राहुल को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बनायेंगे मोदी !

मोदी-राहुल मिल के पाक को सबक सिखा देंगे
कल्पना कीजिए कि देशहित के लिए विपक्ष की तरह सरकार भी बड़ा दिल दिखाये, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को सुरक्षा सलाहकार बना दें। सम्पूर्ण विपक्ष और सरकार मिलकर सख्त फैसला करे। पाक को सबक सिखाने के लिए बेकाबू भारत के तकरीबन बीस करोड़ मुसलमानों की तरफ से सरकार पाकिस्तान को अल्टीमेटम दे- मसूद अजहर को हमारे हवाले करो नहीं तो युद्ध के लिए तैयार हो जाओ !
कश्मीर के हालात, पाकिस्तान की हरकतों, आतंकवादी हमलों और भारतीय सैनिकों की शहादतों से तंग आ गये हैं देशवासी। देश के हर धर्म समुदाय, क्षेत्र और सूबे के लोग अब समाधान चाहते हैं। ये पहला मौका है जब साफ जाहिर होने वाली सरकारी चूक को नजरअंदाज करके विपक्ष सरकार के साथ खड़ा होकर कह रहा है कि भारतीय सैनिकों की शहादत के दुख की घड़ी में हम सरकार के साथ हैं। सरकार जो भी कदम उठायेगी हम साथ देंगे।
सबसे बड़े विपक्षी दल कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी ने स्वस्थ राजनीति की एक मिसाल कायम की है। कांग्रेस अध्यक्ष चाहते तो ऐसे मौके पर दिये जाने वाले विपक्षी बयानों की पुनरावृत्ति करते। कहते- प्रधानमंत्री चूड़ियाँ पहन लीजिए.. कहां गया 56 इंची सीना.. अपराधियों के लिए हवाई जहाज और सैनिकों के लिए बख्तरबंद गाड़ियां भी नहीं !
साफ तौर पर खुफिया तंत्र इस तरह के आतंकी हमले की आशंका जता चुका था, फिर सरकार से इतनी बड़ी चूक कैसे हुई ! इतना बारूद आखिर कहां से आया !
सवाल तमाम थे लेकिन राहुल गांधी ने सरकार के समक्ष एक सवाल भी नहीं किया। इस कठिन समय पर बस सरकार के साथ खड़े होने और साथ देने की बात कहते रहे।
सैनिकों की ह्दयविदारक हत्या (शहादत) से गम और गुस्से में डूबे सारे देश के साथ देश का सम्पूर्ण मुस्लिम समाज का बच्चा-बच्चा सड़को पर उतर कर पाकिस्तान को सबक सिखाने की मांग कर रहा है। (सवा सौ करोड़ में किसी सिद्धू या किसी शादाब जैसे दो चार अपवाद को छोड़कर)
मौजूदा समय में राष्ट्ररक्षा और राष्ट्र सम्मान के बहुत पीछे हो गयी है राजनीति और धर्म।
वक्त-ए-मौका भी है दस्तूर भी है। सम्पूर्ण राष्ट्रीय और राजनीति दलों की सहमति से मोदी सरकार सख्त कदम उठाये। पाकिस्तान से अपने सैनिकों की जानों के गुनाहगार आतंकियों के सरगनाओं को मांगे नहीं तो युद्ध का अल्टीमेटम।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस कदम में राहुल गांधी को देश का राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बनाकर आगे करें। राहुल गांधी आतंकवाद से लड़ने के लिए जो जज्बा दिखा सकते हैं ऐसा जज्बा शायद ही किसी में हो। जिसकी दादी ने पाकिस्तान के टुकड़े किये हो उस दादी के पोते से पाक का डरना भी लाजमी है। जिस राहुल ने पिता और दादी के टुकड़े देखे हो वो आतंकवाद के खिलाफ किस सख्ती से लड़ेगा ये अंदाजा लगाया जा सकता है।
तमाम बातों में इस तरह की बातें भी देश में शोकाकुल माहौल में तैर रही हैं। अघोषित राष्ट्रीय शोक के दौरान सैनिकों की शहादत में भावुक जनता राजनीति से दूर है। भाजपा कार्यकर्ता तक बिना राजनीति किये सरकार के साथ खड़ी कांग्रेस के रवैये की तारीफ कर रहे है। प्रियंका गांधी ने सैनिकों की शहादत के गम के दौरान राजनीतिक गतिविधियों को दूर रखने की लकीर खींचते हुए यूपी में अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस स्थगित कर दी थी। इस कदम की सराहना हो रही है। हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राजनीतिक और सरकारी कार्यक्रमों में शिरकत पर लोग एतराज कर रहे हैं।
नवेद शिकोह
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