बैंक हड़ताल के पूर्व प्रदर्शन

भारतीय बैंक संघ के विभाजनकारी रवैये तथा केंद्र सरकार द्वारा जायज मांगो पर उदासीनता के चलते देश भर के बैंक अधिकारी आज प्रदर्शन व 21 दिसंबर को हड़ताल हेतु मजबूर
जितेन्द्र कुमार खन्ना – विशेष संवाददाता
आज दिनाँक 7 दिसम्बर 2018 को “आल् इंडिया बैंक ऑफिसर्स कंफेड्रेशन ” (AIBOC) ने बैंक ऑफ़ इंडिया मुख्य शाखा हज़रत गंज के समक्ष सायंकाल 5:30 बजे केंद्र की उदासीनता व भारतीय बैंक संघ (IBA) के अड़ियल एवं वेतन समझौते के विलंबकारी रवैये के खिलाफ जोरदार प्रदरशन किया।
प्रदरशनकारियों को संम्बोधित करते हुए आल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कंफेड्रेशन के लखनऊ सचिव दिलीप चौहान ने बताया कि भारतीय बैंक संघ अधिकारियों मे विभाजन करके केवल स्केल एक से तीन तक के ही अधिकारियो का ही वेतन पुन् रिक्षीकरण करना चाहती है जिसेे हमारे संगठन AIBOC ने गत 30 नवंबर की बैठक मे एक सिरे से नकारते हुए बैठक का बहिष्कार किया।हमारी मांग है कि सदैव की भाँति स्कले एक से लेकर सात तक के अधिकारियों का वेतन समझौता किया जाए। लेकिन भरतीय बैंक संघ के अडियल रवैया ही इसमें बाधक है और हमें मजबूर होकर 21 दिसंबर को हड़ताल पर जाना पड़ रहा है। हमारा वेतन समझौता नवंबर 2017 से विलंबित है जिसके लिये बैंक के अधिकारी संगठन AIBOC ने मई 2017 मे ही अपना मांग पत्र दे दिया था परंतु अभी तक IBA का रवैया उदासीन ही रहा है।
काम0 पवन, अध्यक्ष ने सभा को संबोधित करते हुए बताया कि IBA बैंको के नुकसान मे होने की बात कह कर वेतन समझौता नही करना चाहती है। जबकि बैंकों का परिचालन लाभ मे लगातार वृद्धि हो रही है। राष्ट्रीयकृत बैंकों का वर्तमान NPA मार्च 2018 को 8.50 लाख करोड हैं जिसमे 75% से अधिक देश के चुनिंदा औद्योगिक घरानों का ही है जिसेे सरकारें आपसी मिली भगत के कारण ही कुछ नही कह रही हैं। इन औद्योगिक घरानो से ही यदि NPA वसूली यदि सरकार कर ले तो केवल बैंक ही नही इस देश का विकास भी तेजी से हो सकेगा।
काम0 विनय श्रीवास्तव ने कहा कि यदि IBA वेतन समझौता शीघ्र नहीं करती है तो 21 दिसंबर के बाद अधिकारी संगठन अनिश्चित कालीन हड़ताल पर भी जाने से नही हिचकेगा।
सभा को आल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कंफेड्रेशन के अन्य नेताओं काम0 एस एस प्रसाद,जी पी त्रिपाठी, ज्ञानेंद्र सिंह,सत्यजीत सिंह,विवेक श्रीवास्तव आदि ने भी संबोधित किया।
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