उत्तर प्रदेशफ़ैज़ाबाद

रूदौली नगर का मामला-ज़िम्मेदार कौन वन विभाग या नगर पालिका परिषद्?

रूदौली नगर वासी आवारा जानवरो/कुत्तो से परेशान

आवारा कुत्तों को पकड़ने की ज़िम्मेदारी वन विभाग की ——नगर पालिका परिषद रूदौली

आवारा कुत्तों/जानवरो को पकड़ने का कार्य नगर पालिका का ——–वन विभाग

संसाधन नहीं है कैसे पकडे आवारा कुत्ते —-नगर पालिका

अलीम काशिश

रूदौली (अयोध्या)
रूदौली नगर में आवारा कुत्तों की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। कुत्तों की संख्या पर अंकुश लगाने के लिए प्रशासन के पास कोई योजना ही नहीं है ।नगर में आवारा जानवरों की धरपकड़ न होने का खामियाजा जहां बेकसूर लोगों को भुगतना पड़ रहा है, वहीं नगर पालिका ने यह कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया है कि उसके पास आवारा जानवरों को पकड़ने के लिए संसाधन ही नहीं हैं। और आवारा कुत्तों को पकड़ने का कार्य वन विभाग का है । नगर क्षेत्र में आवारा कुत्तों की नसबंदी का कोई अभियान अब तक नहीं चलाया गया है। इससे नगर में प्रतिवर्ष आवारा कुत्तों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो रही है। आवारा कुत्तों की बढ़ती जनसंख्या से नगरवासियों के लिए खतरा पैदा हो गया है ।

आये दिन नगर के किसी न किसी मोहल्ले से कुत्ते के काटने की खबर आती रहती है ।
वही वन विभाग का कहना है कि आवारा कुत्तों/ जानवरो को पकड़ने का कार्य नगरपालिका का है वन विभाग का कार्य केवल जंगली जानवरों की सुरक्षा एवं देख रेख का है ।
नगर पालिका की ओर से कुत्तों को पकड़ने या उनकी नसबंदी का को अभियान ना चलाए जाने से नगर वासी कुत्तों से क
काटे जाने और रेबिज़् बीमारी के खतरे से जूझ रहे हैं। निवासियों का कहना है कि ज़िला प्रशासन के उच्च अधिकारियों को इस का संज्ञान लेकर नगर वासियों को राहत देने का काम करना चाहिए

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