युवा भीड़ नहीं नेतृत्व है, स्नातक MLC प्रत्याशी बृजेश सिंह
युवा भीड़ नहीं नेतृत्व है, स्नातक MLC प्रत्याशी बृजेश सिंह
मतदाता पंजीकरण केंद्रों पर जमा किए जाएंगे आवेदन फॉर्म
युवा भीड़ नहीं नेतृत्व है : बृजेश सिंह
प्रत्येक स्नातक को सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित वेतन दिलाना हमारा लक्ष्य
रिपोर्ट-पंचदेव यादव
लखनऊ (मलिहाबाद) स्नातक एमएलसी के चुनाव अभियान की तैयारियां तेजी से चल रही हैं। लखनऊ खंड सीट से युवा स्नातक MLC प्रत्याशी बृजेश सिंह ने चुनाव जीतने के लिए किलेबंदी की है ।
अभियान को सफल बनाने के लिए कार्यकर्त्ता जोर शोर से जुटे हैं ।अपने चुनाव अभियान और दमदार कार्यशैली की वजह से बृजेश सिंह इस बार लखनऊ सीट से मजबूत दावेदारी पेश कर रहे हैं ।
युवा भीड़ नहीं नेतृत्व है, स्नातक MLC प्रत्याशी बृजेश सिंह।
अपने चुनाव अभियान के जनसंपर्क के दौरान बृजेश सिंह मलिहाबाद मीडिया ऑफिस में पत्रकारों से परिचर्चा की तथा इसके बाद मनकौटी के जावेद अली इंटर कॉलेज में एक शादी समारोह में शामिल हुए ।
युवाओं की राजनीति के प्रति रुचि के बारे में फर्स्ट लाइन के सवाल पर उन्होंने कहा कि युवा भीड़ नहीं है बल्कि नेतृत्व हैं । भारत के युवा को यह समझना होगा कि जब तक वह सक्रिय रूप से राजनीति में नहीं आएगा तब तक भारत की दिशा और दशा दोनों बदले नहीं जा सकते हैं ।
उन्होंने स्नातकों से आवाहन किया कि अब समय आ गया है कि भारतीय युवा राजनीति में सक्रिय भूमिका निभायें ।
युवा अपने दिमाग से निकाल दें राजनीति गंदगी है, इसमें शामिल होकर ही वह भारत के भविष्य का निर्माण कर सकते हैं । इसके अतिरिक्त वह ईमानदार प्रत्याशी को जिताकर राजनीति में व्याप्त गंदगी को खत्म कर सकते हैं । हमारा लक्ष्य युवाओं को सक्रिय राजनीति में लाकर भारत की राजनीति को बदलना है ।
उन्होंने कहा कि उनके चुनाव जीतने पर वह जोर शोर से स्नातकों की समस्या सरकार के समक्ष रखेंगे । साथ ही यह भी कहा कि सत्ता में आने के बाद वह स्नातकों के वेतन संबंधी मामलों को भी सरकार के समक्ष उठाएंगे तथा सुप्रीम कोर्ट के द्वारा निर्धारित किए गए वेतन को दिलाने का हर संभव प्रयास करेंगे ।
फर्स्ट लाइन से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि हमारे स्नातक आउटसोर्सिंग के जरिए 8-10 हजार रुपए प्रति माह के वेतन पर कार्य करने को मजबूर हैं जो कि निर्धारित किए गए वेतन 18 हजार के आसपास से बहुत कम है ।
आपको बताते चलें कि स्नातकों को निर्धारित वेतन ना मिलना बहुत बड़ा मुद्दा है और स्नातक सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित वेतनमान की मांग को लेकर समय-समय पर आंदोलन करते रहते हैं । लेकिन अभी तक के सभी एमएलसी, स्नातकों को सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित वेतनमान दिलाने में नाकाम साबित हुए हैं ।
चुनाव आयोग ने वोटर बनने के लिए एक अक्टूबर से छह नवंबर तक पुनरीक्षण अभियान चलाने का निर्णय लिया है। मतदाता बनने के लिए स्नातक युवा व शिक्षक आवेदन फॉर्म भरकर किसी भी मतदाता पंजीकरण केंद्र पर जमा कर सकते हैं।
स्नातक निर्वाचन क्षेत्र एमएलसी का पिछला चुनाव 23 मार्च 2014 को संपन्न हुआ था। इस बार भी मार्च महीने में चुनाव करवाए जाने की तैयारी की जा रही है। एडीओ जिला निर्वाचन अभय किशोर ने बताया कि एक नवंबर से तीन साल पहले स्नातक करने वाले लोग अपना नाम निर्वाचक नामावली में जुड़वा सकते हैं।