उत्तर प्रदेश

केंद्रीय उपोष्ण बागवानी सेंट्रल रहमान खेड़ा फार्म हाउस पर मृदा रहित व हाइड्रोपोनिक्स की खेती के बारे में किसानों को किया जागरूक

केंद्रीय उपोष्ण बागवानी सेंट्रल रहमान खेड़ा फार्म हाउस पर मृदा रहित व हाइड्रोपोनिक्स की खेती के बारे में किसानों को किया जागरूक

जनपद लखनऊ के मलिहाबाद क्षेत्र अंतर्गत केंद्रीय उपोष्ण बागवानी सेंट्रल रहमानखेड़ा फॉर्म पर आज एक दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें काफी संख्या में क्षेत्र के किसान व स्टूडेंट मौजूद रहे।हमारे देश में हाइड्रोपोनिक्स मृदा रहित खेती की एक नई तकनीक है। लेकिन यह हमारे लिए खेती में बहुत महत्वपूर्ण योगदान है। मिट्टी का प्रयोग न करते हुए हम किसी अन्य चीज का उपयोग करे जैसे नारियल का बुरादा,कोकोबिन,बर्लाइट, कोलाइट, बालू, य लकड़ी का बुरादा आदि। इस तरह की चीज़ों का उपयोग करके मृदा रहित खेती की जा सकती है।

यह खेती हम शहरों व ग्रामीण क्षेत्रों में भी कर सकते हैं शहरों में बालकनी वह छत पर इसकी खेती की जा सकती है ग्रामीण क्षेत्रों में जहां पर किसानों के पास भूमि उपलब्ध है पर गुणवत्ता ना होने के कारण खेती नहीं हो रही है उस स्थिति में हम मृदा रहित खेती कर सकते हैं।
हाइड्रोपोनिक्स खेती जहां पर मिट्टी बिल्कुल ही ना प्रयोग कर सिर्फ पानी के माध्यम से खेती की जाती है इस खेती में एक विशेष प्रकार का घोल डाला जाता है जिसमें आवश्यक खनिज व पोषक तत्व मिला दिए जाते हैं इस घोल की कुछ ही बूंदे पौधों को दी जाती है जो पानी कंकर बालू आदि में उगाए जाते हैं इन बूंदों के जरिए नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटैशियम, मैग्निशियम, कैलशियम, सल्फर, जिंक,और आयरन जैसे तत्व खास अनुपात में पौधों तक पहुंच जाते हैं जिससे पौधों की ग्रोथ में व्रद्धि होती है।यह खेती कहीं पर भी की जा सकती है इस तकनीक में टमाटर,शिमला मिर्च,स्ट्रॉबेरी, खीरा, सलाद के पत्ते,लहसुन,गोभी, आदि कई प्रकार की सब्जियां व फल, फूल उगाए जाते हैं।
रहमान खेड़ा फार्म हाउस के निदेशक डॉ शैलेंद्र राजन ने बताया की यह कार्यक्रम का आयोजन मुख्य रूप से उन किसान भाइयों के लिए किया गया है जो अपनी सब्जी स्वयं खुद उगाना चाहते हैं आमतौर पर घरों में बालकनी वह छत पर उगाने की इच्छा रखते हैं जहां मिट्टी ना हो उस पर या मृदा रहित खेती आसानी के साथ की जा सकती है आज के तौर पर रसायनों के प्रयोग से और कई कारणों से उनमें विषमता बढ़ रही है आज हर व्यक्ति चाहता है कि उसे ताजी व रसायन युक्त सब्जी उपलब्ध हो। और उन्होंने कहा छोटी सी जमीन में हम कैसे अधिक सब्जी का उत्पादन कर सकते हैं इस संबंध में यह ट्रेनिंग दी जा रही है कि 1 फीट चौड़ाई और 15 फीट ऊंचाई में हम दीवाल के सहारे कई सब्जियों को उगा सकते हैं इस बारे में हम लोगों से विचार-विमर्श करेंगे और आपस में ज्ञान बाटेंगे।

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