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सर्वोच्च न्यायालय के आदेश को लेकर पुश्तैनी टिम्बर व्यापारियों ने मनाई खुशी

सर्वोच्च न्यायालय के आदेश को लेकर पुश्तैनी टिम्बर व्यापारियों ने मनाई खुशी


 

सर्वोच्च न्यायालय ने एनजीटी के आदेश को खारिज करने से किया इनकार

लखनऊ| उत्तर प्रदेश टिम्बर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष मोहनीश त्रिवेदी व प्रदेश सलाहकार आसिम मार्शल ने बताया कि उत्तर प्रदेश टिम्बर एसोसिएशन विगत 5 वर्षो से पुश्तैनी टिम्बर व्यापारियों के हक के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ संघर्ष करता चला आ रहा है। इसी क्रम में लखनऊ में दर्जनों धरने के साथ दिल्ली के जंतर मंतर पर भी प्रदेश व्यापी प्रदर्शन के अलावा न्यायालय में भी केस लड़ने का काम किया। प्रदेश महामंत्री नदीम अहमद ने बताया कि संगठन के प्रदेश अध्यक्ष मोहनीश त्रिवेदी द्वारा हाई कोर्ट में केस लड़ने के दौरान एनजीटी जाने के मिले आदेश पर राज्य सरकार व वन विभाग द्वारा पुश्तैनी टिम्बर व्यापारियों को लाइसेंस देने की जगह ई लॉटरी कर के नए व अनुभवहीन लोगो को लाइसेंस दिए जाने के खिलाफ एनजीटी में मुकदमा लड़ा। एनजीटी द्वारा एक साल बाद ई लॉटरी को दोषपूर्ण साबित होने पर ई लॉटरी को खारिज कर दिया गया था। उक्त आदेश के खिलाफ राज्य सरकार व ई लॉटरी में लाइसेंस पाए लोगो ने एनजीटी के साथ ही उत्तर प्रदेश टिम्बर एसोसिएशन,संबित फाउंडेशन व उदय एजुकेशन को पार्टी बनाते हुए सुप्रीम कोर्ट में मुकदमा संख्या 2407-2412/2021 दाखिल किया जिसपर सुनवाई करते हुए माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने 22 अप्रैल 2022 को एनजीटी द्वारा 18 फरवरी 2020 को ई लॉटरी को खारिज किए जाने के आदेश पर रोक लगाने से साफ इनकार कर दिया है। प्रदेश अध्यक्ष श्री मोहनीश त्रिवेदी ने बताया कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय में चली आ रही रिट संख्या 202/1995 में सुनवाई करते हुए 05/10/2015 को काष्ट आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने हेतु राज्य सरकारों को लाइसेंस देने की छूट दी गई जहां अन्य राज्यों ने अपने यहां टिम्बर व्यापार से जुड़े व्यापारियों को आसानी से लाइसेंस दे दिया वहीं उत्तर प्रदेश सरकार एक ऐसे व्यापार में लॉटरी सिस्टम लेे आईं जिस व्यापार को करने हेतु अनुभव की आवश्यकता होती है। सरकार ने पुश्तैनी टिम्बर व्यापारियों, न्यायालयों में लंबित मामलों व 2017 में उजाड़ दिए गए टिम्बर व्यापारियों की जगह लॉटरी कर के परचून की दुकान चलाने वालो, नौकरी करने वालो, उत्तर प्रदेश के अलावा अन्य राज्यों यहां तक विदेश में रहने वाली सहित एसएलसी के सदस्यों के नाम के लाइसेंस निकालने के साथ ही लकड़ी की उपलब्धता के हिसाब से जिला स्तर पर लाइसेंसों की संख्या की नीति को दरकिनार कर पुश्तैनी टिम्बर व्यापारियों के साथ घोर अन्याय करने का काम किया।उत्तर प्रदेश सरकार को वन विभाग द्वारा की गई ई लॉटरी की जांच करवा कर दोषी पाए जाने पर उन अधिकारियों के ऊपर कार्यवाही करनी चाहिए जिनके कारण उत्तर प्रदेश सरकार को तीन हजार करोड़ का नुकसान हुआ तथा जिनके कारण आज तक पुश्तैनी टिम्बर व्यापारी संघर्ष करने को मजबुर है। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश को लेकर पुश्तैनी टिंबर व्यापारियों ने खुशी मनाई।

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