उत्तर प्रदेश

भूसे के ढेर में से अचानक निकलने लगे करोड़ो रूपये, गेंहू में हाथ डाला तो मिले करोड़ो के ज़ेवरात

छापेमारी मिले ज़ेवरात व नगद रूपये

ग्रेटर नोएडा। ग्रेनो अथॉरिटी के पूर्व महाप्रबंधक व भाजपा नेता रविंद्र तोगड़ के आवास पर आयकर विभाग की टीम की छापेमारी चौथे दिन शुक्रवार को भी जारी रही है। आयकर विभाग की टीम ने महाप्रबंधक रहे रविंद्र तोंगड के घर अधिकारियों ने डेरा डाल दिया है। जिले में अभी तक किसी अधिकारी के यहां सबसे लंबी आयकर विभाग की टीम की कार्रवाई मानी जा रही है। इससे पहले नोएडा अथॉरिटी के चीफ इंजीनियर यादव सिंह और ब्रजपाल चौधरी के यहां 2 दिन छापेमारी चली थी।

लगातार 50 से 60 सदस्यों की टीम लगातार तोंगड़ के बीटा-1 स्थित आवास, उनके गांव आनंदपुर समेत कई ठिकानों पर तलाशी ले रही है। एहितयात के दौरान पुलिस के साथ-साथ पीएसी भी बुलाई गई है। तीसरे दिन आयकर विभाग की टीम ने उनके परिजनों से पूछताछ की। साथ ही उनके स्कूल के अकाउंटेंट से पूछताछ की है। उनके गांव के लोगों को ग्रेनो लाकर टीम ने अपनी निगरानी में रखा हुआ है। विभाग की टीम को पीले रंग का बैंग के साथ रविंद्र के गांव आनंदपुर से एक युवक को ग्रेनो लाई है। कौशल्या वल्र्ड स्कूल के अकाउंटेंट से भी पूछताछ उनके बीटा-1 स्थित आवास पर की गई।

उनके गांव में छापेमारी के दौरान अहम कागजात हाथ लगे है। बताया गया है कि गांव आनंदपुर में छापेमारी के दौरान भूसे के ढेर और अनाज की टंकी तक की तलाशी ली गई। बताया गया है कि भूसे के ढेर से करोड़ों रुपये, जूलरी और कागजात मिले है। इनमें प्रॉपट्र्री के कागजात भी बताए जा रहे है। बताया गया हे कि रविंद्र के सीए से दिल्ली स्थित आॅफिस में जाकर टीम जांच कर रही है। सीए पीसी गुप्ता और कई बड़े नेताओं से जुड़ा हुआ है। बताया गया है कि छापेमारी के दौरान सामने आया है कि जमीन को परिवार के अन्य लोगों, नौकर, ड्राइवर व रिश्तेदारों के नाम पर खरीदा गया है।

बता दें कि बसपा सरकार में रविंद्र तोगड़ की तैनाती प्राधिकरण में की गई थी। सपा सरकार में रविंद्र को अत्यंत महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी सौंपी गई। वहीं प्राधिकरण से रिटायर होने के बाद अब यह भाजपा में शामिल हो गए। ग्रेटर नोएडा में इनके कौशल्या वर्ल्ड स्कूल के नाम से 2 स्कूल और हॉस्टल भी है। वहीं गांव में पुश्तैनी जमीन के अलावा अन्य प्रॉपर्टी भी बताई जा रही है।

गौरतलब है कि तोंगड से पहले 10 जून को नोएडा अथॉरिटी में तैनात सहायक इंजीनियर ब्रजपाल चौधरी के ठिकानों पर भी आयकर विभाग ने छापेमारी की थी। छापेमारी में सामने आया था कि 65 हजार रुपये वेतन पाने वाला इंजीनियर 200 करोड़ से अधिक संपत्ति का मालिक बन गया। वहीं यादव सिंह और पीसी गुप्ता के बाद अब सीबीआई और आयकर विभाग की नजर कई और अधिकारियों पर भी है। इन्होंने कम ही समय में बड़ा साम्राज्य स्थापित किया है।

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