उत्तर प्रदेशलखनऊ

सभी चिकित्सा स्वास्थ्य कर्मियों को प्रोत्साहन राशि ना दिए जाने पर 25 मई को काला फीता बांधकर शासनादेश की प्रतियां जलाएंगे कर्मचारी

सभी चिकित्सा स्वास्थ्य कर्मियों को प्रोत्साहन राशि ना दिए जाने पर 25 मई को काला फीता बांधकर शासनादेश की प्रतियां जलाएंगे कर्मचारी

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की वर्चुअल बैठक में लिया गया निर्णय

स्वास्थ्य कर्मियों की मृत्यु के उपरांत उनके आश्रितों को दिए जाने वाले धनराशि के लिए समय सीमा तय की जाए।
स्वास्थ्य कर्मचारियों के परिवारी जनों का भी वैक्सीनेशन कराए जाने की मांग
लखनऊ, *राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तर प्रदेश में की वर्चुअल बैठक में कल प्रदेश सरकार से सभी स्वास्थ्य कर्मचारियों को प्रोत्साहन राशि दिए जाने, उनके परिवारी जनों को प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीनेशन कराए जाने और कोविड से मृत होने की दशा में उनके आश्रितों को 50 लाख की धनराशि के लिए समय सीमा तय कर तत्काल सहायता उपलब्ध कराए जाने की मांग की गई । साथ ही यह भी निर्णय लिया गया कि परिषद द्वारा प्रेषित किए गए मांग पर कार्यवाही ना होने पर मंगलवार दिनांक दिनांक 25 मई को उत्तर प्रदेश के सभी विशिष्ठ संस्थाओं ,चिकित्सालय, मेडिकल कॉलेजों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्वास्थ्य केंद्रों एवं फील्ड के सभी स्वास्थ्य कर्मी काला फीता बांधकर कार्य करेंगे एवं अपने-अपने चिकित्सालयों में कोविड-19 प्रोटोकाल का पालन करते हुए शासनादेश की प्रतियां जलाएंगे* ।
महामंत्री atul misra ने बताया कि आज कर्मचारियों की मांगों के संबंध में महानिदेशक से मुलाकात की गई और उन्हें कर्मचारियों की मांगो से अवगत कराया गया
वर्चुअल बैठक की अध्यक्षता परिषद के अध्यक्ष सुरेश रावत ने किया महामंत्री atul misra ने बताया कि महानिदेशक एवं अपर मुख्य सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा को इस संबंध में पूर्व में ही प्रत्यावेदन दिया जा चुका है लेकिन अब कर्मचारियों और सरकार के बीच आपसी संवाद नहीं बन पाता और सौहार्द की स्थिति बिगड़ती जा रही है । कान्फ्रेंस को संबोधित करते हुए *इप्सेफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बी पी मिश्रा ने कहा कि देशभर के कर्मचारियों को मृत्यु उपरांत उनके आश्रितों को ₹5000000 अनुग्रह राशि के रूप में दी जाने की व्यवस्था है परंतु स्थानीय अधिकारियों द्वारा उनके प्रपत्र समय से नहीं भेजे जा रहे हैं जिससे सरकार की मंशा पूरी नहीं हो पा रही है और परिवारी जन अत्यंत आर्थिक समस्याओं में जूझ रहे हैं* ।
संगठन प्रमुख के के सचान ने कहा कि वास्तव में वर्तमान सरकार कर्मचारियों के लिए कुछ करना ही नहीं चाहती है यही कारण है कि शासन के समक्ष तमाम मांगे वर्षों से लंबित बनी हुई है ।
