रूदौली स्थित हिन्दू मुस्लिम एकता के प्रतीक साबरी सिलसिले के विश्व विख्यात सूफी संत हज़रत शेख मख्दूम अहमद अब्दुल हक़ (मख्दूम साहब) का 603 वां उर्स चाँद दिखने के साथ प्रारम्भ हो गया है
रूदौली स्थित हिन्दू मुस्लिम एकता के प्रतीक साबरी सिलसिले के विश्व विख्यात सूफी संत हज़रत शेख मख्दूम अहमद अब्दुल हक़ (मख्दूम साहब) का 603 वां उर्स चाँद दिखने के साथ प्रारम्भ हो गया है
रुदौली। दरगाह शरीफ के अंदर सज्जादा नशीन मुतवल्ली शाह अम्मार अहमद अहमदी नैय्यर मियाँ की अध्यक्षता में महफ़िल ए समह से उर्स का आगाज़ हुआ जो अनवरत 12 दिनों तक दरगाह शरीफ में व 3 दिन ख़ानक़ाह मख्दूम साहब में होती रहेगी।
उर्स के मुख्य कार्यक्रम 7 फरवरी से शुरू होंगे जो 10 फरवरी तक चलेंगे। उर्स के औसर पर मख्दूम साहब के गद्दी नशीन होने की जो परंपरा है कि जो बड़ी औलाद होगी वही गद्दी नशीन होगा उसी परंपरा का निर्वाहन करते हुए |
मौजूदा सज्जादा नशीन शाह अम्मार अहमद अहमदी नैय्यर मियाँ अपने बड़े पुत्र शाह आफाक अहमद अहमदी उर्फ अहमद मियाँ जो मिस्र के कायरो शहर में विश्वविख्यात जाम ए अज़हर यूनिवर्सिटी में फ़ारसी व अरबी की शिक्षा ग्रहण कर रहे है देश की तमाम दरगाहों के सज्जादा नशीन की मौजूदगी में उत्तराधिकारी घोषित किए जाने की घोषणा करेंगे|
जिसमे मुख्य रूप से अजमेर शरीफ दरगाह के मुतवल्ली सय्यद मारूफ मियाँ चिश्ती,सय्यद रउफ मियाँ चिश्ती,हैदराबाद के अकबर मियाँ निज़ामी, बदायूं के सालिम मियाँ सहित देश की तमाम दरगाहों के सज्जादा नशीन दस्तार बंदी कर के उत्तराधिकारी घोषित करने की रस्म अदा करेंगे।
मेले में दुकानें आने का सिलसिला शुरू हो गया है ज्ञात हो कि मख्दूम साहब का मेला हर वर्ष लगता है जो लगभग एक महीने तक चलता है जिसमे देश भर से मशहूर हलवा पराठा, कपड़े,बर्तन,लकड़ी के सामान सहित विभिन्न प्रकार की दुकान आती है झूले सर्कस लगते है जिसमे महिलाओं बच्चों की काफी भीड़ होती है उर्स में देश विदेश से श्रद्धालु आते है।