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जॉन क्रैसिंस्की ने ‘ए क्‍वॉइट प्लेस’ का तीसरा पार्ट बनाने पर अपनी राय दी

जॉन क्रैसिंस्की ने ‘ए क्‍वॉइट प्लेस’ का तीसरा पार्ट बनाने पर अपनी राय दी

मुम्बई,,‘ए क्‍वॉइट प्लेस’ के अब तक के दो पार्ट ने पूरी दुनिया के दर्शकों का ध्यान अपनी तरफ खींचा है। इस फिल्म में दिखाए गए डर, घबराहट और सस्पेंस ने लोगों को इसकी कहानी से पूरी तरह बांधकर रखा। जॉन क्रैसिंस्की के दिमाग में आइडिया का ऐसा बीज पनपा-जो उनके और हम सबके लिए अकल्पनीय साबित हुआ। ‘ए क्‍वॉइट प्लेस’ की दो सफल फिल्मों का निर्देशन करने के बाद जॉन क्रैसिंस्की ‘ए क्‍वॉइट प्लेस:डे वन’ के नाम से इसके प्रीक्‍वल का निर्देशन करने मैदान में उतरे हैं। आइए जानते हैं इस बारे में उनका क्या कहना है।

क्रैसिंस्की का कहना है, ‘ए क्‍वॉइट प्लेस: डे वन’ बनाने की सबसे रोचक बात है कि वे एक बिलकुल ही नई दुनिया बना रहे हैं जिसे कभी किसी ने नहीं देखा होगा। अब वे रोचकता को एक नए चश्मे से देखने की कोशिश कर रहे हैं। उनका कहना है, “इसमें उस समय को दिखाया गया है जब बाकी दुनिया के लोग इस परेशानी का सामना करते हैं।’’

दोनों ही फिल्मों में दर्शकों के सामने कुछ रोचक सवाल भी रखे गए हैं। आखिर ये कौन से प्राणी हैं और कहां से आए हैं? वे धरती पर क्यों आए हैं? क्या उन्हें हराया जा सकता है? फिल्म की इस नई किस्त को बनाने के दौरान कुछ ऐसे ही सवाल क्रैसिंस्की ने खुद से भी पूछे।

वे आगे कहते हैं, “मैं खासकर इस बात से हैरान हूं कि आखिर न्यूयॉर्क जैसे इतने बड़े शहर में शोरगुल में रहने वाले लाखों लोगों की प्रतिक्रिया कैसी होगी। मैं एक ऐसी जगह लेना चाहता था जिससे सब वाकिफ हों और उसे मैं बहुत ही अलग किस्म के माहौल में ढालना चाहता था। भले ही आप न्यूयॉर्क शहर में रहते हों या ना रहते हों, चाहे आपको यह पसंद हो या ना पसंद हो, लेकिन आप उससे एकदम से जुड़ जाते हैं। इसमें एक ऐसी दुनिया है, जहां आवाज सुनते ही खून का प्यासा एक प्राणी किसी भी समय और किसी भी जगह पहुंच जाता है। वैसे न्यूयॉर्क जैसे शहर में ऐसा नहीं होना चाहिए। जब मैंने माइकल को उस आइडिया को अपनाते हुए और उस पर पूरी लगन के साथ काम करते हुए देखा तो काफी सुकून महसूस हुआ। मुझे तो इसका हरेक लम्हा ही पसंद है।’’

‘ए क्‍वॉइट प्लेस:डे वन’ में उस दिन का अनुभव दिखाया गया है जब पूरी दुनिया में चुप्पी छा जाती है। माइकल सैरनॉस्की द्वारा बनाई गई फिल्म की इस किस्त में पिछली दो फिल्मों से पहले की घटनाओं को दिखाया गया है। सैम नाम की एक महिला को न्यूयॉर्क शहर में अल्ट्रासॉनिक आवाज सुनकर घुस आए खून के प्यासे किसी और ग्रह के प्राणी से अपनी जान बचानी होगी।

ट्रेलर- लिंक
‘ए क्‍वॉइट प्लेस: डे वन’, देखने का यह मौका अपने हाथ से जाने ना दें, 28 जून को पहुंच रहा है सिनेमाघरों में
या
‘ए क्‍वॉइट प्लेस: डे वन’ 28 जून को सिनेमाघरों में रिलीज हो रही है, तो इसे देखने से बिल्‍कुल ना चूकें

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