उत्तर प्रदेशलखनऊ

स्वस्थ लीवर के लिए ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रण में रखना जरूरी: रीजेंसी सुपरस्पेशिलिटी हॉस्पिटल

स्वस्थ लीवर के लिए ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रण में रखना जरूरी: रीजेंसी सुपरस्पेशिलिटी हॉस्पिटल

 

16 फ़रवरी 2021, लखनऊ: लीवर की बीमारी ऐसी बीमारी होती है जिसका पता तब लगता है जब बीमारी एडवांस स्टेज में पहुँच जाती है। रीजेंसी सुपरस्पेशिलिटी हॉस्पिटल, लखनऊ के डाक्टर ने सलाह दी है कि स्वस्थ लीवर के लिए आपको अपने ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रण में रखना जरूरी है। टाइप 2 डायबिटीज से बॉडी का मेटाबोलिज्म शुगर से प्रभावित होता है और इससे लीवर में कई कॉम्प्लीकेशन्स हो सकती है जिसमे की बीमारी भी हो सकती है। डॉ प्रवीण झा, एमडी, डीएम, कंसल्टेंट गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, रीजेंसी सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल, लखनऊ ने आगे कहा कि टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित व्यक्ति को लीवर से सम्बंधित समस्याएं होने का खतरा ज्यादा होता है जिसमे नॉन एल्कोहोलिक फैटी लीवर डिसीज (NAFLD), लीवर कैंसर और लीवर फेल होना शामिल होता है।

डॉ प्रवीण झा, एमडी, डीएम, कंसल्टेंट गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, रीजेंसी सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल ने लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव करने पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित मरीज भी लाइफस्टाइल में बदलाव करके अपने लीवर के स्वास्थ्य को अच्छा रख सकते है। 2019 में हुए एक अध्ययन से पता चला है कि लगभग 50 से 70 प्रतिशत डायबिटीज से पीड़ित लोगों में एनएएफएलडी है। इसलिए वजन घटा करके लीवर फैट को कम कर सकते है और लीवर की बीमारी के खतरे को कम कर सकते है। वजन कम करने के तरीकों को जानने के लिए डाक्टर से कंसल्ट करना चाहिए।

रीजेंसी सुपरस्पेशिलिटी हॉस्पिटल, लखनऊ के डॉ प्रवीण झा, एमडी, डीएम, कंसल्टेंट गैस्ट्रोएंटरोलॉजी ने कहा, “टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित लोगों में वजन बढ़ने की संभावना ज्यादा रहती है, वजन बढ़ने से नॉनएल्कोहोलिक फैटी लीवर बीमारी हो सकती है। नॉनएल्कोहोलिक फैटी लीवर बीमारी से रक्षा के लिए हमें अपने ब्लड शुगर के लेवल को नियंत्रण में रखने की जरुरत है। इसे प्राकृतिक तरीके से भी नियंत्रण में रखा जा सकता है। इसके लिए उन भोज्य पदार्थों को खाने की जरुरत है जिसमे स्वस्थ कार्बोहाइड्रेट और फाइबर प्रचुर मात्रा में हो। थोड़े-थोड़े अंतराल पर थोड़ा-थोड़ा भोजन खाने की कोशिश करनी चाहिए। डाक्टर आपको सलाह दे सकता है कि कैसे आप अपने ब्लड शुगर के लेवल को नियंत्रण में रख सकते है।”

टाइप 2 डायबिटीज का मैनेज करने के लिए और नॉन-फैटी लीवर बीमारी के खतरे को कम करने के लिए आपको अपनी डाईट में कुछ परहेज करने की जरुरत है। आपका डॉक्टर उन खाद्य-पदार्थों को कम खाने के लिए कह सकता है जिसमे फैट, शुगर और नमक प्रचुर मात्रा में हो। साबुत अनाज के अलावा मौसमी फलों और सब्जियों को आपको अपनी डाईट में शामिल करने की जरुरत है।

डॉ प्रवीण झा, एमडी, डीएम, कंसल्टेंट गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, रीजेंसी सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल ने आगे कहा, “अगर आप नॉनएल्कोहोलिक फैटी लीवर बीमारी से डायग्नोज हुए है तो आपको शराब को न कहने की जरुरत है। इससे आपका लीवर स्वस्थ रहता है। स्टडी से पता चला है कि बहुत ज्यादा शराब (पुरुषों के लिए दिन में 3 और महिलाओं के लिए दिन में एक गिलास) पीने से लीवर डैमेज हो सकता है। लोग अपना ब्लड प्रेशर भी कम कर सकते है, इससे भी लीवर स्वस्थ रह सकता है। अपनी डाईट में कुछ बदलाव जैसे कि कैफीन का कम इस्तेमाल, स्मोकिंग छोड़ने और सोडियम से भरपूर खाद्य पदार्थों को नहीं खाना चाहिए इससे लीवर का स्वास्थ्य अच्छा हो सकता है।”

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