उत्तर प्रदेशलखनऊ

अपोलोमेडिक्स में 3D प्रिंटिंग से बनाई गई सिर की टूटी हड्डी, एक बार फिर अस्पताल ने नवीनतम मेडिकल टेक्नोलॉजी से बचाई मरीज की जान

अपोलोमेडिक्स में 3D प्रिंटिंग से बनाई गई सिर की टूटी हड्डी, एक बार फिर अस्पताल ने नवीनतम मेडिकल टेक्नोलॉजी से बचाई मरीज की जान

लखनऊ: 29 जून, 2021: लखनऊ स्थित अपोलोमेडिक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल लगातार अल्ट्रामॉडर्न मेडिकल टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर मरीजों को नया जीवन दान दे रहा है। हाल ही में गोंडा निवासी मो. यूसुफ के सिर की हड्डी एक्सीडेंट में सिर की हड्डी टूटकर छोटे-छोटे टुकड़ों में बंट गई। परिवार ने अपोलोमेडिक्स अस्पताल पर पूरा भरोसा जताते हुए उन्हें यहां भर्ती कराया। अपोलोमेडिक्स अस्पताल ने 3D टेक्नोलॉजी का प्रयोग करते हुए सिर की हड्डी का वह हूबहू वह हिस्सा बनाकर, सिर पर प्रत्यारोपित कर मो. यूसुफ की जान बचाई।

इस सफल और अल्ट्रा मॉडर्न सर्जरी के बारे में जानकारी देते हुए अपोलोमेडिक्स अस्पताल के सीईओ और एमडी डॉ मयंक सोमानी ने बताया, “अपोलोमेडिक्स में हम मरीजों के इलाज के लिए नित नई और अल्ट्रा-मॉडर्न मेडिकल टेक्नोलॉजी का प्रयोग कर रहे हैं। हमारी न्यूरोसर्जरी टीम ने 3D प्रिंटिंग टेक्निक का उपयोग करके मो. यूसुफ के सिर की बुरी तरह क्षतिग्रस्त हड्डी की जगह, हूबहू हड्डी का वही हिस्सा तैयार कर उनके सिर पर लगा दिया। मुझे खुशी है कि उनके परिवार ने हम पर जो भरोसा जताया, हम उस पर पूरी तरह से खरे उतरे। मैं अपोलोमेडिक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल की न्यूरोसर्जरी टीम को शुभकामनाएं देता हूँ कि वे इसी तरह मरीजों की सेवा कर स्वास्थ्य लाभ देते रहें।”

डॉ सुनील कुमार सिंह (सीनियर कंसलटेंट – न्यूरोसर्जरी, अपोलोमेडिक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल) ने बताया, “एक्सीडेंट के कारण मो. यूसुफ के सिर में गंभीर चोटें आईं थीं। साथ ही उनके सर की हड्डी भी टूट कर छोटे-छोटे टुकड़ों में बंट गई थी, जिसे दोबारा जोड़ना नामुमकिन था। उनके परिजनों ने अपोलोमेडिक्स अस्पताल पर भरोसा जताते हुए उन्हें अत्यंत गंभीर स्थिति में लखनऊ ले कर आए थे। मैंने और डॉ प्रार्थना सक्सेना (एसोसिएट कंसलटेंट न्यूरोसर्जरी) ने अपनी टीम के साथ उनकी सफल सर्जरी कर सिर के अंदरूनी हिस्से में जमे खून के थक्के को हटाया और साथ ही उनके सर की टूटी हुई हड्डी के हिस्से को दोबारा पहले जैसा बनाने के लिए नवीनतम विधि का सहारा लिया। इसके लिए 3D प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी के जरिए टाइटेनियम शीट से उसी हड्डी के आकार का का टुकड़ा तैयार किया और उसे टूटी हुई हड्डी की जगह लगा दिया। मो. यूसुफ अब पूरी तरह से स्वस्थ हैं।”

मो. यूसुफ के भाई मंसूर आलम अपोलोमेडिक्स की न्यूरोसर्जरी टीम के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहते हैं, “भाई की नाजुक हालत को देखते हुए सिर्फ अपोलोमेडिक्स अस्पताल पर भरोसा हुआ और हमें खुशी है कि अपोलोमेडिक्स के डॉक्टरों ने कई घण्टो की मशक्कत और नई मेडिकल टेक्नोलॉजी का प्रयोग करके मेरे भाई के प्राणों की रक्षा की। मेरा पूरा परिवार अपोलोमेडिक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल का आजीवन आभारी रहेगा।”

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