विश्व विख्यात सूफी संत हजरत शेख अहमद अब्दुल हक़ (मखदूम साहब) का 608 वाँ उर्स जश्न ए ईद मिलदुन नबी के साथ शुरू
नय्यर मियां के उतराधिकारी नायब सज्जादा नशीन अहमद मियां ने जानकारी देते हुए बताया कि इस उर्स में देश भर की दरगाहों (खानकाहों) से सज्जादा नशीन व श्रद्धालु आते है जिनके रहने खाने की सारी व्यवस्था पूरी कर ली गई है दरगाह शरीफ के लंगर खाने में उर्स के दौरान खाना पकाने का सिलसिला दिन रात जारी रहेगा मेरे अनुरोध पर ठंड को देखते हुए जायरीन को किसी किस्म की परेशानी न हो इसके लिए मेला परिसर में नगर पालिका ने अलाव की व्यस्था की है।

रुदौली ।चिश्ती साबरी सिलसिले (श्रृंखला) के विश्व विख्यात सूफी संत हजरत शेख अहमद अब्दुल हक़ (मखदूम साहब) का 608 वाँ उर्स सज्जादा नशीन मुतवल्ली शाह अम्मार अहमद अहमदी नय्यर मियां की अध्यक्षता में दिनांक पंद्रह दिसंबर को मस्जिद दरगाह शरीफ में सुबह कुरान ख्वानी जश्न ए ईद मिलदुन नबी के साथ शुरू
कव्वाल शावेज़ वारसी ने दाग़ ए गुनाह को धो ले जी चाहे जिस किसी का बहर ए करम है जारी शेख़ ए रुदौलवी का। सूफी कलाम पेश कर लोगों का मन मोह लिया। रात 9.30 बजे दरगाह शरीफ में महफिल ए समा (कव्वाली) होगी जिसमें देश भर से आए कव्वाल सूफी कलाम पेश करके अपनी श्रद्धा का इजहार करेंगे। उर्स के समस्त कार्यक्रम सज्जादा नशीन मुतवल्ली शाह अम्मार अहमद अहमदी नय्यर मियां की अध्यक्षता में होंगे ।
नय्यर मियां के उतराधिकारी नायब सज्जादा नशीन अहमद मियां ने जानकारी देते हुए बताया कि इस उर्स में देश भर की दरगाहों (खानकाहों) से सज्जादा नशीन व श्रद्धालु आते है जिनके रहने खाने की सारी व्यवस्था पूरी कर ली गई है दरगाह शरीफ के लंगर खाने में उर्स के दौरान खाना पकाने का सिलसिला दिन रात जारी रहेगा मेरे अनुरोध पर ठंड को देखते हुए जायरीन को किसी किस्म की परेशानी न हो इसके लिए मेला परिसर में नगर पालिका ने अलाव की व्यस्था की है। दिनांक 16 दिसंबर रात 9.30 बजे महफिल ए समा (कव्वाली) खानकाह शेख उल आलम में होगी जो रात लगभग 1 बजे तक चलेगी,
17 दिसंबर दिन में 2 बजे महफिल ए समा (कव्वाली) खानकाह शेख उल आलम में होगी शाम को दरगाह शरीफ में सज्जादा नशीन दीप जला कर चरागाँ करेंगे रात 9.30 बजे बड़ी महफिल ए समा (कव्वाली) खानकाह शेख उल आलम में होगी जो पूरी रात चलेगी महफिल ए समा ( कव्वाली) के बाद पहला कुल (फतेहा) होगा उसके बाद सज्जादा नहीं रस्म ए शेरवानी अदा करेंगे। 18 दिसंबर सुबह 6 बजे दरगाह शरीफ में मखदूम साहब की मजार का सज्जादा नशीन नय्यर मियां इत्र गुलाब जल से गुस्ल करेंगे उसके बाद मजार शरीफ पर फूलों की चादर पेश करेंगे।
दिन में 2 बजे उर्स की आखरी रस्म खिरके शरीफ की महफिल होगी उसके बाद शाम 4 बजे सज्जादा नशीन नय्यर मियां द्वारा मखदूम साहब के पवित्र वस्त्र (झुब्बा) और सूफी बुजुर्गों के महत्पूर्ण तबरुकात की जियारत (दर्शन) कराएंगे खास दुआ के साथ उर्स सम्पन्न हो जाएगा। उर्स के औसर पर मुख्य कव्वालों में मुरली राजू शाहजहां पूर,जावेद हुसैन रामपुर,शावेज़ वारसी बड़ा गांव, कौनैन वारसी देवा शरीफ, आफताब हुसैन बाराबंकी, मेराज वारसी, शहाब वारसी, मो आमिर बंसा, जीशान फैजान बरेली, मो अहमद रामपुर, जावेद साबरी अमरोहा, गुफरान असलमी खैराबाद उर्स के औसर पर सूफी कलाम पेश करेंगे। रुदौली स्थित दरगाह पर प्रतिवर्ष होने वाले उर्स व मेला में अपनी मनोकामना पूर्ण होने की दुआ करने पश्चिम उत्तर प्रदेश,पूर्वांचल, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, झारखंड,बिहार,उड़ीसा, गुजरात,राजस्थान,दिल्ली, उत्तराखंड, सहित देश भर से काफी संख्या में लोग आकर हाजरी देते हैं।
मखदूम साहब के 608वें उर्स व मेला में लोगों के आने का सिलसिला शुरू हो गया है दुकानें और झूले मुरादाबादी बर्तन हलवा पराठा खाद आकर्षण का केंद्र रहता है। उर्स के कार्यक्रम 18 दिसंबर को समाप्त हो जाएंगे मेला लगभग एक महीने तक चलता रहेगा।