उत्तर प्रदेशलखनऊ

एडीजी अभियोजन के सतत पर्यवेक्षण के तहत संयुक्त निदेशक अभियोजन की टीम ने किया कमाल

  • जनवरी 2019 से सितंबर 2021 के बीच एक लाख 68 हजार 801 रिकॉर्ड फीडिंग की
  • अभियोजन पोर्टल पर ऑनलाइन फीडिंग में मुरादाबाद को प्रथम स्थान
मुरादाबाद। पीतल नगरी नाम से विख्यात मुरादाबाद को पूरे प्रदेश में प्रथम स्थान मिला है। दरअसल, अभियोजन पोर्टल पर आॅनलाइन फीडिंग में सर्वोत्तकृष्ट कार्य करने के मद्देजनर मुरादाबाद टीम को पूरे यूपी में अव्वल स्थान मिला है। बता दें कि गत 14 जनवरी 2019 को प्रदेश में अपर पुलिस महानिदेशक तकनीकी सेवायें द्वारा ई. प्रासीक्यूशन का श्री गणेश सूबे में किया गया था। जनपद लखनऊ तथा जनपद मुरादाबाद को इस परियोजना का पायलट प्रोजेक्ट बनाया गया।
वहीं गत एक सितम्बर 2019 से ई.प्रासीक्यूशन संपूर्ण उप्र में लागू हो गया। वर्तमान में ई प्रासीक्यूशन पोर्टल आईसीजेएस से जुड़ गया है। जिसमें एपीआई के माध्यम से अदालतों, पुलिस, अभियोजन, कारागार, फोरेंसिंक लैब को भी जोड़ा गया है। इसके तहत अभियोजन कार्यालय के अभियोजक व डीजीसी संवर्ग के शासकीय अधिवक्ता सीएनआर या एफआईआर नम्बर के माध्यम से अदालत के मामलों को प्रतिदिन ई प्रासीक्यश्ूान पोर्टल पर फीड कर रहे हैं। इससे विभिन्न केपीआई पर अभियोजकों के कार्य का मूल्यांकन किया जाता है। जिसके लिये एडीजी अभियोजक आशुतोष पांडेय लगातार पर्यवेक्षण कर रहे हैं।
जानकारी के तहत गत एक जनवरी 2019 से 16 सितम्बर 2021 के बीच इस पोर्टल पर जो फीडिंग हुई है उसमें जनपद मुरादाबाद को एक लाख 68 हजार 801 कुल फीडिंग कर प्रदेश में पहला स्थान हासिल किया है। मुरादाबाद में इस अवधि के बीच संयुक्त निदेशक अभियोजन राजेश शुक्ला द्वारा अपने अभियोजकों के साथ मिलकर 33891 मामलों में आनलाइन विधिक अभिमत दिया जिसको मुरादाबाद जनपद के विभिन्न थानों द्वारा सीसीटीएनएस के जरिये आनलाइन भेजा गया था। इतना ही नहीं ऑनलाइन विधिक अभिमत लेने और देने के मामले में मुरादाबाद पुलिस और मुरादाबाद अभियोजन पूरे प्रदेश में ही नहीं बल्कि पूरे देश में प्रथम स्थान पर है। विधिक जानकारों की मानें तो इससे त्वरित शीघ्र विधिक अभिमत प्राप्त कर आरोप पत्र व फाइनल रिपोर्ट सम्बन्ध्ति थाने द्वारा न्यायालयों में दाखिल की जाती है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Back to top button