्यम आकार की कंपनियों को अंतरराष्ट्रीय फलक पर ले जाना और उनके निर्यातों के सपनों को साकार करने में सामने
आने वाली बाधाओं को दूर करना। इस कार्यक्रम के अंतर्गत उन कंपनियों को चिह्नित किया जाता है, जो आने वाले कल की निर्यात चैंपियन हो सकती हैं और जिनमें वैश्विक मांगों को पूरा करने की प्रबल संभावनाएं हैं। फिर उन कंपनियों को सहायता प्रदान की जाती है, जो तकनीकी, उत्पाद या प्रोसेस की दृष्टि से बेहतर स्थिति में हैं। यह कार्यक्रम उन चिह्नित उद्यमों की बाधाओं का पता लगाता है और उनकी वृद्धि तथा निर्यात रणनीति में उन्हें सहायता प्रदान करता है। यह सहायता वित्तीय और सलाहकारी सेवाओं, दोनों रूपों में दी जाती है। इसमें इक्विटी, ऋण और तकनीकी सहायता शामिल है।
इस कार्यक्रम के अंतर्गत एक वैकल्पिक निवेश फंड बनाया गया है, जिसे नाम दिया गया है – ‘उभरते सितारे फंड’। यह इंडिया एक्ज़िम बैंक और सिडबी द्वारा 40-40 करोड़ रुपये के अंशदान से संयुक्त रूप से प्रायोजित फंड है और जुलाई 2021 में इसे सेबी के साथ सफलतापूर्वक रजिस्टर कर लिया गया है। इस फंड की शुरुआती राशि ₹250 करोड़ रखी गई है और ₹250 करोड़ का ही ग्रीन शू ऑप्शन रखा गया है। इस फंड से देशभर में विनिर्माण और सेवा क्षेत्र, दोनों में निर्यात उन्मुख इकाइयों में इक्विटी और इक्विटी जैसे इंस्ट्रूमेंट्स के जरिए निवेश किया जाएगा और निर्यात बाजार में नए मुकाम को हासिल करने में उभरते सितारों का सहयोग किया जाएगा।
यूएसएफ का उद्देश्य विनिर्माण और सेवा उद्योगों के छोटे और मझोले आकार के ऐसे उद्यमों को सहायता देना और उनके विकास के हर चरण में उन्हें हर मुमकिन सहयोग देना है, जिनमें निर्यातों की अच्छी संभावनाएं हैं और जो आने वाले कल के निर्यात चैंपियन हो सकते हैं।
यूएसएफ का शुभारंभ करते हुए श्रीमती निर्मला सीतारमण ने देश में एमएसएमई क्षेत्र में नई ऊर्जा भरने के लिए उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन योजना सहित भारत सरकार द्वारा किए गए विभिन्न प्रयासों का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि एक तरफ कोविड-19 महामारी की मार पड़ी, तो दूसरी ओर सरकार ने आत्मनिर्भर भारत अभियान पहल की शुरुआत की। इससे भारतीय कंपनियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनने और भारत में आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि यूएसएफ से इक्विटी / इक्विटी जैसे इंस्ट्रूमेंट्स के जरिए निर्यात उन्मुख छोटे और मंझोले उद्यमों में निवेश किया जाएगा और इसके जरिए निर्यातों को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। यह पहल चिह्नित कंपनियों के विकास में योगदान देने में एक उत्प्रेरक की भूमिका निभाएगी। इससे भारत के निर्यातों को बढ़ावा मिलने और उनका विविधीकरण होने के साथ-साथ ब्रांड इंडिया को और सुदृढ़ करने तथा रोजगार के अवसर बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।
इस अवसर पर इंडिया एक्ज़िम बैंक की उप प्रबंध निदेशक सुश्री हर्षा बंगारी ने बताया कि बैंक ने किस तरह कोविड-19 महामारी के बीच यूएसपी का परिचालन शुरू किया और प्रमुख अकादमिक संस्थानों, वाणिज्य मंडलों, उद्योग निकायों के साथ साझेदारी बढ़ाई। श्रीमती बंगारी ने बताया कि इंडिया एक्ज़िम बैंक ने 100 से अधिक भावी प्रस्तावों की पाइपलाइन तैयार की है और विभिन्न क्षेत्रों में कई कंपनियों को सहयोग किया है। इनमें से कुछ कंपनियों ने इस कार्यक्रम के दौरान अपनी प्रस्तुतियां भी दीं। इनमें कोविड के टीके और ब्लैक फंगस की दवा की प्रमुख सामग्री की विनिर्माता कंपनी भी शामिल रही। इसके अलावा, रीसाइकलिंग के जरिए पर्यावरण संरक्षण में योगदान देने वाली और एफएमसीजी पैकेजिंग के लिए प्रमुख इनपुट्स की विनिर्माता कंपनियां भी शामिल रहीं।
इस अवसर पर सिडबी के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक श्री सिवसुब्रमणियन रमण ने देश में, खासकर उत्तर प्रदेश में एमएसएमई के संवर्धन के लिए पिछले दिनों शुरू की गई कई महत्त्वपूर्ण पहलों पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस बताया कि सिडबी क्रेडिट-प्लस दृष्टिकोण के जरिए देश में एमएसएमई क्षेत्र के सर्वांगीण विकास के सुगमीकरण के लिए प्रतिबद्ध है।
देशभर के कोने-कोने से भारतीय उद्योग और अकादमिक जगत के प्रतिनिधि इस कार्यक्रम से भौतिक और वर्चुअल रूप से जुड़े रहे।