*प्रमुख उपाध्यक्ष एवं फार्मासिस्ट फेडरेशन के अध्यक्ष सुनील यादव ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर सभी जिला चिकित्सालयों तक जिन्हें नान कोविड चिकित्सालय कहा जाता है, वहां पर अचिन्हित मरीज लगातार आ रहे हैं, उनकी जांच कराए जाने पर ज्यादातर मरीज पॉजिटिव आ जाते हैं, वही औषधि काउंटर पर भी फीवर OPD के मरीजों को दवाएं प्रदान प्रदान की जा रही हैं, ARV इंजेक्शन नियमित लग रहे हैं, इससे संक्रमण का ज्यादा खतरा रहता है और यही कारण है कि नान कोविड अस्पतालों में संक्रमित होने वाले कर्मचारियों की संख्या कोविड चिकित्सालयों से ज्यादा है । वही आंकड़ों के द्वारा यह भी देखा जा सकता है कि जिन कर्मचारियों की मृत्यु हुई है वह ज्यादातर नान- कोविड में कार्य कर रहे थे ऐसे समय में प्रोत्साहन राशि से उन्हें वंचित किया जाना बिल्कुल ही उचित प्रतीत नहीं होता। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश के ज्यादातर कारागार चिकित्सालयों के फार्मेसिस्टों ने अवगत कराया कि कारागार चिकित्सालयों में अनेक कोविड-19 मरीज आ रहे हैं अनेक कारागार चिकित्सालय के फार्मेसिस्ट संक्रमित भी हो चुके हैं वही आयुर्वेद यूनानी होम्योपैथ और वेटेनरी फार्मेसिस्टों की ड्यूटी भी कोविड में लगी है ऐसे में सभी विधाओं को प्रोत्साहन राशि दिया जाना चाहिए।*
बेसिक हेल्थ वर्कर संघ के अध्यक्ष श्री धनंजय तिवारी ने कहा कि क्षेत्र में कार्य करने वाले सभी बेसिक हेल्थ वर्कर गांव गांव कोविड संबंधी कार्य कर रहे हैं और औषधियां वितरण कर रहे हैं ।
एक्सरे टेक्नीशियन संघ के अध्यक्ष R K P Singh ने कहा कि एक्सरे सीटी स्कैन और अल्ट्रासाउंड में लगातार एक्सरे टेक्नीशियन कार्य कर रहे हैं वहां कोविड-19 के मरीजों की रेडियोलॉजिकल जांच की जा रही है।
लैब टेक्नीशियन संघ के प्रवक्ता सुनील कुमार ने कहा कि सभी टेक्नीशियन लगातार जोखिम भरा कार्य कर रहे हैं । वहीं लैब अटेंडेंट संघ के अध्यक्ष एस के पाठक ने कहा कि ज्यादातर आरआरटी टीमों में लैब अटेंडेंट घर घर जाकर जांच कर रहे हैं । कुष्ठ चिकित्सा कर्मचारी संघ के लखनऊ अध्यक्ष सतीश यादव ने कहा कि प्रत्येक जनपदों में रैपिड रिस्पांस टीम में एन एम ए और एनएमएस को लगाया गया है जो गांव गांव जाकर ट्रेसिंग कर रहे हैं साथ ही सैंपलिंग भी कर रहे हैं ऐसे में किसी भी कर्मचारी को प्रोत्साहन राशि से वंचित किया जाना न्याय संगत प्रतीत नहीं होता है ।
*महामंत्री अतुल मिश्रा ने कहा कि स्वच्छ भारत के सभी कर्मचारियों को फ्रंट लाइन वर्कर के रूप में उन्हें सबसे पहले टीकाकरण किया गया, परंतु कर्मचारियों के परिवार के लोग अभी तक टीकाकरण से वंचित है*। *कर्मचारी चिकित्सालय के बाद अपने घर जाता है और घरों में परिवार संक्रमित होता है इसे देखते हुए सभी चिकित्सा कर्मचारी के परिजनों का प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण कराया जाना चाहिए* । वर्तमान परिवेश में चिकित्सा स्वास्थ, शिक्षा, परिवार कल्याण का प्रत्येक कर्मचारी किसी न किसी दशा में कोविड ड्यूटी सम्पादित कर रहा है औऱ उसके साथ इसप्रकार का भेदभाव पूर्ण रवैया कर्मचारियों के मनोबल को कमजोर कर रहा है ।
परिषद के महामंत्री अतुल मिश्रा ने मा मुख्यमंत्री जी से मांग की है कि स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को इस तरह का प्रलोभन देकर बाटने की राजनीति करने वालो की मंशा पर तत्काल रोक लगाते हुए समस्त स्वास्थ कर्मियों को प्रोत्साहन राशि प्रदान करने के लिए निर्देशित करें।
(अतुल मिश्रा)
महामंत्री

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