चिंता हरण हनुमान और गौसेवा के साथ ही आदर्श गौशाला की तरफ अग्रसर
चिंताहरण हनुमान और गौसेवा के साथ ही आदर्श गौशाला की तरफ अग्रसर
प्रांगड़ में सरोवर और गोपेश्वर महादेव है विराजमान
मलिहाबाद,लखनऊ मलिहाबाद कस्बे से एक किलोमीटर दूर दिल्ली शाह का पक्का तालाब वह गोपेश्वर नाथ भगवान का शिव मंदिर स्थित है कहते हैं उनको कोई संतान नहीं हुई थी इस कारण एक संत के आदेश पर भगवान गोपेश्वर महादेव की स्थापना कर दिव्य सरोवर का पक्का निर्माण कराया इस सरोवर के निर्माण के अवसर पर भारत की समस्त पवित्र नदियों का रिजल्ट वह समुद्र का जल घट में भरकर स्थापित किया गया था और बहुत ही बड़े यज्ञ का आयोजन हुआ जिसमें उस समय के तत्कालीन दिव्य संतों का आगमन आशीर्वाद क्षेत्र के लोगों को मिला इसका निर्माण आज से लगभग 250 वर्ष पूर्व किया गया था कालांतर में यह स्थान उपेक्षित पड़ा रहा कस्बे के धर्म प्रेमी बंधुओं द्वारा इसकी देखरेख व मरम्मत होती रही आज तक इस सरोवर का जल कभी भी नहीं सुखा कस्बे के लोग पर्वों पर यहां आकर स्नान हो गोपेश्वर भगवान का पूजन अर्चन करते सन 1999 यहां पर सभी धर्म प्रेमी बंधुओं द्वारा श्रीराम महायज्ञ का आयोजन हुआ जिसमें देश विदेश से नागा संतो कुआं शंकराचार्य आदि का आगमन हुआ उसी में यह निर्णय लिया गया यज्ञ की
वार्षिकी पर गौशाला स्थापित की जाए जहां पर घायल दुर्घटनाग्रस्त निराश्रित गोवंश की सेवा हो पुनीत कार्य का संकल्प लेकर सन 2000 में गौशाला की स्थापना की गई जिसमें स्वर्गीय रामबाबू गुप्ता राधेश्याम गुप्ता नंदकिशोर गुप्ता दुर्गा प्रसाद गुप्ता जानकी प्रसाद शर्मा रामेश्वर प्रसाद राठौर वीरेंद्र कुमार वर्मा राजाराम वर्मा अवधेश निगम आदित्य प्रकाश अवस्थी उमाकांत गुप्ता प्रेम नारायण गुप्ता उत्तर प्रदेश शासन के पशुधन सचिव श्री राजीव गुप्ता आईएएस बालामऊ के प्रेम नारायण गुप्ता जी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के माननीय शांत रंजन जी द्वारा गौशाला की स्थापना की गई
श्री गोपेश्वर गौशाला की स्थापना कर गोवंश की सेवा का संकल्प स्थानीय बंधुओं ने लिया जिसमें समय समय पर क्षेत्र के मानस मर्मज्ञ स्व पंडित रामनाथ पांडेय द्वारा मार्गदर्शन गौशाला परिवार को मिलता रहा उमाकांत गुप्ता अभिषेक जी प्रकाश राठौर सुनील लोधी केसरी यादव राकेश दीक्षित राम कुमार राठौर राजू राठौर लोकेश निगम नवीन राठौर विवेक वर्मा बलराम जी दिलीप गुप्ता आदि जो प्रात कर गौशाला में साफ-सफाई गमों की मलहम पट्टी आदि करते हैं जिनके अपार सहयोग से गौशाला निरंतर लगभग अब तक 4000 गोवंश ओं की सेवा कर चुकी है इस समय भी वर्तमान में लगभग 300 गोवंश की सेवा समाज के सहयोग से की जा रही है जहां पर बिना दूध वाली गाय लंगडी अपाहिज अंधी एवं निराश्रित गवे हैं जिनकी सेवा गौशाला परिवार निरंतर कर रहा है गौशाला परिवार ने एक परंपरा विकसित की जिससे समाज के लोग अपने जन्मदिवस पर अपनी विवाह वर्षगांठ पर एवम पूर्वजों की पुण्यतिथि पर आकर गाय का 1 दिन की चारे की व्यवस्था करते हैं और यहां आकर वह उत्सव मनाते हैं विवाह की 