उत्तर प्रदेशलखनऊ

अपोलोमेडिक्स हॉस्पिटल, लखनऊ में हुई क्षेत्र की पहली रोबोटिक बैरियाट्रिक सर्जरी

अपोलोमेडिक्स हॉस्पिटल, लखनऊ में हुई क्षेत्र की पहली रोबोटिक बैरियाट्रिक सर्जरी

अत्यधिक मोटापे से पीड़ित मरीजों के लिए रोबोटिक बैरियाट्रिक सर्जरी अत्यधिक लाभकारी है, और यह मोटापे के कारण हुए मधुमेह और उच्च रक्तचाप जैसे रोगों के इलाज में भी मददगार साबित होती है।

लखनऊ, 30 दिसम्बर 2024, अपोलोमेडिक्स सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल, लखनऊ ने क्षेत्र की पहली सफल रोबोटिक बैरियाट्रिक सर्जरी कर एक नई उपलब्धि हासिल की है। यह ऐतिहासिक रोबोटिक स्लीव गैस्ट्रेक्टॉमी सर्जरी गंभीर मोटापे से पीड़ित 38 वर्षीय एक मरीज पर की गई। सर्जरी का नेतृत्व डॉ. अंकुर सक्सेना, डायरेक्टर, रोबोटिक, मिनिमल एक्सेस एंड बैरियाट्रिक सर्जरी डिपार्टमेंट ने अपनी विशेषज्ञ टीम के साथ किया।

मरीज का वजन 100 किलोग्राम से अधिक था और उसे मधुमेह और उच्च रक्तचाप जैसी समस्याएं थीं। इन स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान करने के लिए उसे रोबोटिक प्रक्रिया से उपचार दिया गया। डॉ. सक्सेना ने बताया कि रोबोटिक स्लीव गैस्ट्रेक्टॉमी वजन घटाने में काफी मदद करती है, और इससे मधुमेह को रिवर्स करने और उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने की संभावना बढ़ जाती है। ऐसी सर्जरी से मधुमेह को रिवर्स करने की दर 90-95% तक होती है, जबकि उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने की दर 80-85% तक हो सकती है। मरीज ने सर्जरी के 15 दिनों में ही 10 किलोग्राम वजन घटा लिया है।

अपोलोमेडिक्स सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल, लखनऊ के एमडी और सीईओ, डॉ. मयंक सोमानी ने रोबोटिक तकनीक के फायदों पर जोर देते हुए कहा, “यह तकनीक सर्जरी के लिए आवश्यक सटीकता सुनिश्चित करती है, ऑपरेशन के बाद का दर्द कम करती है और ठीक होने का समय कम हो जाता है। यह गॉलब्लैडर सर्जरी के समान सुरक्षित है। लेकिन अफसोस की बात है कि इस तरह के उपचारों के बारे में इस क्षेत्र में जागरूकता कम है। दिल्ली और हैदराबाद जैसे शहरों में यह सर्जरी सामान्य है, लेकिन लखनऊ में यह कम उपयोग होती है, क्योंकि लोगों के बीच इसके बारे में गलतफहमियां और जागरूकता की कमी है।”

डॉ. सक्सेना ने वजन घटाने के अलावा सर्जरी के अन्य स्वास्थ्य लाभों पर भी प्रकाश डाला: “यह मोटापे से संबंधित समस्याओं जैसे जोड़ों का दर्द, सांस लेने में कठिनाई, बांझपन, पीसीओएस और कुछ प्रकार के कैंसर के जोखिम को कम करती है।”

फायदेमंद होने के बावजूद, उत्तर प्रदेश के इस क्षेत्र में बैरियाट्रिक सर्जरी करवाने की दर कम है और केवल 10% मरीज ही इस उपचार का चयन करते हैं। डॉ. सोमानी ने कहा, “यह सर्जरी उन लोगों के लिए जीवन रक्षक है जो मोटापे और संबंधित समस्याओं से जूझ रहे हैं। हम रोबोटिक तकनीक के माध्यम से इस प्रक्रिया को और अधिक सुरक्षित और लखनऊ और आसपास के क्षेत्रों के लोगों के लिए सुलभ बनाने का लक्ष्य रखते हैं।”

अपोलोमेडिक्स सुपरस्पेशलिटी अस्पताल मरीजों को उन्नत इलाज प्रदान करने के लिए निरंतर प्रयासरत है और मरीजों को रोबोटिक सर्जरी और बैरियाट्रिक सर्जरी जैसे समाधान अपनाने के लिए प्रोत्साहित करता है, ताकि वे अपनी जीवन जीने की शैली की गुणवत्ता में सुधार ला सकें।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Back to top button