अब रोज होगी अयोध्या केस की सुनवाई

अयोध्या।अखिल भारतीय हिंदू महासभा के अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि ने कहा कि जिस तरह से कुछ लोगों ने राम मंदिर मसले का निर्णय लंबित करने की कोशिश की थी, निश्चित तौर पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद ऐसे लोगों को झटका लगा होगा।
अयोध्या रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद से जुड़े 1994 के इस्माइल फारूकी मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को बड़ा फैसला दे दिया।सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच ने 2-1 के फैसले के हिसाब से कहा कि अब ये फैसला बड़ी बेंच को नहीं जाएगा।इसके साथ ही अब अयोध्या विवाद की रोज सुनवाई का रास्ता साफ हो गया है।उधर अखिल भारतीय हिंदू महासभा के अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का निर्णय स्वागत योग्य है।
स्वामी चक्रपाणि ने कहा कि श्रीराम मंदिर के निर्माण में ये पहला कदम है।उन्होंने कहा कि ये स्पष्ट है कि हिंदुओं के पक्ष में ये निर्णय आया है।जिस तरह से कुछ लोगों ने राम मंदिर मसले का निर्णय लंबित करने की कोशिश की थी, निश्चित तौर पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद ऐसे लोगों को झटका लगा होगा।इससे राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ है। वह सभी हिंदू भाइयों को बहुत-बहुत बधाई देते हैं।
बता दें कोर्ट ने कहा कि इस्माइल फारूकी केस से अयोध्या जमीन विवाद का मामला प्रभावित नहीं होगा।ये केस बिल्कुल अलग है। अब इस पर फैसला होने से अयोध्या केस में सुनवाई का रास्ता साफ हो गया है।कोर्ट के फैसले के बाद अब 29 अक्टूबर 2018 से अयोध्या टाइटल सूट पर सुनवाई शुरू होगी। पीठ में तीन जज शामिल थे, चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस नजीर।