25वीं पचासी वर्षगांठ गौ माताओं के भोजन के साथ एवं सुंदरकांड करके मनाने की परंपरा तथा जीवन में एक बार गोदान लो करें एक अच्छी दूध वाली गाय गौशाला को गोदान कर गौशाला को आत्मनिर्भर बनाने के लिए लोगों को प्रेरित किया जाता है वर्ष में श्री गोपाष्टमी महोत्सव रुद्रा अभिषेक महोत्सव पूजन के रूप में वर्ष में उत्सव व कार्यक्रम के द्वारा गौशाला के लिए दान इकट्ठा किया कर गौ माता की सेवा बिना सरकारी सहयोग से 20 वर्षों से लगातार चल रही है बीच-बीच में दिव्य संतों का आगमन प्रशासनिक बंधुओं का आगमन भी गौशाला में होता रहता है गोसेवा के साथ ही गौशाला परिवार मेडिकल कैंप नेत्र शिविर सामूहिक विवाह उत्सव पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखकर ब्रेड वृक्षारोपण औषधि पौधों का वितरण व अन्य सामाजिक कार्यों में अग्रणी भूमिका निभाता है। सेवा कार्यों के मध्य एक बार विश्व प्रसिद्ध सुंदरकांड सम्राट पंडित अजय याग्निक जी का आगमन गौशाला पर हुआ उनके द्वारा भव्य सुंदरकांड पाठ का गान हुआ जिसमें लगभग 5000 लोग 25 गांव के लोग इकट्ठा होकर सुंदर कांड का पाठ किया याग्निक जी ने यह प्रस्ताव रखा कि यहां गौशाला पर श्री हनुमान जी को गौशाला के राजा राजा के रूप में विराजमान कर हम सब उनकी सेवा में जुट जाएं गौशाला निरंतर प्रगति की ओर बढ़ेगी यह विचार कर9 जून 2014 को पूज्य संतों की उपस्थिति में श्री चिंता हरण के रूप में हनुमान जी को विराजमान किया गया जिस रूप का दर्शन इस गौशाला में प्राप्त होता है इस रूप का दर्शन राजस्थान के पास सालासर के समीप सरदारशहर शहर में रोग हरण के नाम से और यहां गोपेश्वर गौशाला में चिंता हरण के नाम से एक ही रूप में विराजमान है जिस शैली का मंदिर श्री गोपेश्वर गौशाला में श्री चिंता हरण हनुमान जी का बना है एशिया में इस मंदिर की शैली का प्रथम दर्शन केवल श्री गोपेश्वर गौशाला मलिहाबाद को ही प्राप्त है संपूर्ण एशिया में यह अपने आप में अलग छटा के रूप में विराजमान है यहां कर लगभग सभी लोगों की समस्त चिंताओं का निराकरण चिंता हरण हनुमान जी करते हैं यहां से प्रेरणा लेकर लगभग 40 50 गांव में सुंदरकांड का सप्ताहिक की आयोजन भी प्रारंभ हुआ और वर्ष में सभी गांव के लोग इकट्ठा होकर गोपेश्वर गौशाला के राजा चिंताहरण हनुमान जी के दरबार में सामूहिक रूप से सुंदरकांड पाठ करते हैं यहां उत्तर प्रदेश शासन के समय-समय पर मंत्री का प्रशासन के अधिकारी गण आकर मत्था टेका करते हैं इसकी स्थापना के समय लखनऊ के कुछ बंधुओं ने संकल्प लिया जिसमें ओंकारनाथ अग्रवाल पोपट जी श्री जगदीश अग्रवाल जी संजीव गर्ग जी एवं राजेश मित्तल नेपाल रिपन कंसल मुकेश मर्चेंट रजनीश गुप्ता ताराचंद अग्रवाल गुलाब चंद अग्रवाल रवि प्रकाश अग्रवाल अरविंद गुप्ता कोमल चौरसिया मुकेश रोहतगी सुरेश शर्मा बलराम बंसल क्षेत्र की समस्त जनता के संकल्प से हनुमान जी विराजित हुए गौशाला के दिव्या स्वरुप के लिए उपरोक्त बंधुओं ने संकल्प लिया और आज गौशाला प्रदेश की एक मॉडल गौशाला के रूप में विकसित होने की ओर अग्रसर हो रही है