दिल्ली।दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने एडल्ट्री कानून पर दिए गए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर असहमति जताई है। स्वाति मालीवाल ने कहा है कि आज के व्यभिचाप पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश ने शादी शुदा लोगों को अवैध सम्बंध बनाने का लाइसेंस दे दिया है। फिर शादी की क्या जरुरत है?
महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल
स्वाति मालीवाल ने ट्वीट कर कहा है, ‘’मैं सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पूरी तरह असहमत हूं। आज के व्यभिचार पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश ने शादी शुदा लोगों को अवैध सम्बन्ध बनाने का लाइसेंस दे दिया है। फिर शादी की क्या ज़रूरत है?’’ उन्होंने कहा, ‘’497 को पुरुष और महिला दोनों के लिए अपराधिक बनाने की जगह गैर आपराधिक ही बना दिया। ये फैसला महिला विरोधी है।’’
बता दें कि व्यभिचार को अपराध की श्रेणी से बाहर करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को इससे संबंधित भारतीय दंड संहिता की धारा 497 को असंवैधानिक करार देते हुए निरस्त कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह महिलाओं की व्यक्तिकता को ठेस पहुंचाता है और इस प्रावधान ने महिलाओं को ‘पतियों की संपत्ति’ बना दिया था।
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने सर्वसम्मति से व्यभिचार से संबंधित 158 साल पुरानी भारतीय दंड संहिता की धारा 497 को असंवैधानिक करार देते हुए इस दंडात्मक प्रावधान को निरस्त कर दिया है।